05-Dec-2014 08:06 AM
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मैच के दौरान सिर में गेंद लगने से घायल हुए ऑस्ट्रेलिया के 25 वर्षीय बल्लेबाज फिल ह्यूज का निधन हो गया। शेफील्ड शील्ड के एक मैच के दौरान सिर में गेंद लगने से घायल हुए ऑस्ट्रेलिया के 25 वर्षीय बल्लेबाज फिल ह्यूज की हालत काफी खराब थी और वह लगातार जिंदगी के लिए जूझ रहे थे, लेकिन आज उनके निधन की दुखद खबर आ गई।
टीम के डॉक्टर ने कहा कि वह चोट लगने के बाद कभी भी होश में नहीं आए। निधन होने से पहले उन्हें कोई दर्द नहीं था। अपने जीवन के अंतिम समय में वह अपने परिवार और दोस्तों के बीच घिरे हुए थे। पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग, फिल जैक्स और ब्रेट ली के साथ कंगारू टीम के वर्तमान साथी ब्रैड हैडिन, स्टीवन स्मिथ, शेन वॉटसन, डेविड वॉर्नर, मिचेल स्टॉर्क हॉस्पिटल में लगातार मौजूद थे। राष्ट्रीय कोच डेरेन लेहमैन भी साथ में थे। टेस्ट टीम में वापसी की राह पर खड़े बाएं हाथ के बल्लेबाज ह्यूज को तेज गेंदबाज सीन एबोट की एक बाउंसर सिर के निचले हिस्से में लगी थी और वह विकेट पर ही बेहोश हो गए थे। इसके बाद ह्यूज को तुरंत उपचार के लिए यहां के सेंट विसेंट अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी इमरजेंसी सर्जरी हुई। ह्यूज सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में न्यू साउथ वेल्स ब्लूज के खिलाफ साउथ ऑस्ट्रेलिया के लिए बल्लेबाजी कर रहे थे।
फॉर्मूला वन ड्राइवर माइकल शूमाकर को लकवा हुआ
पिछले साल दिसंबर में स्कीइंग के दौरान चोटिल होने वाले सात बार के पूर्व फार्मूला वन चैंपियन जर्मनी के माइकल शूमाकर को अब लकवा मार गया है। शूमाकर के एक दोस्त के अनुसार इस पूर्व चैंपियन को बोलने में भी परेशानी हो रही है और उनकी याददाश्त भी कमजोर हुई है। शूमाकर के दोस्त और पूर्व फार्मूला वन ड्राइवर फेलिपे स्ट्रीफ ने कहा, शूमाकर को लकवा मार गया है और सिर में लगी चोट के कारण उन्हें बोलने में समस्या है। साथ ही उन्हें याददाश्त संबंधी समस्या भी है।Ó 45 वर्षीय शूमाकर स्कीइंग के दौरान दुर्घटना का शिकार हुए थे और उनके सिर में गंभीर चोट लगी थी जिस कारण वह कई महीने कोमा भी रहे थे। करीब नौ महीने अस्पताल में रहने के बाद शूमाकर की सितंबर में घर वापसी हुई थी। काबिलेगौर है कि स्ट्रीफ को भी 1989 में एक दुर्घटना के बाद लकवा मार गया था।
चैंपियन बने जोकोविक
वल्र्ड नंबर वन नोवाक जोकोविक ने साल के अंत में होने वाले एटीपी टूर फाइनल्स का खिताब चौथी बार जीत लिया है। वह 29 सालों के बाद लगातार 3 बार इस टूर्नामेंट को जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। इससे पहले 1985 से 87 तक इवान लेंडल ने खिताबी जीत की हैट्रिक लगाई थी। सबसे पहले हैट्रिक खिताब 1971 से 1973 तक लिली नास्टेस ने जीता था। जोकोविक ने कुल मिलाकर इस खिताब को चौथी बार जीता है।
लंदन में सर्बियाई खिलाड़ी को फाइनल मैच में एक गेम खेले बगैर ही चैंपियन बनने का गौरव उस समय हासिल हुआ जब दूसरे नंबर के रोजर फेडरर ने चोटिल होने के कारण मैच में नहीं उतरने का फैसला लिया। फेडडर को बैक इंजरी है और वह फाइनल में खेलने नहीं उतरे। जोकोविक की टूर्नामेंट में यह लगातार 14वीं जीत है।
साइना ने जीता चाइना ओपन
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल ने जापान की युवा खिलाड़ी अकेनी यामागुची को सीधे गेम में हराकर 700,000 डालर इनामी चाइना ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीता। विश्व में पांचवें नंबर की खिलाड़ी ने हैक्सिया ओलंपिक स्पोर्ट सेंटर में महिला एकल के फाइनल में 17 वर्षीय अकेनी को 42 मिनट तक चले मुकाबले में 21-12, 22-20 से हराया। यह साइना का साल का तीसरा खिताब है। उन्होंने जून में ऑस्ट्रेलियन सुपर सीरीज और इस साल के शुरू में सैयद मोदी अंतरराष्ट्रीय ग्रां प्री गोल्ड का खिताब जीता था। यह उनका कुल आठवां प्रीमियर सुपर सीरीज खिताब है। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में छठी बार भाग ले रही साइना ने अपने अनुभव का अच्छा इस्तेमाल करते हुए चुस्ती और चपलता दिखाने वाली अकेनी की चुनौती को समाप्त किया।
डालमिया हो सकते हैं अगले बीसीसीआई चीफ!
आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख को देखते श्रीनिवासान की भारतीय क्रिकेट बोर्ड की अध्यक्ष की कुर्सी जानी तय मान रहा बीसीसीआई अब संकटमोचक नए अध्यक्ष की तलाश में जुट गया है। क्रिकेट और बोर्ड की साख बचाने के लिए बीसीसीआई की श्रीनिवासन विरोधी लॉबी क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के अध्यक्ष जगमोहन डालमिया को बोर्ड का नया अध्यक्ष बनाने के प्रयास में जुट गई है। डालमिया जहां अध्यक्ष पद के सबसे प्रबल दावेदार हैं वहीं बोर्ड उपाध्यक्ष राजीव शुक्ल को उनके साथ महासचिव बनाने के प्रस्ताव पर भी गंभीर चर्चा चल रही है। सर्वोच्च अदालत के मुद्गल कमिटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने के रुख के बाद बीसीसीआई की सियासत से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अब श्रीनिवासान का पद पर बने रहना ही नहीं बल्कि दुबारा अध्यक्ष बनना लगभग नामुकिन दिख रहा है। इसीलिए बोर्ड को संकट के इस दौर से निकालने के लिए अनुभवी और व्यापक स्वीकार्यता वाले व्यक्ति के हाथ में कमान सौंपनी होगी।