मप्र में अवैध और अमानक शराब ने अब तक कई लोगों की जान ले ली है। अवैध और अमानक शराब को लेकर प्रदेश की राजनीति का पारा भी गर्म है। जहां एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेत्री उमा भारती शराबबंदी की आवाज उठा रही हैं, वहीं कांग्रेस का आरोप है कि प्रदेश में सरकार के संरक्षण में अवैध और अमानक शराब का धंधा चल रहा है। उधर, विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सरकार ने बताया है कि प्रदेश में अवैध और अमानक शराब के खिलाफ लगातार अभियान चल रहा है। प्रदेश में शराब दुकानों और निर्माण कंपनियों के यहां शराब जब्त कर उनकी जांच कराई गई तो सबसे अधिक सोम डिस्टलरी की शराब अमानक मिली।
दरअसल, कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने विधानसभा में प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी से सवाल किया था कि क्या खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 एवं नियम-2011 के अंतर्गत शराब की सैम्पलिंग की जाती है। यदि हां तो इंदौर एवं भोपाल शहर में 1 अप्रैल 2020 से 15 फरवरी 2021 की अवधि में किस-किस ब्रांड या डिस्टलरी की शराब के सैम्पलिंग कर जांच हेतु खाद्य एवं औषधि प्रशासन की प्रयोगशाला में भेजा गया है। क्या प्रदेश में मिलावटी एवं जहरीली शराब पीने से मुरैना, उज्जैन, बड़वानी एवं खरगोन जिलों में लोगों की मौतें हुई हैं। इन सवालों के जवाब में प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने जो जानकारी दी वह चौंकाने वाली है। उन्होंने बताया कि इस अवधि में जितने शराब की सैम्पलिंग की गई उनमें सोम की शराब अमानक पाई गई।
मंत्री ने बताया कि प्रदेश में विभिन्न खाद्य पदार्थों की सैम्पलिंग की तरह शराब की भी सैम्पलिंग होती है। प्रदेश में विगत 3 वर्षों में कुल 84 नमूने शराब के जांच हेतु लिए गए, जिनमें 54 नमूने मानक एवं 18 नमूने फेल हुए। विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार सोम डिस्टलरी प्रा.लि. सेहतगंज जिला-रायसेन में 2 मई 2019 को 9 सैम्पल लिए गए इनमें 7 सैम्पल मिथ्याछाप मिले, जिनमें ब्लूचिप जिन ऑरेंज टेंगो, ब्लू चिप सादा, लिजेंट प्रीमियम व्हिस्की, देशी मदिरा प्लेन, व्हाईट बॉक्स वोटका एप्पल फ्लेवर, देशी मदिरा, व्हाईट बॉक्स वोटका औरेंज फ्लेवर शामिल हैं। इस मामले में अभी प्रकरण विवेचना के अधीन है। इनके अलावा धार में विदेशी शराब दुकान से बॉम्बे स्पेशल व्हिस्की का सैम्पल मिथ्याछाप मिला। वहीं धार में भारत ढाबा से जब्प देशी मदिरा, इंदौर के आलोक दीप इंटरटेनमेंट प्रा.लि. से जब्त पावरफुल बीयर, के साथ ही अलीराजपुर के 8 सैम्पल मिथ्याछाप निकले। इन मामलों में प्रकरण अभियोजन स्वीकृति हेतु लंबित हैं। ये मामले बताते हैं कि प्रदेश में किस तरह अमानक शराब की बिक्री जोरों पर है।
प्रदेश में अवैध और अमानक शराब की बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन अंकुश नहीं लग पाया है। इस कारण जहरीली शराब के सेवन से लोगों की जान जा रही है। हालांकि प्रदेश में जहरीली शराब से मौत के मामले में सरकार ने विधानसभा में जो जानकारी दी है, उसके अनुसार उज्जैन में 14 अक्टूबर 2020 की रात को 12 लोगों की मौत जहरीली शराब से नहीं बल्कि जहरीला रसायन पीने से हुई थी। वहीं बड़वानी जिले में सितंबर में हाथ भट्टी शराब पीने से 2 लोगों की मृत्यु हुई थी, जिसकी जांच पुलिस विभाग द्वारा प्राथमिकी दर्ज कर की जा रही है। मृत्यों के कारण अभी स्पष्ट नहीं है। वहीं मुरैना जिले में 11 जनवरी 2021 को जहरीली शराब की घटित घटना में 24 लोगों की मृत्यु हुई थी। उक्त घटना के पश्चात देशी मदिरा दुकान छैरा, बागचीनी, सुमावली से देशी के सैम्पल लेकर उसके रसायनिक प्रशिक्षण हेतु विधि विज्ञान प्रयोगशाला ग्वालियर भेजे गए थे। प्राप्त जांच में उक्त मदिरा मानव सेवन के उपयुक्त पाई गई। खरगोन जिले के मिलावटी जहरीली शराब पीने से कोई मौत होने संबंधी प्रकरण सामने नहीं आया है। ऐसे में सवाल उठता है कि मुरैना और खरगोन में लोगों की मौत किस कारण हुई थी। मंत्री ने बताया कि प्रदेश में लगातार डिस्टलरियों में निर्मित मदिरा के सैम्पल लेकर उनकी जांच कराई जाती है। उधर, ध्यानाकर्षण में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदेश में आबकारी विभाग की मिलीभगत से अवैध और अमानक शराब का धंधा जोरों पर है।
अवैध शराब पर चुप्पी क्यों?
विधानसभा में अवैध शराब के मामले को उठाकर कांग्रेस ने सरकार को घेरने की कोशिश की। वहीं सदन के बाहर भी कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है। प्रदेश मीडिया सेल के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि सरकार के मंत्री शराब को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। गृहमंत्री कहते हैं कि जहरीली शराब से मौत नहीं हुई लेकिन अवैध शराब तो बिक रही है उस पर जवाब क्यों नहीं देते कि लॉ एंड ऑर्डर का फेलियर है। कांग्रेस का कहना है कि माना शराब जहरीली नहीं थी, लेकिन छतरपुर और सिवनी की घटनाएं बताती हैं कि प्रदेश में अवैध और अमानक शराब धड़ल्ले से बिक रही है। जब प्रदेश में शराब बनाने पर नकेल कसी गई तो उप्र से शराब की तस्करी शुरू हो गई। न शराब पीने वाले मानते हैं और न शराब बेचने वाले। तो क्या प्रदेश में कभी शराबबंदी मुमकिन है। अगर है तो उसका रास्ता क्या है और अगर मुमकिन नहीं है तो क्या नेता सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के लिए नशामुक्ति करने जैसी बयानबाजी करते हैं। इसका कोई ठोस रास्ता निकालने की जरूरत है वरना इस तरह से शराब से होने वाली मौतें बढ़ती जाएंगी। उधर, भाजपा नेत्री और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती प्रदेश में शराबबंदी के लिए लगातार दबाव बढ़ा रही हैं। उमा भारती के दबाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही अन्य भाजपा नेता भी शराबबंदी की बात तो खूब कह रहे हैं, लेकिन इन सबके बावजूद प्रदेश में अवैध और अमानक शराब का धंधा जोरों पर है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार अवैध शराब पर गोल-मटोल जवाब देकर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है।
- सुनील सिंह