पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के 15 माह के शासनकाल के दौरान खस्ताहाल हुई मप्र की सड़कों को दुरुस्त करने के लिए भाजपा सरकार ने खजाना खोल दिया है। खासकर जिन क्षेत्रों में उपचुनाव होना है, वहां सड़कों के निर्माण कार्य सहित अन्य विकास कार्यों की सौगात दी गई है।
मप्र में आगामी दिनों में 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इनमें से 22 वे विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां के विधायकों ने विकास कार्य नहीं होने के कारण पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है। इन पूर्व विधायकों का आरोप था कि उनके क्षेत्र में विकास कार्य के लिए कांग्रेस सरकार ने कोई फंड मुहैया नहीं कराया था। अब भले ही इन नेताओं की विधायकी चली गई है, लेकिन भाजपा सरकार ने इनके क्षेत्र में विकास की गंगा बहाने की ठानी है।
यही नहीं इन पूर्व विधायकों को भी डर सताने लगा है कि जब वे उपचुनाव में वोट मांगने जाएंगे तो जनता उनसे 2018 के चुनाव में किए गए वादों का हिसाब न पूछने लगे। इसलिए अब इन्हें अपने क्षेत्र के विकास की चिंता सताने लगी है। इसलिए इन सभी पूर्व विधायकों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में जो बड़े विकास कार्य कराए जाने हैं, उसकी सूची मुख्यमंत्री शिवराज चौहान को सौंपकर स्पेशल पैकेज की मांग की है। विधायकों की मांग पर सरकार ने उनके क्षेत्र में सड़क और पुल निर्माण के लिए राशि मंजूर कर दी है। कई क्षेत्रों में कार्य भी शुरू हो गए हैं।
लोक निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार विगत दिनों हुई प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई की अध्यक्षता में हुई विभागीय बैठकों में उपचुनाव वाले क्षेत्रों के विकास के लिए राशि मंजूर की गई। जानकारी के अनुसार मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में सड़कों के निर्माण के लिए 9.30 करोड़ रुपए मंजूर किए गए। इसी तरह बदनावर के लिए 15.55 करोड़, सांची में सड़क निर्माण के लिए 6.62 करोड़ तथा पुल निर्माण के लिए 11.73 करोड़, करैरा में सड़क निर्माण के लिए 6.62 करोड़ और पुल निर्माण के लिए 5.20 करोड़, बमौरी में सड़क निर्माण के लिए 3.23 और पुल निर्माण के लिए 5.42 करोड़, सुवासरा में सड़क निर्माण के लिए 13.73 करोड़, हाटपिपल्या में सड़क निर्माण के लिए 15.52 करोड़, पोहरी में सड़क निर्माण के लिए 14.58 करोड़, अशोकनगर में सड़क निर्माण के लिए 10.49 करोड़, अम्बाह में सड़क निर्माण के लिए 15.77 करोड़, ग्वालियर में सड़क निर्माण के लिए 16.34 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।
वहीं ग्वालियर पूर्व में सड़क निर्माण के लिए 9.08 करोड़ और पुल निर्माण के लिए 2.64 करोड़, गोहद में पुल निर्माण के लिए 13.59 करोड़, मेहगांव में सड़क निर्माण के लिए 10.40 करोड़ और पुल निर्माण के लिए 3.31 करोड़, सुमावली में पुल निर्माण के लिए 17.56 करोड़, अनूपपुर में सड़क निर्माण के लिए 33.10 करोड़, दिमनी में सड़क निर्माण के लिए 15.42 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। वहीं जौरा और आगर के लिए अभी कोई प्रपोजल नहीं आया है, जबकि मुरैना में सड़क निर्माण के लिए 11.16 करोड़, डबरा में सड़क निर्माण के लिए 3.76 करोड़, सुरखी में सड़क निर्माण के लिए 17.23 करोड़, सांवेर में सड़क निर्माण के लिए 8.33 करोड़ और भांडेर में सड़क निर्माण के लिए 15.23 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इस तरह कुल 310.71 करोड़ रुपए सड़कों और पुल के निर्माण के लिए स्वीकृत किए गए हैं।
इसके साथ ही इन क्षेत्रों में अन्य विकास कार्यों के लिए सरकार जल्द ही बड़े पैकेज की घोषणा कर सकती है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार चुनावी लाभ प्राप्त करने के लिए विकास कार्य करवा रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का कहना है कि अगर भाजपा ने अपने 15 साल के शासनकाल के दौरान विकास कार्य कराए होते तो ऐसी नौबत नहीं आती। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि भाजपा हमेशा विकास पर जोर देती है। कांग्रेस के 15 माह के शासनकाल के दौरान प्रदेश में विकास की गति पूरी तरह रुक गई थी। अब प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार है इसलिए विकास कार्य तेजी से कराए जा रहे हैं। केवल चुनावी क्षेत्रों में ही नहीं, अन्य क्षेत्रों में भी विकास कार्य चल रहे हैं।
3500 करोड़ रुपए का कर्ज लेगी सरकार
प्रदेशभर में सड़कों के निर्माण, मरम्मत आदि के लिए मप्र सरकार 3500 करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। इसके लिए लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक और न्यू डेवलपमेंट बैंक से चर्चा की है, साथ ही पत्र भी भेजा है। मप्र सरकार की कोशिश है कि वह प्रदेश में सड़कों के निर्माण के लिए कम से कम ब्याज दर पर कर्ज ले। इसलिए लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव ने इन बैंकों से चर्चा की है। सूत्र बताते हैं कि अभी तक लंबी अवधि के लिए 8.9 प्रतिशत की दर से कर्ज लिया जाता रहा है, लेकिन अब सरकार की कोशिश यह है कि प्रदेश में सड़कों, पुल और फ्लाईओवर के निर्माण के लिए 3 प्रतिशत की दर पर कर्ज लिया जाए। इसके लिए एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक और न्यू डेवलपमेंट बैंक से पहले दौर की चर्चा हो चुकी है। जल्द ही यह डील फाइनल हो सकती है।
जितेन्द्र तिवारी