11-Nov-2014 02:25 PM
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मध्यप्रदेश के सभी क्षेत्र की 60 परियोजनाओं की पर्यावरण स्वीकृति पिछले 120 दिन में दी गई है। इनमें पॉवर, सिंचाई और माइनिंग से संबंधित विभिन्न परियोजनाएं हैं। पर्यावरण से जुड़ी स्वीकृतियां देने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। इसके लिये ऑनलाइन आवेदन करने की व्यवस्था शुरू की गई है। पॉवर ट्रांसमिशन लाइन, सिंचाई पाइप लाइन, सड़क और रेलवे के लीनियर प्रोजेक्ट की स्वीकृति देने का भी विकेन्द्रीकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि देश का विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों साथ-साथ होगा। एनटीपीसी का सबसे ज्यादा केपिटल इंवेस्टमेंट मध्यप्रदेश में 75 हजार करोड़ रुपए का है। एनटीपीसी द्वारा गाडरवारा में 1320 मेगावॉट का पॉवर प्लांट बनाया जा रहा है। दो अन्य पॉवर प्लांट के लिये टेण्डर की प्रक्रिया शुरू की गई है। नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश में 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जायेगा। स्वच्छ भारत अभियान में ऊर्जा मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रम मध्यप्रदेश में 125 करोड़ की लागत से 12 हजार 477 स्कूल में शौचालय बनवायेंगे। इसके अलावा कार्पोरेट-सोशल रिस्पांसबिलिटी के तहत 300 करोड़ रुपए और खर्च करेंगे। दिल्ली, मुम्बई इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर मध्यप्रदेश में पीथमपुर-धार-महू क्षेत्र में सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल हब बनेगा। इसी परियोजना में उज्जैन के पास स्मार्ट इण्डस्ट्रियल सिटी विकसित होगी। मध्यप्रदेश में कृषि क्षेत्र में मूल्य संवर्धन के लिये खाद्य प्र-संस्करण संयंत्र स्थापित किये जाएंगे। इसके लिये केन्द्र, राज्य सरकार के साथ कार्य करेगा। मध्यप्रदेश में तेजी से फॉरेन इक्विटी फ्लो बढ़ रहा है।