30-Nov-2012 06:30 PM
1234749
लंदन और उससे पहले बीजिंग लगातार दो ओलिंपिक खेलों में पहलवान सुशील कुमार को पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले और द्रोणाचार्य
पुरस्कार तथा फीला से सर्वश्रेष्ठ कोच का सम्मान पाने वाले उसके गुरू यशवीर की जोड़ी टूट गई है। भारतीय कुश्ती महासंघ ने सोनीपत में शुरू हुए कुश्ती शिविर के लिये भेजे गए कोचों में यशवीर सिंह का नाम नहीं भेजा है। यशवीर सिंह दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग (खेल) में शारीरिक प्रशिक्षक के पद पर नियुक्त हैं और हाल तक वे छत्रसाल कुश्ती स्टेडियम पर पहलवानों को कोचिंग दे रहे थे लेकिन अब उनका स्थानांतरण बवाना कर दिया है। स्टेडियम का प्रशासन यशवीर का उपयोग उदीयमान पहलवानों को ट्रेनिंग देने के लिए करना चाहते हैं। छत्रसाल स्टेडियम के सूत्रों के अनुसार कोच का स्थानांतरण होना कोई नई बात नहीं है। यशवीर को युवा पहलवानों को कुश्ती सिखाने की जिम्मेदारी दी गई है। कोई भी लगातार किसी के साथ नहीं रह सकता। गौरतलब है कि लंदन (2012) और बीजिंग (2008) दोनों ओलिंपिक खेलों के दौरान जब सुशील कुमार ने कुश्ती में ओलिंपिक पदक जीते थे तो कोच यशवीर साये की तरह उनके साथ रहे थे।