09-Nov-2014 11:09 AM
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ईराक से लेकर सीरिया तक फैल चुके आतंकवादी संगठन इसिस के बारे में कहा जा रहा हैै कि वह दुनिया का सबसे धनी आतंकी संगठन बन चुका है और हर दिन एक मिलियन डॉलर के बराबर दौलत कमा रहा है। इसिस की कमाई का यह आंकड़ा भयावह होने के साथ-साथ चिंता का विषय भी है। उसकी कमाई का स्रोत तेल है, जिसे वह तस्करी के द्वारा बेच रहा है। सवाल यह है कि खरीददार कौन है? जाहिर है जो खरीद रहे हैं वे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस आतंकवादी संगठन को लाभ ही पहुंचा रहे हैं। दुनिया चाहे माने या न माने लेकिन यह एक भयावह सच्चाई है कि तेल की कमाई का एक हिस्सा इस्लामिक आतंकवाद को भी पोषित कर रहा है, जिसके बल पर इस्लामिक स्टेट बनाने की कोशिशें हो रही हैं। दुनिया भर में जिन देशों के पास सर्वाधिक पेट्रोलियम है उन्हीं देशों की सीमाओं या उन देशों के भीतर या उनके पड़ोसी देशों में इस्लामी आतंकवाद फला-फूला है और उसे पैसा मुहैया कराया गया है। इन देशों ने आपसी रंजिश के चलते विभिन्न आतंकी संगठनों को धन और हथियार मुहैया कराए, आज वे सारे संगठन सारी दुनिया को आतंक के साये में धकेल चुके हैं। लेकिन आतंंक को धन मिलने के स्रोत बंद नहीं हो पाए हैं और अब तो एक कदम आगे बढ़कर आतंकवादियों ने तेल के कुंओं पर भी कब्जा जमा लिया है। यदि ये तेल यूं ही आतंकवादियों के चंगुल में आता रहा तो सारी दुनिया में इन आतंकियों को रोक पाना कठिन होगा।
अभी भी अमेरिका के लिए इसिस को रोक पाना कठिन साबित हुआ है। सीरिया में लगातार दो माह तक हवाई हमले करने के बावजूद अमेरिका और उसके मित्र देश इसिस को दक्षिणी टाउन तक रोकने में तो कामयाब हो गए हैं, लेकिन अन्य मोर्चों पर इसिस का आगे बढऩा जारी है। अमेरिका के रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि जिन जगहों पर इसिस मजबूत है, वहां हमले करने के बावजूद वह फिर से उठ खड़ा होता है। ईराक में भी जिन क्षेत्रों से इसिस को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया गया था, अब वो वहां फिर से पैर जमा रहा है। तेल से प्राप्त दौलत का उपयोग भी इसिस अपनी मर्जी के माफिक करने में माहिर है। उसने खतरनाक हथियार हासिल कर लिए हैं। सुनने में आया है कि वह आतंकियों को विमान चलाने का प्रशिक्षण भी दिलवा रहा है। कई देशों के युवक और युवतियां इसिस से जुड़े हैं, जिन्हें वह गुप्तचर या आत्मघाती दस्ते बनाने की योजना पर काम कर रहा है। उसने कई अमेरिकी पत्रकारों, सैनिकों, नागरिकों के सर कलम करते हुए वीडियो इंटरनेट पर डाले हैं जिनसे सारी दुनिया में एक अलग माहौल बन रहा है। इसिस की करतूत का खामियाजा कुछ मासूम लोगों को भुगतना पड़ रहा है, इसीलिए अमेरिका द्वारा अपनी भूमिका केवल हवाई हमलों तक सीमित रखना रणनीतिक दृष्टिकोण से उचित नहीं है। इसिस को जमीन पर भी आकर ललकारना होगा। उसके द्वारा तेल खरीदने वालों को बेनकाब करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है। लेकिन अमेरिका जमीनी कार्रवाई करने से डर रहा है। वह अपना खर्च कम करना चाहता है और अफगानिस्तान सहित बहुत से देशों से उसकी सेनाएं वापस लौट रही हैं। ऐसे में आतंकवाद का एक नया दौर शुरू हो सकता है, जो बहुत खतरनाक होगा।
सबसे अमीर संगठन
इराक और सीरिया समेत दुनिया भर में दहशत फैलाने वाला इस्लामिक स्टेट अपनी काली कमाई के जरिए दुनिया का सबसे अमीर आतंकी संगठन बन गया है। यह संगठन काला बाजारी के जरिए तेल बेचकर, फिरौती और जबरन वसूली करके हर महीने करोड़ों डॉलर कमा रहा है। अमेरिका में आतंकवादी और वित्तीय खुफिया मामलों के उप वित्त मंत्री डेविड कोहेन ने इसकी जानकारी दी है। उनके मुताबिक, इस्लामिक स्टेट इस साल की शुरुआत में इराक और सीरिया में अपने कब्जा किए गए क्षेत्र से सिर्फ कच्चा तेल बेचकर रोजाना 10 लाख डॉलर की कमाई कर रहा है। इसने दूसरे आतंकी संगठनों की तुलना में बहुत तेजी से धन कमाया है और यह पूंजी प्रवाह पर रोक लगाने पर काम करने वाले अमेरिका और उसके सहयोगियों को चुनौती दे रहा है। कोहेन ने कहा कि हमारे पास ऐसी कोई जादुई गोली या रहस्यमयी हथियार नहीं है, जिससे इस्लामिक स्टेट के खजाने को रातों-रात खाली किया जा सके। यह एक काफी लंबी लड़ाई होगी और हम अभी शुरुआती चरण में हैं। कोहेन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करने वाली ओबामा प्रशासन की अधिकारियों की टीम में शामिल हैं और इसके लिए सभी देशों से गठबंधन चाहते हैं। इनमें खाड़ी देश भी शामिल हैं। कॉर्नेगी एंडाउमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के उपाध्यक्ष मारवान मुआशर ने कहा कि इस्लामिक स्टेट को इस समय दुनिया का सबसे अमीर और वित्तीय प्रबंधन के मामले में सबसे ज्यादा जानकार आतंकी संगठन माना जा रहा है। यह रोजाना 50 हजार बैरल तेल बेच रहा है। इसके खरीददारों में इराक के कुर्द लड़ाके भी शामिल हैं। इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई में शामिल सीरिया के बशर-अल असद प्रशासन ने भी कथित तौर पर इससे तेल खरीदने की व्यवस्था कर ली है।