03-Oct-2014 10:46 AM
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संयुक्त राष्ट्र संघ की असेंबली और न्यूयॉर्क के मेडिसन स्कॉयर में नरेंद्र मोदी ने समां बांध दिया। संयुक्त राष्ट्र संघ का अधिवेशन एक अवसर होता है जब दुनिया भर के देश अपनी बात रखते हैं अपना

विजन बताते हैं। वह अवसर पाकिस्तान को भी मिला और भारत को भी। आंतरिक हालातों से जूझ रहे पाकिस्तान की विवशता थी कि वह राग कश्मीर अलापे तो उसने वही किया किंतु मोदी नवाज शरीफ की तरह विवश नहीं थे। वे एक समर्थ राजनेता की हैसियत से अमेरिका गए थे और वहां उन्होंने वही किया जो तय था। पाकिस्तान कश्मीर पर बोलेगा, इसमें न तो मोदी को कोई संदेह था और न ही मोदी के साथ गए प्रतिनिधि मंडल को। मोदी ने दो-टूक कहा कि यूएन में बोलने से कश्मीर समस्या नहीं सुलझेगी, उसके लिए तो आमने-सामने टेबल पर बैठना होगा। नरेंद्र मोदी के इस कथन के बाद पाकिस्तान की कूटनीति धराशायी हो गई। मीडिया की नजरों से भी शरीफ ओझल ही रहे और मोदी लोगों की खयालों की रहगुजर में तंबू लगाकर बैठ गए। अमेरिका जैसे देशों में जहां हर माह कोई न कोई बड़ा राष्ट्राध्यक्ष आता ही रहता है, इस बात को महत्व नहीं दिया जाता कि कौन आया, कौन गया और किसने क्या कहा। किंतु मोदी ने अमेरिका के मीडिया को भी विवश किया कि वह मोदी को न केवल पर्याप्त जगह दे बल्कि जो अनुपात मोदी के लिए मीडिया ने तय कर रखा था, उससे कहीं ज्यादा, मोदी मीडिया से तवज्जो पाने में कामयाब रहे। भारत का मीडिया तो उनकी राह में पलक-पांवड़े बिछाकर बैठा हुआ ही था। पल-पल की खबरें मीडिया पर प्रसारित हो रही थीं और मोदी भारतीय मीडिया में सरताज बन चुके थे। महाराष्ट्र, हरियाणा जैसे राज्यों में मोदी चुनाव प्रचार करने न भी जाएं तो चलेगा क्योंकि जिस अंदाज में वे अमेरिका में बोल रहे थे, उसमें देश-विदेश के नागरिकोंं से लेकर उन प्रदेशों के मतदाताओं तक भी बड़ा स्पष्ट संदेश पहुंच रहा था। उनकी पार्टी जीते या न जीते, लेकिन मोदी की ब्रांडिंग अमेरिकी दौरे ने बढ़ाई है और जिस तरह उन्होंने अप्रवासी भारतीयों के लिए कई घोषणाएं की तथा भारत के लोगों को भी उत्साहित करने की कोशिश की, उससे लगा कि मोदी कुछ ज्यादा ही पा गए हैं। हर जगह मोदी ने जनता और राजनायकों का दिल जीता, ग्लोबल सिटिजन फेस्टिवल में हिस्सा लेते हुए स्पीच में से 7 मिनट अंग्रेजी में भाषण दिया। इसके बाद मोदी ने अपने भाषण का समाप्ति संस्कृत के श्लोक से की। फिल्म ऐक्टर ह्यू जैकमन ने उन्हें एक चाय बेचने वालेÓ से गुजरात के सीएम बनने और फिर देश के प्रधानमंत्री वाले व्यक्ति के तौर पर भीड़ से इंट्रोड्यूस करवाया। मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए टीवी, लैपटॉप, टैबलट और फोन पर उन्हें देखने वालों को भी नमस्ते कहा। मौजूद लोगों ने हाथ हिलाकर और जोरदार तालियां बजाकर मोदी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि वे बंद कमरे की बजाय पार्क में खुले में युवाओं के बीच ज्यादा बढिय़ा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, क्योंकि आप लोग भविष्य हो। आप जो आज करोगे, उसी से आने वाला कल निर्धारित होगा। मोदी ने कहा, कुछ लोग विश्वास करते हैं कि दुनिया में बुजुर्गों के ज्ञान के जरिए बदलाव होता है। मैं सोचता हूं कि आदर्शवाद, प्रयोगों, ऊर्जा और युवाओं का कुछ कर दिखाने का जज्बा और बर्ताव ज्यादा ताकतवर होता है। उन्होंने यह भी कहा, भारत के युवाओं से भी मुझे यही उम्मीद है कि वे राष्ट्र को बदलने में हाथ मिलाकर चलेंगे।
संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) की महासभा में अपने पहले संबोधन में यूएनओ की सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता की वकालत की। मोदी ने साफ कहा कि यूएन में चंद मुल्क या कोई एक देश विश्व की दिशा तय नहीं कर सकता। महासभा में मोदी के भाषण से पहले इस बात पर सस्पेंस कायम था कि मोदी सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता को लेकर क्या कहने वाले हैं। महासभा में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस वैश्विक संगठन को और अधिक लोकतांत्रिक व भागीदारीपूर्ण बनाने की आवश्यकता है। मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69 वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा, कोई एक देश या देशों का समूह विश्व की दिशा को तय नहीं कर सकता है। इसके लिये वास्तविक अंतरराष्ट्रीय साझेदारी होनी चाहिए। यह केवल एक नैतिक नहीं बल्कि व्यवहारिक वास्तविकता है। 20वीं सदी की अनिवार्यताओं को प्रतिबिंबित करने वाली संस्था 21 वीं सदी के लिए प्रभावी नहीं होगी।Ó इससे यह अप्रसांगिक होने का खतरा मोल लेगी।
मोदी ने कहा, हमें सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र का सुधार करना होगा। संयुक्त राष्ट्र अगले साल अपनी 70वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है, जिसका भारत संस्थापक सदस्य है, यह उचित होगा कि 2015 तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जरूरी सुधार कर लिया जाए।Ó भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता चाहता है और कई देश उसकी इस दावेदारी का समर्थन कर रहे हैं। मोदी ने संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में योगदान करने वाले देशों को उससे संबंधित निर्णय लेने की प्रक्रिया में भी शामिल किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा, हमें देशों के बीच वास्तविक बातचीत और साझेदारी की जरूरत है। मैं यह बात उस दर्शन व परंपरा के अनुरूप कह रहा हूं जहां से मैं आया हूं। हमारे प्रयास यहां से शुरू होने चाहिए। संयुक्त राष्ट्र से।Ó
मैडिसन स्क्वेयर गार्डन में करीब 19 हजार लोगों की भीड़ के बीच मोदी ने जब अपना भाषण शुरू किया तो मोदी, मोदी, मोदी के नारे हवा में गूंज उठे। मोदी ने अपने भाषण में भारतीयों के हुनर से बदलती देश की छवि का जिक्र किया।
अब हम सांप नहीं माउस से खेलते हैं: मोदी ने भारतीय के कौशल के बलबूते देश की बदलती छवि का जिक्र करते हुए कहा, एक समय दुनिया हमें सांप-सपेरों का देश मानती थी, आपने सूचना-तकनीकी में जो क्रांति की है उससे देश की छवि बदली है। ताइवान में एक बार किसी ने मुझसे पूछा कि भारत काले जादू और सांप-संपेरों का ही देश है क्या? मैंने कहा- हमारे पूर्वज सांप के साथ खेलते थे, हम तो माउस के साथ खेलते हैं। आप सबने अपने व्यवहार, संस्कार और क्षमता के जरिए अमेरिका में बहुत इज्जत कमाई है, आपके माध्यम से अमेरिका ही नहीं दुनिया में हमारी सकारात्मक पहचान बनी है। मैंने 15 मिनट भी छुट्टी नहीं ली है: मोदी ने कहा कि उन्होंने चुनाव कुर्सी पाने के लिए नहीं जीता है। चुनाव जीतना जिम्मेदारी होती है। मैंने जब से पीएम पद का दायित्व संभाला है, 15 मिनट भी छुट्टी नहीं ली है। मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि आपने जो मुझे दायित्व दिया है, हम कुछ भी ऐसा नहीं करेंगे जिससे आपको नीचा देखने की नौबत आए। मैं लोगों के सपनों का भारत बनाऊंगा।
गंगा स्वच्छता अभियान में मांगा सहयोग: मोदी ने कहा, आप लोगों (हृक्रढ्ढ) की कभी-कभी इच्छा होती होगी कि अपने माता-पिता को भारत ले जाकर गंगा स्नान करवाएं लेकिन यह इतनी मैली हो चुकी है कि ऐसा करने का आपका मन नहीं करता होगा।Ó पीएम ने कहा कि गंगा को शुद्ध होना चाहिए और इसके लिए आपकी मदद की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गंगा सफाई सिर्फ आस्था नहीं है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से भी आवश्यक है।
ऑटो से सस्ता मंगल का सफर: पीएम मोदी ने भारत के सफल मंगल अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि अहमदाबाद में एक आटो में सफर करने का खर्च 10 रुपए प्रति किलोमीटर है लेकिन मंगल अभियान में इस लाल ग्रह तक का 65 करोड़ किलोमीटर का सफर तय करने में मात्र सात रुपए प्रति किलोमीटर का खर्च आया।
मेक इन इंडिया: पीएम मोदी ने कहा कि पूरे विश्व के लोग अमेरिका में रहने आते हैं जबकि भारतीय पूरी दुनिया में रहते हैं। मोदी ने प्रवासियों को भारत आने का न्योता दिया और हाल में शुरू अभियान मेक इन इंडियाÓ के तहत बिजनस शुरू करने का आह्वान कहा।
प्रवासी भारतीय को तोहफा: मोदी ने प्रवासी भारतीयों को तोहफा देते हुए कहा कि क्कढ्ढह्र कार्ड होल्डर्स की वीजा की कई समस्याएं हैं। हमने फैसला किया है कि उन्हें आजीवन वीजा दिया जाएगा। लंबे समय तक भारत में रहने वालों को पुलिस थाने जाना पड़ता है, अब ऐसा नहीं करना पड़ेगा। क्कढ्ढह्र और ह्रष्टढ्ढ स्कीम्स में अंतर से कई समस्याएं पैदा होती हैं। हम दोनों को मिला कर एक स्कीम बनाएंगे। जल्द ही वीज़ा ऑन अराइवल की सुविधा भी लॉन्च कर दी जाएगी। पर्यटन के लिए आने वाले यूएस सिटिजंस को लॉन्ग-टर्म वीज़ा मिलेगा।
-Vikas Dubey