17-Sep-2014 09:59 AM
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ममता बनर्जी की पार्टी से निलंबित किए गए सांसद कुणाल घोष ने आरोप लगाया है कि इस घोटाले में यदि कोई लाभांवित हुआ है तो वह ममता बनर्जी ही हैं। घोष के इस रहस्योद्घाटन के बाद बंगाल की

राजनीति गर्मा गई है। चिटफंड घोटाले में सत्तासीन तृणमूल कांग्रेस पर पहले ही आरोप लगे थे लेकिन अब कुणाल घोष चीख-चीख कर कह रहे हैं कि सारधा चिटफंड मामले में सीधा लाभ ममता बनर्जी ने उठाया है। इस मामले की सीबीआई जांच पहले से ही जारी है। लगभग 988 करोड़ रुपए के इस घोटाले में कई गरीबों का पैसा फंसा हुआ था। कुणाल घोष को वर्ष 2013 में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद उन्होंने कई बड़े राजनीतिज्ञों के ऊपर आरोप लगाया था। अप्रैल 2013 से लेकर अब तक कई बड़े तृणमूल नेताओं पर इस घोटाले की आंच आ चुकी है। घोष सारधा समूह की कंपनी में चीफ एक्ज्यूक्यूटिव ऑफिसर थे। इसी वर्ष अगस्त माह में इसी वर्ष सीबीआई ने सारधा चिट फंड घोटाले की जांच के सिलसिले में बीजू जनता दल (बीजद) के एक विधायक के आवास सहित 86 जगहों पर छापे मारे थे। एजेंसी की अलग-अलग टीमों ने मुंबई, ओडिशा के बेहरामपुर, बालेश्वर, भद्रक और भुवनेश्वर के 49 स्थानों पर छापामारी की थी। बीजद के विधायक पर्वत त्रिपाठी एवं अन्य पांच के आवास की भी तलाशी ली गई थी। सीबीआई की एक टीम ने बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के नेता रजत मजूमदार के घर भी छापा मारा था। छापे में सीबीआई ने कई अहम दस्तावेज जब्त किए, जो घोटाले में शामिल कंपनियों के बीच लेन-देन से संबंधित थे। सारधा समूह के प्रमुख सुदीप्त सेन के घर पर भी छापा मारा गया था। सीबीआई ने सुदीप्त सेन से उपहार लेने वाले नेताओं की तलाश शुरू कर दी है। जांच एजेंसी बंगाल के एक सांसद के पुत्र के लिए खरीदी गई फेरारी कार के साथ ही दिल्ली और मुम्बई में सुदीप्त सेन की ओर से नेताओं के लिए खरीदे गए फ्लैट की तलाश कर रही है। नेताओं और सुदीप्त सेन का नेटवर्क इतना मजबूत था कि कई नेता लोगों से धन संग्रह कर सेन को देते थे। घोटाले की सीबीआई जांच तेज होने और तृणमूल नेता रजत मजूमदार के घर की तलाशी लेने पर तृणमूल कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने इसे राजनीति करार दिया और कहा कि घोटाले की जांच के नाम पर अब राजनीति की जा रही है। इससे पहले राज्य सरकार घोटाले में अपनी जमा पूंजी गंवाने वाले छोटे निवेशकों के पैसे लौटाने की कोशिश कर रही थी। माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि सीबीआई जांच के तेवर देख कर तृणमूल कांग्रेस डर गई है। उसे अपने चेहरे से नकाब उठने का भय सताने लगा है। इसलिए उसके नेता सीबीआई जांच को राजनीति बताने लगे हैं।