मप्र को औद्योगिक हब बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान निरंतर प्रयास कर रहे हैं। इसी कड़ी में इंदौर में 7 और 8 जनवरी 2023 को इनवेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया है। इस समिट को सक्सेस करने के लिए शासन स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शासन ने इनवेस्टर्स को रिझाने के लिए समिट के पहले प्रदेश के कई क्षेत्रों में नए औद्योगिक क्लस्टर बनाए जाएंगे। गौरतलब है कि कोरोना की गिरफ्त से निकलकर प्रदेश निवेश की राह पर बढ़ने की तैयारी में है। जनवरी 2023 में होने वाली ग्लोबल इंवेस्टर समिट से पहले निवेश का नया रोडमैप तैयार हो जाएगा। 10 से ज्यादा मल्टीनेशनल कंपनियां निवेश के लिए तैयार हैं। इनमें से कुछ से प्रारंभिक सहमति बन गई है तो कुछ जगह को लेकर मशक्कत में लगी हैं। आने वाले दिनों में आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (एआई) और ड्रोन उद्योग से लेकर टैक्सटाइल-वेयरहाउसिंग जैसे परंपरागत उद्योगों तक में नए क्लस्टर आकार लेंगे।
बता दें, कोरोना संक्रमण के कारण विदेशी निवेश लगभग बंद हो गया था। ऐसे में बंदिशों के कारण मप्र विदेशी निवेश को लेकर खास काम नहीं कर रहा था। अब स्थिति बदलने से वापस विदेशी निवेश पर फोकस किया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अगस्त में विदेश दौरा कर सकते हैं। इस बीच विभागीय स्तर पर विदेशी कंपनियों से निवेश को लेकर बातचीत जारी है। इन दिनों प्रदेश में औद्योगिक विकास तेज रफ्तार से हो रहा है। ग्रीन एनर्जी, आर्गेनिक खाद से लेकर लॉजिस्टिक इंडस्ट्री आकार ले रही है। भोपाल-राजगढ़ में 250 करोड़ से ग्रीन एनर्जी पार्क बनना है। इसमें 15 टन प्रतिदिन क्षमता का बायोगैस प्लांट, ऑर्गेनिक खाद, 20 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता का कार्बन-डाई-ऑक्साइड कैप्चर प्लांट और 10 मेगावाट क्षमता का केप्टिव सोलर पॉवर प्लांट बनेंगे। हाइड्रोजन व अमोनिया गैस भी बनेगी। वहीं भोपाल-इंदौर-जबलपुर-ग्वालियर-कटनी सहित 7 प्रमुख क्षेत्रों में एयरपोर्ट व सड़क कनेक्टिविटी वाले बड़े लॉजिस्टिक पार्क लाने की तैयारी भी है। भोपाल-इंदौर कॉरिडोर में आष्टा के समीप बड़े क्षेत्र पर एआई व आईटी हब के लिए प्लान है। 5 नए औद्योगिक क्षेत्रों को 714.56 करोड़ से बनना है। बैरसिया-भोपाल में 25.88 करोड़, आष्टा-सीहोर में 99.43 करोड़, धार में 79.43 करोड़, रतलाम में 462 करोड़ और नरसिंहपुर में 47.82 करोड़ की परियोजना है। इनमें 32 हजार करोड़ का निवेश संभावित है। 38 हजार रोजगार मिलेंगे।
इनवेस्टर्स समिट में आने वाले निवेश के प्रस्तावों को देखते हुए देवास में इंडस्ट्रियल एरिया बनेगा। यहां इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल पार्क, कमर्शियल, रेसीडेंशियल, लॉजिस्टिक इंडस्ट्री के प्रोजेक्ट की प्लानिंग है। देवास, सोनकच्छ, आष्टा व सीहोर तक इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाने की योजना है। वहीं पुणे के पिनेकेल उद्योग समूह ने 2000 करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव दे रखे हैं। यह समूह पीथमपुर में 2000 करोड़ के निवेश से इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल प्लांट लगाना चाहता है। इससे 7 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इसमें बस और छोटी लाइट कमर्शियल व्हीकल का उत्पादन होगा। जेएसडब्ल्यू पेंट समूह ने 1500 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया। अल्ट्राटेक सीमेंट व फोर्स मोटर्स समूह ने भी निवेश के प्रस्ताव दिए हैं। जेके टायर समूह ने मुरैना में प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया। 750 करोड़ से प्लांट लगेगा। हाइड्राइज समूह एथेनॉल प्लांट लगाने की तैयारी में है। यह प्लांट सिवनी में लगना है। यह कंपनी लंदन की एथेना कैपिटल्स के साथ प्रदेश में बड़ा निवेश करेगी। इसी तरह एथेनॉल प्लांट के लिए तीन और कंपनियों से प्रारंभिक बातचीत हुई है। जल्द ही प्रस्ताव आगे बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। चिरीपाल समूह ने रतलाम में 250 एकड़ में 4600 करोड़ निवेश का प्रस्ताव दिया। समूह सोलर सेल, सोलर ग्लास, पीवी मॉड्यूल की इकाई लगाएगा। टैक्सटाइल यूनिट भी लगेगी। इसमें 800 करोड़ निवेश का प्रस्ताव दिया है। इंटरनेशनल कम्फर्ट टेक्नोलॉजीज 180 करोड़ से मंडला के मनेरी में मेट्रेस, फोम किल्ट रोल्स और पिलो निर्माण की इकाई के विस्तार का प्रस्ताव दे चुका है। यह कंपनी देश की पॉलीयूरेथेन फोम निर्माण क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी स्लीपवेल ब्रांड में सामग्री का निर्माण करती है। अप्रैल 2020 से जनवरी 2022 के बीच 51 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। 3 हजार से एमएसएमई इकाइयां कोरोनाकाल के बीच नई शुरू हुईं हैं। सिवनी में हाइड्राइज ग्रुप ऑफ कंपनीज एथेनॉल प्लांट स्थापित करेगी। इसके लिए लंदन स्थित एथेना कैपिटल्स हाइड्राइज ग्रुप ऑफ कंपनीज में 50 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इससे किसानों को लाभ होगा और तेल आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए पेट्रोल के साथ एथेनॉल मिश्रण के कार्यक्रम को तेजी से ट्रैक किया जाएगा। इसके वर्ष 2023 में उत्पादन शुरू करने की उम्मीद है।
अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से रोजगार की बहार
मप्र को एक और बड़ी सौगात मिलने वाली है। भोपाल और इंदौर के बीच बहुत जल्द ही देश का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने जा रहा है। इसके लिए तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। इसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तकनीकी टीम को जगह दिखा दी गई है। यह जमीन सोनकच्छ, चापड़ा, हाटपिपल्या के बीच है। यहां 30 हजार एकड़ क्षेत्र में मेगा इंडस्ट्रियल रिजन भी तैयार किया जाएगा। इस जगह एयरपोर्ट बनने की वजह से कई युवाओं को रोजगार उपलब्ध होंगे। अभी तक यहां पर कई युवा बेरोजगार घूम रहे हैं जिन्हें इस जगह रोजगार मिल जाएंगे। भोपाल और इंदौर के बीच बन रहे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को बनाने का काम मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को सौंपा गया है। देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने की वजह से यहां कई शहरों से कनेक्टिविटी जुड़ जाएगी। इसके साथ ही हाईस्पीड कनेक्टिविटी होगी और जिलों से सीधा संपर्क भी जुड़ जाएगा। इस क्षेत्र को रेलवे से भी जोड़ने की योजना है। यहां एक रेलवे स्टेशन भी बनाया जा सकता है।
- राजेश बोरकर