मप्र में लॉकडाउन के चलते शराब की दुकानें बंद हैं, लेकिन इससे सिर्फ वैध शराब बेचने वालों को समस्या हो रही है। अवैध शराब बेचने वालों का धंधा इस लॉकडाउन में भी खूब फल-फूल रहा है। मप्र आबकारी विभाग के सूत्रों का अनुमान है कि अभी तक लॉकडाउन में शराब तस्करों ने करोड़ों रुपए की अवैध कमाई कर ली है। इसको देखते हुए कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहोलिक बेवरेज कंपनीज (सीआईएबीसी) ने मप्र सहित दस राज्यों की सरकारों से शराब की दुकानें खोलने की मांग की है। लेकिन मप्र सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है कि 3 मई के पहले प्रदेश में शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी।
आबकारी विभाग के सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में शराब की 3,605 दुकानों से देशी-विदेशी शराब की बिक्री होती है। लॉकडाउन के कारण सरकार ने इन दुकानों को बंद करा दिया है। उसके बाद भी प्रदेश में देशी-विदेशी शराब की अवैध बिक्री खूब हो रही है। सूत्र बताते हैं कि यह अवैध करोबार आबकारी, पुलिस, प्रशासन, कुछ स्थानीय नेता और शराब ठेकेदारों के साथ मिलकर कर रहे हैं। अवैध शराब के कारोबार में उपभोक्ताओं से डबल-ट्रिपल रेट वसूला जा रहा है। मसलन 180-200 रुपए वाली बीयर की बोतल 400-500 रुपए तक में बेची-खरीदी जा रही है। विदेशी स्कॉच 2500 वाली 4 से पांच हजार रुपए तक में ली-दी जा रही है। कमोवेश यही आलम भारत में निर्मित विदेशी ब्रांडेड शराब का है। इस शराब की 800-1000 रुपए के आसपास वाली कीमत की शराब की एक बोतल 2-3 हजार तक में बिक रही है।
सूत्रों का कहना है कि शराब तस्करों से हुई पूछताछ के दौरान पता चला कि लॉकडाउन में शराब की बिक्री पूरी तरह बंद होते ही, उसकी डिमांड बेतहाशा बढ़ गई। सरकारी दुकान वालों का स्टॉक लॉकडाउन से ठीक पहले आधिकारिक रूप से क्लोज कर दिया गया। ऐसे में शराब कारोबार से जुड़े कुछ लोगों की चांदी हो गई। लॉकडाउन लागू होने की भनक लगते ही शराब के धंधे से जुड़े तमाम लोगों ने बहुतायत में स्टॉक दाएं-बाएं कर लिया, जिसकी अब लॉकडाउन में मनमानी कीमत वसूली जा रही है। शराब करोबार से जुड़े एक व्यापारी ने बताया, सुनने में आ रहा है कि 100 पाइपर्स की एक बोतल की कीमत 625-870 रुपए के आसपास है। जबकि ब्लैकियर इसकी कीमत चोरी-छिपे 2800 से 3000 रुपए तक वसूलते सुने जा रहे हैं।
इसी तरह ज्यादा डिमांड में रहने वाली बैलेंटीन की 1350 एमआरपी वाली बोतल 3000 रुपए में बेची जा रही है तो जॉनी वॉकर रेड लेबल की 1950 रुपए की बोतल 4000 और शिवाज रीगल तथा जानी वॉकर ब्लैक लेबल की 2880 वाली बोतल अधिक डिमांड के कारण 8000 रुपए में बेची जा रही है। यही हालत रेड लेबल जैसे मशहूर ब्रांड की है। बाजार में इसकी कीमत 1450 के आसपास है, मगर लॉकडाउन में इसकी कीमत 2500 से 3000 हजार तक जा पहुंची है। इसी तरह का हाल 150 रुपए वाली छोटी बोतल का है। वैसे सब कुछ खरीदने-बेचने वाले के बीच सौदे पर निर्भर कर रहा है मगर यह भी 300-400 तक के रेट पर बिकने की खबरें सुनी जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार, प्रदेश में शराबबंदी के साथ ही हर जिले में कच्ची शराब बनाने की भट्टी खुल गईं। कहीं घर में, कहीं खेत में तो कहीं जंगल में कच्ची शराब की भट्टी खुल गई हैं। पुलिस ने टीकमगढ़ के निवाड़ी, शिवपुरी, जबलपुर सहित करीब दर्जनभर स्थानों पर छापामार कच्ची शराब बनाने के गोरखधंधे पर नकेल कसी है।
प्रदेशभर में पुलिस और आबकारी विभाग ने छापामारी कर अभी तक करोड़ों रुपए की अवैध शराब जप्त की है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पकड़ाए तस्करों से सुराग मिले हैं कि इस गोरखधंधे में कुछ कारोबारी सहित पुलिस भी मिली हुई है। प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान शराब की लत वाले आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। भोपाल में जहां एक व्यक्ति बीयर के भ्रम में एसिड पीने तथा एक व्यक्ति शराब की लत में धतूरा खाने से मौत का शिकार हुआ है। इसी तरह प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी शराब के आदी लोगों की मौत हुई है।
सीआईएबीसी के महानिदेशक विनोद गिरी का कहना है कि लॉकडाउन के बाद सरकार ने शराब की बिक्री पर रोक लगा दिया है। लेकिन अवैध बिक्री हो रही है। इसलिए हमने सरकारों से मांग की है कि वे शराब बिक्री की अनुमति प्रदान करें।
तस्करी के निकाले नए-नए तरीके
लॉकडाउन के दौरान तस्करों ने तस्करी के नए-नए फॉर्मूले इजात कर लिए हैं। गुना में ऑनलाइन फूड डिलीवरी सर्विस के नाम पर घरों में शराब पहुंचाने वाले डिलिवरी मैन को पुलिस ने गत दिनों 40 पेटी शराब के साथ पकड़ा। गुना की साईं सिटी कॉलोनी में छापे के दौरान डिलीवरी मैन के किराए के मकान से अवैध रूप से रखी 500 बोतल अंग्रेजी शराब जब्त की है, साथ ही एक स्कॉर्पियों भी पकड़ी है। आरोपी इसी वाहन से ग्वालियर से शराब मंगवाता था। वहीं भोपाल में नगर निगम की कचरा गाड़ी में शराब की तस्करी हो रही थी। जिसे मुखबिरों की सूचना के बाद पकड़ा गया। विंध्य क्षेत्र के जिलों में नशीली दवाओं की खूब बिक्री हो रही है। पुलिस रोजाना तस्करों को नशीली दवाओं की खेप के साथ पकड़ रही है। गत दिनों सिंगरौली के चितरंगी में पुलिस ने 1680 सीसी नशीली दवा सहित बाइक व चार पहिया वाहन जप्त किया।
- रजनीकांत पारे
इनका कहना है
पुलिस अलग है और हम अलग धरपकड़ कर रहे हैं। हमारे पास सीमित स्टाफ है। फिर भी हम शराब बेचने और बनाने वालों की धर-पकड़ कर रहे हैं। प्रदेश में महुआ से अवैध शराब बनाने वालों पर भी बड़ी कार्यवाही हुई है।
राजेश बहुगुणा, आयुक्त, आबकारी विभाग