19-Nov-2014 06:55 AM
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आम तौर पर शांत रहने वाले और क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर अचानक मुखर हो गए हैं। उनकी यह मुखरता शब्दों में नहीं बल्कि किताब में झलक रही है। भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलकर की किताब प्लेइंग इट माय वे में ऑस्ट्रेलिया के मशहूर खिलाड़ी ग्रेग चैपल से लेकर ऑस्ट्रेलिया में घटे मंकीगेट विवाद तक बहुत कुछ कहा गया है। जिसने ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और खिलाडिय़ों को बौखलाने पर मजबूर किया है।
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट की सबसे मजबूत टीम ही नहीं है बल्कि मैदान के बाहर भी ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और खिलाड़ी विपक्षियों केे मनोबल को तोडऩे से लेकर गाली-गलौच और चरित्र हनन तक हर हथकंडा अपनाते हंै। ग्रेग चैपल जब भारत के कोच बनकर आए तो उन्होंने भी भारतीय क्रिकेट को एक एजेंडे के तहत नष्ट करने की भरसक कोशिश की और सौरव गांगुली सहित तमाम खिलाडिय़ोंं का कॅरियर बीच मझधार में ही खत्म कर दिया। सचिन उस वक्त एक खिलाड़ी के रूप में इन घटनाओं को देख रहे थे लेकिन तब वे कुछ बोल नहीं सकते थे क्योंकि बोलना आत्मघाती सिद्ध होता, लेकिन अब सचिन शब्दों से बोले हैं तो ऑस्ट्रेलियाई मीडिया सचिन तेंदुलकर को पॉलिटिकल एनिमल घोषित करने पर तुला हुआ है लेकिन सच तो यह है कि ऑस्ट्रेलिया ने क्रिकेट में जितनी राजनीति की है उतनी किसी अन्य देश ने नहीं की।
क्रिकेट के असली पॉलिटिकल एनिमल तो ऑस्ट्रेलियाई ही हैं। जब 1997 में तेंदुलकर को श्रीलंका के खिलाफ अपमानजनक तरीके से कप्तानी से हटा दिया गया, उस घटना का भी तेंदुलकर ने जिक्र किया है और बताया है कि मंकीगेट कांड के समय हरभजन सिंह और एंड्रयू साइमंड्स के बीच हुए विवाद के बाद टीम इंडिया दौरा भी छोडऩे वाली थी। तेंदुलकर ने कपिल देव की भी आलोचना की है और कहा गया है कि कपिल देव ने कोच के समय काफी निराश किया था। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने चैपल और मंकीगेट प्रकरण को ही आधार बनाया है।
क्या लिखा है किताब में
प्लेइंग इट माय वेÓÓ में लिखा गया है कि 2007 के वल्र्ड कप से पहले ग्रेग चैपल राहुल द्रविड़ को कप्तान के पद से हटाकर उनकी जगह तेंदुलकर को लाना चाहते थे। चैपल 2005 से 2007 के बीच भारत की क्रिकेट टीम के विवादास्पद कोच थे। उन्होंने सचिन के आरोपों का खंडन करते हुए कहा है, सचिन की नई किताब में जो दावा किया गया है, उस बारे में मुझे आज पता चला।
मैं शब्दों की जंग में नहीं पडऩा चाहता। मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि भारतीय टीम के कोच के तौर पर मैंने जो समय बिताया, उसमें मैंने कभी भी राहुल द्रविड़ की जगह सचिन को देने के बारे में नहीं सोचा। इसलिए जब मुझे किताब में किए गए दावे के बारे में पता चला तो मैं काफी हैरान हुआ।ÓÓ चैपल ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की वेबसाइट पर अपना बयान जारी किया है और वह इस खबर से काफी नाराज दिख रहे हैं। सचिन की लिखा है कि चैपल उनसे मिलने उनके घर आए और वहां उन्होंने यह प्रस्ताव रखा। वहीं चैपल का कहना है कि वह केवल एक बार सचिन के घर गए हैं और किताब में जिस समय का जिक्र किया गया है, वे उससे एक साल पहले सचिन के पास गए थे। उन्होंने बताया कि उस समय उनके साथ टीम का एक फिजियो और असिस्टैंट कोच भी था, हमने एक दूसरे के साथ अच्छी शाम बिताई लेकिन कप्तानी का विषय एक बार भी नहीं उठा था।ÓÓ इसके विपरीत सचिन ने लिखा है कि अपने घर पर चैपल की बातों से वह हैरान रह गए, उन्होंने कहा कि अगर हम एक साथ आ जाएं तो सालों तक भारतीय क्रिकेट पर अपना दबदबा बनाकर रख सकते हैं। मैं हैरान था कि कोच कप्तान के लिए जरा भी सम्मान नहीं दिखा रहे थे और वह भी तब जब क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट कुछ ही महीने दूर था।ÓÓ
सचिन ने लिखा है कि चैपल करीब दो घंटे तक उन्हें मनाने की कोशिश करते रहे। इस विवाद के अलावा सचिन ने किताब में चैपल की तुलना रिंगमास्टर से की है। उन्होंने लिखा है, चैपल एक रिंगमास्टर की तरह थे जो अपने आइडिया दूसरों पर थोपते थे बिना इस बात की परवाह किए कि सामने वाले को इससे कोई दिक्कत तो नहीं।ÓÓ सचिन ने यह भी लिखा है कि उन्होंने बीसीसीआई से निवेदन किया कि चैपल को वर्ल्ड कप के लिए टीम के साथ ना भेजा जाए लेकिन उनकी बात मानी नहीं गयी। इस वल्र्ड कप में भारत शुरुआती दौर में ही बाहर हो गया था। राहुल द्रविड़ इस पूरे मामले से दूरी बनाए हुए हैं। उनका कहना है कि सचिन और चैपल के बीच निजी बातचीत हुई जिससे उनका कोई लेना देना नहीं हैं, ना ही उन्होंने पहले इस तरह की बात सुनी है और ना ही चैपल के जाने के इतने सालों बाद अब उन्हें कोई फर्क पड़ता है।
सानिया भी सचिन की राह पर, लिख रही आत्मकथा
टेनिस स्टार सानिया मिर्जा मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की राह पर चल निकली हैं और वह भी इस क्रिकेट लीजेंड की तरह लेखक बन गई हैं। सानिया भी इन दिनों अपनी आत्मकथा लिखने में व्यस्त हैं। सचिन के बाद अब जल्द ही प्रशंसकों को दिग्गज टेनिस खिलाड़ी सानिया की आत्मकथा पढऩे को मिल सकती है।
सचिन ने पिछले दिनों प्लेइंग इट माई वे नाम से अपनी आत्मकथा प्रकाशित कराई है और वह अब इस किताब के प्रमोशन के लिए दुनियाभर के घूम रहे हैं। सानिया ने खुद इसकी पुष्टि करते हुए कहा, मैं आत्मकथा के 26 अध्याय लिख चुकी हैं। इसमें कुछ और नए अध्याय जोडऩे हैं। जल्द ही मैं बता दूंगी की कब यह पूरी होगी और कब इसका विमोचन होगा। उन्होंने आगे कहा कि लिखने को बहुत कुछ है जिसमें काफी सच्ची बातें हैं तो कुछ झूठी। हालांकि मैं चाहती हूं कि मैं अपनी ही कहानी लोगों को पढऩे को दूं। मैं अपनी आत्मकथा लिख रही हूं जिसके जरिए मैं लोगों के बीच पहुंच सकती हूं।