मप्र में इन दिनों भूमाफिया के खिलाफ दनादन कार्रवाई हो रही है। सबसे अधिक कार्रवाई इंदौर में हो रही है। प्रदेश में भूमाफिया के खिलाफ 18 फरवरी को सबसे बड़ी कार्रवाई हुई। इंदौर प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 3,250 करोड़ रुपए की जमीन भूमाफिया से मुक्त कराई गई थी। इंदौर जिले में कुल 858 सोसाइटियों में से 128 की शिकायतें मिली थीं। इनमें से 17 भूमाफियाओं पर प्रकरण दर्ज किए गए थे। भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर जिला प्रशासन द्वारा महज चार गृह निर्माण संस्थाओं की 6 हजार 890 करोड़ से ज्यादा की जमीन भूमाफियाओं से मुक्त करवा ली गई है, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक काम है। प्रशासन के इन प्रयासों के चलते 3 हजार से ज्यादा पीड़ित सदस्यों का सपना पूरा होने की उम्मीद बंध गई है जो वर्षों से अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे थे। इस काम का श्रेय निश्चित रूप से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जाता है, जिन्होंने इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह को फ्री हैंड दिया। बस एक इशारा था और कलेक्टर एंटी भूमाफिया अभियान के रोल मॉडल बनकर उभर गए।
इंदौर में इससे पहले तीन बार भूमाफियाओं के खिलाफ अभियान चलाया जा चुका है। संस्थाओं की जमीनों से कब्जे हटाने और रसूखदार भूमाफियाओं पर नकेल कसने की कार्रवाई पहली बार हुई है। यही कारण है कि जिन लोगों ने भूमाफियाओं के प्रभाव में जमीनें खरीद ली वे खुद आगे आकर जमीन सरेंडर करने के आवेदन दे रहे हैं। अभी तक एक दर्जन लोग जमीन छोड़ने की पेशकश कर चुके हैं। इसके पीछे मुख्य कारण भूमाफियाओं के सरगनाओं पर केस दर्ज होने से फैली दहशत है।
गृह निर्माण संस्थाओं की जमीन खरीदने वालों में खासी दहशत फैली हुई है। रसूखदार भूमाफियाओं के प्रभाव में आकर जमीन खरीदने वाले 12 लोगों ने प्रशासन को जमीन सरेंडर करने का आवेदन दिया है। देवी अहिल्या संस्था, श्रीराम गृह निर्माण, जाग्रति गृह निर्माण संस्था की 44 एकड़ से ज्यादा जमीन छोड़ने की पेशकश खरीदार कर चुके हैं। इस जमीन का बाजार भाव 1700 करोड़ के लगभग है। जमीन सरेंडर के जो आवेदन मिले हैं उनमें देवी अहिल्या संस्था की 9, श्रीराम संस्था की 3 और जाग्रति गृह निर्माण की 2 रजिस्ट्रियां शामिल है।
भूमाफियाओं के खिलाफ पूर्व में भी दो बड़े अभियान चले मगर भूखंड पीड़ितों को अधिक न्याय नहीं मिल सका। मगर इस बार कलेक्टर मनीष सिंह की सख्ती और सूझबूझ के चलते पीड़ितों को मौके पर कब्जे भी मिल रहे हैं, तो दूसरी तरफ चर्चित भूमाफिया भागे-भागे फिर रहे हैं और जिन रसूखदारों ने संस्थाओं की जमीनें अपने नाम करवा ली वे भी एक-एक कर सरेंडर कर रहे हैं। अभी तक 20 लाख स्क्वायर फीट से अधिक संस्थाओं की जमीनें प्रशासन के समक्ष सरेंडर हो चुकी हैं। अब इनकी रजिस्ट्रियां भी कोर्ट के जरिए शून्य करवाई जाएंगी। 2 हजार करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की इन बेशकीमती जमीनों पर भूखंड पीड़ितों को तेजी से कब्जे दिलवाए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में करोड़ों रुपए मूल्य की और भी जमीनें इसी तरह सरेंडर होंगी, जिनकी जांच-पड़ताल चल रही है, जिसमें प्राधिकरण से अनुबंधित संस्थाओं और उसके बदले मिली जमीनों की जांच भी शामिल है। पहली बार शासन-प्रशासन, पुलिस का एक खौफ अवैध रूप से जमीनें खरीदने वालों में नजर आ रहा है।
संस्थाओं की आमसभा भी एक-एक कर आयोजित की जा रही है। आज मजदूर पंचायत और देवी अहिल्या की सभा बुलाई गई है, जिसमें इन सरेंडर की गई जमीनों के संबंध में ठहराव प्रस्ताव किए जाएंगे। पुलिस के हाथ गत दिनों एक और फरार भूमाफिया केशव नाचानी धराया, जिसे उदयपुर के फार्म हाउस से गिरफ्तार किया गया, तो दूसरी तरफ इंदौर हाईकोर्ट ने भी एक अनूठा और अभिनव फैसला दिया, जिसमें जेल में बंद आरोपी से 17 पीड़ितों की रजिस्ट्री करवाने के आदेश दिए। दूसरी तरफ देवी अहिल्या, मजदूर पंचायत, श्री राम गृह निर्माण से लेकर अन्य संस्थाओं द्वारा बेची गई जमीनों को सरेंडर करवाया जा रहा है। बीते 15 साल में इन संस्थाओं की जमीनों को भूमाफियाओं ने ठिकाने लगाया है। इसकी शुरुआत सबसे पहले अयोध्यापुरी से कलेक्टर मनीष सिंह ने शुरू करवाई और यहां पर पीड़ितों को उनके भूखंडों के कब्जे तो दिलवाए, वहीं जिन रसूखदारों ने जमीनें खरीद ली थी, उनसे सरेंडर भी करवाई गई। श्री राम गृह निर्माण की 15 एकड़ जमीन, गुरु कृपा एसेन्स, बीपीए सिविलकॉन से सरेंडर करवाई गई, तो जागृति गृह निर्माण की 26 हजार 400 स्क्वायर फीट जमीन दीप गणेश से और 1 लाख 80 हजार स्क्वायर फीट सविता गृह निर्माण से सरेंडर हुई है। इसी तरह श्री महालक्ष्मी नगर की जमीनें मिरांडा, मनीकरण, मुमेंटम, सन्नी, रजत, बेस्टैग इंडिया से सरेंडर करवाई जा रही है, तो मजदूर पंचायत की केशव नाचानी, मल्हार होटल्स व अन्य से सरेंडर होगी। अयोध्यापुरी की ही केएस ऑइल, पुष्पेन्द्र ठाकुर सहित अन्य से सरेंडर करवाई गई है, जिसके चलते अयोध्यापुरी, पुष्प विहार में ही 700 से अधिक पीड़ितों को मौके पर भूखंडों के कब्जे भी मिल गए हैं।
रेवड़ी की तरह बांट दी गई जमीन
इंदौर में भूमाफियाओं के रसूख का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि तमाम कानून को ताक पर रख गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनें रेवड़ी की तरह बांट दी गई। यह सारा काम डमी अध्यक्षों के हाथ से करवाया जो आज भागते फिर रहे हंै। बॉबी ने सूदन को देवी अहिल्या संस्था का अध्यक्ष बनवाया था जिसके जरिए अयोध्यापुरी कॉलोनी की 8 एकड़ से ज्यादा जमीन भूमाफिया सुरेंद्र संघवी, दीपक जैन उर्फ दिलीप सिसोदिया उर्फ मद्दा, कई केसों में फरार चल रहा भूमाफिया अरूण डागरिया का साला अतुल सुराणा 14 लोगों के नाम कर दी गई। श्री महालक्ष्मी नगर की 37 एकड़ से ज्यादा जमीन सूदन के ही जरिए 10 लोगों को बेची गई। इसी प्रकार मजदूर पंचायत संस्था की पुष्पविहार कॉलोनी में 4 एकड़ से ज्यादा जमीन संस्था मैनेजर नसीम हैदर के हाथों मल्हार होटल्स प्रा.लि. के गुरमीत पिता भगत सिंह छाबड़ा, केशव नाचानी और ओमप्रकाश धनवानी को बेची गई।
- विकास दुबे