स्कॉलरशिप का तोहफा
23-Jun-2020 12:00 AM 582

 

देश में अक्सर यह बात आम लोगों की जुबान से सुनी जाती है कि पुलिसकर्मी का बच्चा किसी काम का नहीं होता। इसकी वजह यह है कि लगभग सभी राज्यों में अमला कम होने के कारण पुलिस विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को 12 से 18 घंटे ड्यूटी करनी पड़ती है। ऐसे में पुलिसकर्मी अपने बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। मप्र में पुलिसकर्मियों की इस व्यथा को डीजीपी विवेक जौहरी ने महसूस किया है और पुलिसकर्मियों के बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देते हुए ऐलान किया है कि पुलिसकर्मियों के बच्चों को पुलिस विभाग स्कॉलरशिप देगा। डीजीपी ने कहा कि पुलिसकर्मियों के बच्चों की पढ़ाई में आर्थिक तंगी बाधा नहीं बनेगी और होनहार बच्चों की पढ़ाई में विभाग पुलिसकर्मियों की मदद करेगा। डीजीपी विवेक जौहरी ने कहा कि पुलिसकर्मियों के बच्चों की पढ़ाई में आर्थिक तंगी बाधा न बने इसके लिए नियमों में बदलाव किया गया है और पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए नया शिक्षा निधि नियम जारी किया जाएगा और 11वीं, 12वीं और निजी कॉलेजों में पढ़ने वाले पुलिसकर्मियों के बच्चों को स्कॉलरशिप पुलिस विभाग की ओर से दी जाएगी।

डीजीपी विवेक जौहरी की ये सौगात कई पुलिसकर्मियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि कई बार आर्थिक तंगी के कारण पुलिसकर्मी अपने बच्चों को अच्छे स्कूल और कॉलेजों में नहीं पढ़ा पाते हैं और अब जब विभाग की तरफ से उन्हें मदद मिलेगी तो उनके बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ाने का सपना साकार हो सकेगा। मप्र पुलिस के इतिहास में पहली बार नवीन शिक्षा निधि का गठन किया गया। इस शिक्षा निधि का फायदा राज्य के करीब डेढ़ लाख पुलिसकर्मियों के बच्चों को मिलने की उम्मीद है। पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों के बच्चों द्वारा शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रोत्साहन स्वरूप पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने एक जून 2020 से नवीन शिक्षा निधि नियमावली जारी की है। इसके तहत ही पुलिसकर्मियों के बच्चों की पढ़ाई में आर्थिक मदद करने की तैयारी की जा रही है। पुलिस महानिदेशक द्वारा पूर्व की शिक्षा निधि-शिक्षण शुल्क प्रतिपूर्ति योजना को बदलकर नवीन शिक्षा निधि नियमावाली जारी की गई है। इसमें अशासकीय संस्थानों में अध्ययन करने वाले पात्र बच्चों की शासकीय महाविद्यालयों के अनुरूप ट्यूशन फीस का भुगतान किया जाएगा।

पुलिसकर्मियों के 11वीं और 12वीं में अध्ययनरत बच्चे, जिनका पिछली उत्तीर्ण परीक्षा का प्रतिशत 60 से 84 तक है, को 2500 रुपए और 85 प्रतिशत या अधिक है तो 4 हजार रुपए वार्षिक राशि दी जाएगी। बारहवीं कक्षा के बाद इंटीग्रेटेड कोर्स (4 या 5 वर्षीय), स्नातक (3 से 4 वर्षीय), स्नात्कोत्तर (2 से 3 वर्षीय) तथा डिप्लोमा कोर्स में गत वर्ष 60 प्रतिशत या अधिक अंको से परीक्षा उत्तीर्ण की हो तथा शासकीय महाविद्यालय, केंद्र अथवा राज्य से मान्यता प्राप्त स्वशासी, गैर शासकीय महाविद्यालय या संस्थान में अध्ययनरत बच्चों को शासकीय महाविद्यालय में संबंधित कोर्स के लिए निर्धारित वार्षिक ट्यूशन फीस अथवा क्लेम की जाने वाली वार्षिक फीस, दोनों में से जो भी कम हो, प्रदान की जाएगी। शिक्षण सत्र की वार्षिक (दो सेमेस्टर) ट्यूशन फीस अधिकतम 75 हजार रुपए तक देय होगी।

दिवंगत हुए ऐसे पुलिस अधिकारी, कर्मचारी जिन्हें असाधारण परिवार पेंशन स्वीकृत होती है, के बच्चों को भी पात्रता अनुसार ट्यूशन फीस प्रदान की जाएगी। ट्यूशन फीस प्रतिपूर्ति पात्रतानुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, उप-सेनानी से आरक्षक स्तर के कर्मियों के अध्ययनरत प्रथम दो बच्चों के लिए होगी। बाल आरक्षक स्वयं के वयस्क होने तक शिक्षा निधि से पात्रतानुसार ट्यूशन फीस प्रतिपूर्ति का लाभ ले सकता है। जिस शाखा के अधीन बाल आरक्षक पदस्थ हैं, उस शाखा प्रभारी का दायित्व रहेगा कि वह उसका प्रकरण इकाई प्रमुख के माध्यम से नियमानुसार भेजें।

ट्यूशन फीस प्रतिपूर्ति राशि पात्रतानुसार नियमित रूप से प्रवेश लेकर अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को ही प्रदान की जाएगी। किसी कक्षा-सेमेस्टर में उत्तीर्ण होने पर उस कक्षा-सेमेस्टर के लिए दूसरी बार प्रतिपूर्ति राशि नहीं दी जाएगी। लगातार अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को ही पात्रतानुसार ट्यूशन फीस प्रतिपूर्ति की पात्रता होगी। विगत शिक्षण सत्र में गैप, पूरक परीक्षा अनुत्तीर्ण को पात्रता नहीं होगी। इकाई में प्राप्त आवेदन पत्रों का इकाई स्तर की कमेटी द्वारा परीक्षण कर, जोन-रेंज को भेजा जाएगा, जिसका जोन स्तर पर बनाई गई कमेटी द्वारा परीक्षण कर, अनुशंसा सहित मय सहपत्रों के पुलिस मुख्यालय भेजा जाएगा। यह योजना शिक्षण सत्र 2020-21 से आगामी आदेश तक आने वाले शिक्षण सत्रों के लिए मान्य होगी। मध्यप्रदेश पुलिस शिक्षा निधि से राशि स्वीकृति के संबंध में पुलिस महानिदेशक का निर्णय अंतिम होगा।

होनहार बच्चों को मिलेगी स्कॉलरशिप

नया शिक्षा अधिनियम जारी करते हुए डीजीपी विवेक जौहरी ने बताया कि अब उन पुलिसकर्मियों को भी इसका लाभ मिलेगा जिनके बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ते हैं। 10वीं और 11वीं की परीक्षा में जिन बच्चों ने 85 प्रतिशत से ज्यादा अंक हासिल किए हैं उन्हें पुलिस विभाग की तरफ से 4 हजार रुपए की राशि दी जाएगी। जिन बच्चों के 60 प्रतिशत से ज्यादा अंक होंगे उन्हें ढाई हजार रुपए की राशि दी जाएगी। 12वीं क्लास में 60 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने वाले पुलिसकर्मी के बेटे की कॉलेज फीस में भी मदद की जाएगी और निजी कॉलेज में पढ़ने वाले पुलिसकर्मियों के बच्चों को भी 75 हजार तक की कॉलेज फीस में मदद की जाएगी।

- नवीन रघुवंशी

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