05-Sep-2014 08:50 AM
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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दुबई यात्रा में जब भारी भरकम निवेश का आश्वासन मिला तो ऐसा लगा कि अक्टूबर माह में होने वाले ग्लोबल इंवेस्टर समिट में कुछ अधिक निवेश

की संभावना बनेगी। हालांकि अभी तक मध्यप्रदेश में कई बार निवेशकोंं को आमंत्रित किया जा चुका है कई हजार करोड़ रुपए के करार भी हुए हैं लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि निवेशकों ने जो वादा किया वह पूरा करवाने में मध्यप्रदेश सरकार कामयाब नहीं रही। संभवत: इसका कारण बिजली, सड़क, पानी और कानून व्यवस्था की वही शाश्वत समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि सड़क, पानी और कानून व्यवस्था कुछ हद तक बेहतर बनी हैं लेकिन बिजली फिर से चुनौती बनती जा रही है। मानसून कम होने से पानी द्वारा उत्पादित बिजली का उत्पादन घटने की आशंका पैदा हो गई है। हालांकि सरकार ने आश्वासन दिया है कि शीघ्र ही बिजली की आपूर्ति यथावत हो जाएगी। इसीलिए मुख्यमंत्री के दौरे से कई उम्मीदें बंधी हैं। उन्होंने निवेश बढ़ाने के लिए व्यापक विचार विमर्श किया इसमें प्रमुख रूप से दुबई मल्टी कमोडिटी सेंंटर (डीएमसीसी) में हीरे व्यवसाय से जुड़े व्यवसाई तथा निवेशकों और एम्मार ग्रुप के साथ बातचीत शामिल है। इसके अलावा एयर अरेबिया के मध्यप्रदेश से आपरेशन शरू करने और दोपहर के नेटवर्किंग लंच में
दुबई के प्रवासी भारतीयों के साथ मध्यप्रदेश में निवेश के लिए किए जाने के सार्थक संवाद भी शामिल हैं।
डीएमसीसी के साथ हुई महत्वपूर्ण बैठक इस दृष्टि से सफल रही कि इसमें डायमंड और अन्य रत्नों के कारोबार और गुणवत्ता बढ़ाने के कार्य से जुड़े 50 से भी अधिक बड़े उद्योगपतियों ने भाग लिया। उन्हें यह जानकारी दी गई कि मध्यप्रदेश हीरे का एकमात्र उत्पादक राज्य है। इंदौर के डायमंड और ज्वेलरी पार्क के संबंध में भी उन्हें विस्तार से जानकारी दी गई। इन निवेशकों ने इंदौर में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के प्रति भारी उत्साह दिखाया। एक अन्य महत्वपूर्ण बैठक दुनिया की सबसे ऊंची इमारत कही जाने वाली बुर्ज खलीफा में एम्मार ग्रुप के सीएफओ श्री अमित जैन और अधिकारियों के साथ हुई। यह ग्रुप इंदौर ग्रीन परियोजना से भी जुड़ा हुआ है। समूह ने भोपाल के पास रेकी कर परियोजना तैयार करने में अपनी सहमति जताई है। बाद में एयर अरेबिया के साथ हुई बातचीत में इस एयरलाइंस द्वारा मध्यप्रदेश से आपरेशन शुरू करने के मुद्दे पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री चौहान के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक वीडियोकॉन के निवेशक अनिरूद्ध धूत द्वारा दिए गए दोपहर भोज में हुई। इसमें महत्वपूर्ण उद्योगपतियों के साथ मुलाकात भी हुई। इसी कड़ी में आईबीपीजी के चेयरमेन मोहन जासनमाल और इसके सदस्य अन्य अग्रणी उद्योगपतियों के साथ मध्यप्रदेश मेें निवेश और उसकी संभावनाओं पर व्यापक चर्चा की गई। मसदर सिटी का दौरा कर मुख्यमंत्री चौहान और प्रदेश के प्रतिनिधि मण्डल ने दूसरे दिन भी स्मार्ट सिटी परियोजना का अवलोकन किया। मजदर विश्वविद्यालय में आधे से अधिक भारतीय हैं। भारतीय दूतावास के साथ हुई बैठक में विश्वविद्यालय के जाने-माने फरारी वल्र्ड का प्रजेंटेशन भी हुआ। फरारी वल्र्ड विश्व स्तरीय एम्यूजिंग पार्क है। इसी तरह का एम्यूजिंग पार्क मध्यप्रदेश में बनाने पर भी चर्चा हुई। फरारी वल्र्ड का एमके ग्रुप मध्यप्रदेश में निवेश करने का इच्छुक है। इस पार्क के चेयरमेन युसूफ अली ने मध्यप्रदेश में निवेश की संभावनाओं के लिए दौरा करने की बात भी कही।
बिजली की चुनौती
से भी निपटेंगे
उद्योगों के लिए बिजली पहली आवश्यकता होती है। ग्लोबल समिट से पहले मध्यप्रदेश को बिजली की व्यवस्था सुधारनी पड़ेगी। सरकार ने इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। सरकार का कहना है कि प्रदेश में बिजली आपूर्ति मेंं निरंतर सुधार हो रहा है। सेंट्रल सेक्टर से 100 और प्रदेश के बिजलीघरों से 300 मेगावाट बिजली उत्पादन बढ़ा है। एमपी पॉवर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के प्रबंध संचालक तथा प्रदेश की तीन विद्युत वितरण कंपनी के अध्यक्ष मनु श्रीवास्तव के अनुसार सेंट्रल सेक्टर से प्रदेश को निर्धारित अंश 3735 मेगावाट की तुलना में 2050 मेगावाट बिजली प्राप्त होने लगी है। वहीं पॉवर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों द्वारा 1600 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। गत दिवस सेंट्रल सेक्टर से मध्यप्रदेश को 1950 मेगावाट बिजली प्राप्त हो रही थी। प्रदेश के ताप विद्युत गृह से 1300 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा था। इस प्रकार प्रदेश में बिजली उपलब्धता में 400 मेगावाट की बढ़ोत्तरी हुई है। प्रदेश में बिजली आपूर्ति में निरंतर सुधार हो रहा है। प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं को उनकी आवश्यकता के अनुरूप विद्युत प्रदाय करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
इसी प्रकार श्रीसिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की 600 मेगावाट इकाई से बिजली उत्पादन हो रहा है। वहीं जेपी निगरी की नवनिर्मित 660 मेगावाट की इकाई से भी अगले कुछ दिनों में बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। इन दोनों इकाइयों से पूरी क्षमता से विद्युत उत्पादन शुरू हो जाने से प्रदेश की बिजली आपूर्ति की स्थिति में और अधिक सुधार होगा।
प्रदेश में वर्तमान में बिजली की मांग में निरंतर बढ़ोत्तरी का मुख्य कारण मानसून का कमजोर होना तथा खरीफ फसल विशेषकर धान के रकबे में लगातार बढ़ोत्तरी और उसमें अधिक सिंचाई से प्रदेश में बिजली की मांग में पिछले वर्षों की तुलना में वृद्धि दर्ज हुई है। प्रदेश मेंं वर्ष 2010 में धान का रकबा 15.8 लाख हेक्टेयर था, जो साल दर साल बढ़कर वर्ष 2014 में 20.87 लाख हेेक्टेयर हो गया है।
पॉवर मेनेजमेंट कंपनी ने बताया है कि पिछले वर्ष 21 अगस्त 2013 को प्रदेश में जहां बिजली की मांग 970 लाख यूनिट थी, वह इस वर्ष 21 अगस्त को बढ़कर 1690 लाख यूनिट तक पहुंच गई है। प्रदेश में पिछले वर्ष की तुलना में 74 प्रतिशत तक बिजली की मांग में बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। वर्ष 2013 में 15 से 21 अगस्त तक औसतन बिजली की मांग 4500 मेगावाट थी, जो इस वर्ष की इसी अवधि में 6175 मेगावाट
तक पहुंच गई है। प्रदेश में सांयकालीन
उच्चतम बिजली की मांग में पिछले वर्ष की तुलना में अप्रत्याशित 3000 मेगावाट बिजली की वृद्धि हुई है।
जाति प्रमाण-पत्र के लिए
आधार वर्ष
मप्र में अनुसूचित-जाति और जनजाति वर्ग के लोगों को जाति प्रमाण-पत्र जारी करने का आधार वर्ष 1 नवंबर, 2000 को माना जाए। यह आग्रह नई दिल्ली में नर्मदा घाटी एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री लाल सिंह ने केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गेहलोत से किया है। आर्य ने केंद्रीय मंत्री गेहलोत को बताया कि वर्तमान में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लोगों को जाति प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए मध्यप्रदेश में वर्ष 1950 से निवासरत रहने की शर्त है। यह शर्त विसंगतिपूर्ण है। इसके कारण कमजोर वर्ग को जाति प्रमाण-पत्र उपलब्ध करवाने में तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं। मध्यप्रदेश सरकार इन विसंगतियों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार के स्तर पर वर्ष 2005 से निरंतर प्रयास कर रही है।
प्रवेश कर से मुक्ति मिलेगी
क्या मध्यप्रदेश में प्रवेश कर समाप्ति की घोषणा होगी। वाणिज्य, उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की अध्यक्षता में प्रवेश-कर से मुक्ति सुविधा के लिए राज्य-स्तरीय विनिधान संवर्धन समिति की बैठक हो चुकी है। बैठक में वित्त मंत्री जयंत मलैया भी उपस्थित थे। बैठक में विभिन्न उद्योग समूहों के 12 प्रस्ताव पर विचार कर 9 प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया।
समय पर मिले मानदेय
मध्यप्रदेश की महिला-बाल विकास मंत्री माया सिंह ने प्रदेश की सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को समय पर मानदेय वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने भिण्ड की अटेर परियोजना में पदस्थ आंगनवाड़ी एवं सहायिकाओं को पिछले 6 माह से मानदेय न मिलने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उच्च स्तरीय जांच करवाने के निर्देश दिए हैं।
एमपी पीएससी की नि:शुल्क कोचिंग होगी
अनियमितता के आरोपों के बाद अब मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित आगामी राज्य सेवा परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा में सम्मिलित होने के इच्छुक पिछड़ा वर्ग के पात्र उम्मीदवारों से परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए निर्धारित प्रपत्र में आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। भोपाल स्थित पिछड़ा वर्ग राज्य-स्तरीय रोजगार एवं प्रशिक्षण केंद्र द्वारा चयनित 100 विद्यार्थियों को नि:शुल्क परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण दिया जाएगा। महिला एवं विकलांग अभ्यर्थियों का चयन स्न्नातक-स्तर पर प्राप्त अंकों के आधार पर संकायवार मेरिट बनाकर नियमानुसार किया जाएगा। सितंबर से प्रारंभ होकर अधिकतम छ: माह की अवधि वाले प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षण एवं आवास सुविधा नि:शुल्क होने के साथ-साथ प्रशिक्षणार्थियों को 350 रुपए की दर से शिष्यवृत्ति भी दी जाएगी।
मानव अंग प्रतिरोपण अधिनियम
मप्र मेंं अब मानव अंग प्रतिरोपण अधिनियम 1994 (1994 का 42) की धारा 13 की उप धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए संचालक चिकित्सा शिक्षा और छ: अधिष्ठाता को अधिनियम में प्रयोजन के लिए समुचित प्राधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। संचालक, चिकित्सा शिक्षा के अलावा अधिष्ठाता, महात्मा गांधी मेमोरियल चिकित्सा महाविद्यालय, इंदौर, अधिष्ठाता, गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल, अधिष्ठाता, नेताजी सुभाषचंद्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर, अधिष्ठाता, गजरा राजा चिकित्सा महाविद्यालय, ग्वालियर, अधिष्ठाता, श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय, रीवा और अधिष्ठाता, बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय सागर, अधिनियम के लिए समुचित अधिकारी होंगे।
अब ज्यादा पाठ्यक्रमों में छात्र वृत्ति
मप्र शासन द्वारा प्रदत्त अनुसूचित जाति-जनजाति के विद्यार्थियों की पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति निर्धारित आय सीमा में आने वाले विद्यार्थियों को ही मिलती थी। पर अब शासन के आदिम-जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा शासकीय महाविद्यालयों/ स्वशासी महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों द्वारा संचालित नियमित स्व-वित्तीय योजना वाले पाठ्यक्रमों के लिए भी छात्रवृत्ति की सुविधा दी गई है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के जिन विद्यार्थियों के परिवार, जिनकी वार्षिक आय 2.50 लाख से 3.00 लाख के मध्य है, के विद्यार्थियों को आधी फीस की प्रतिपूर्ति की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत पाठ्यक्रम फीस में, नामांकन, पंजीयन, ट्यूशन, गेम्स, यूनियन, मैग्जीन, मेडिकल खर्चे एवं अन्य फीस जो नान-रिफन्डेबल हो, सम्मिलित है।
ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में 20 देशों की पार्टनरशिप
इंदौर में 8 से 10 तक होने वाली ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में लगभग 20 देश की पार्टनरशिप रहेगी। इसमें 3000 प्रतिनिधि के शामिल होने की संभावना है। समिट में 3 दिन में लगभग 15 सेशन होंगे। समिट की व्यवस्थाओं तथा समन्वय के लिए सभी विभाग के एक-एक अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है। समिट में आने वाले अतिथियों को माण्डव, ओंकारेश्वर, महाकालेश्वर, रीजनल पार्क, इंदौर नगर के लाल बाग, राजबाड़ा और कृष्णपुरा छतरी के अलावा जिले के आसपास के पर्यटन क्षेत्र तथा धार्मिक महत्व के स्थलों का भ्रमण करवाया जाएगा।
12 हजार युवाओं को मिलेगा रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण
मप्र सरकार ने वर्ष 2014-15 के दौरान पिछड़ा वर्ग के 12,000 शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों को विभिन्न तकनीकी एवं व्यासायिक विषयों में कौशल विकास प्रशिक्षण देने का निर्णय किया है। इसके लिए बजट मेें 11 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। कौशल विकास योजना में गत वर्ष 10 हजार अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया गया था। इसमें से लगभग 4000 युवाओं को प्लेसमेंट कराया गया था।
सैनिकों को मिलेगी सहायता
मप्र में अब युद्ध एवं सैनिक कार्यवाही में विभिन्न प्रकार की बेटल केज्यु़ल्टी को पात्रता का आधार मान्य किए जाने की स्वीकृति दे दी गई है। इसमें विदेशी सेना, सशस्त्र व्यक्तियों, सीमा पुलिस से मुठभेड़ या सरकार के आदेश पर विदेश में शांति स्थापना में सक्रिय सेवा के दौरान दुर्घटना, विदेशी हवाई हमला प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष के फलस्वरूप दुर्घटना, सशस्त्र विरोधियों के विरूद्ध कार्यवाही अथवा आंतरिक सुरक्षा एवं आवश्यक सेवाओं के संधारण के लिए नागरिक सुरक्षा अधिकारियों को मदद के दौरान दुर्घटना, युद्ध जैसी कार्यवाही की तरह शांति काल में लडऩा या पड़ौसी देश से सीमा में मुठभेड़ में दुर्घटना तथा युद्ध/सैनिक कार्यवाही के लिए सेना का संचालन या तैनाती के समय आतंकवादियों/देश-विरोधी घटकों द्वारा रेलगाड़ी/बस/पोत/हवाई जहाज में सुरंग/बम विस्फोट के फलस्वरूप दुर्घटना को भी शामिल किया गया है। युद्ध/सैनिक कार्यवाही के लिए सेना का संचालन या तैनाती के समय आतंकवादियों/देश-विरोधी घटकों द्वारा रेलगाड़ी/बस/पोत/हवाई जहाज में सुरंग/बम विस्फोट के फलस्वरूप दुर्घटना जैसी घटनाओं के कारण शहीद हुए सैनिकों/अधिकारियों के संबंध में मध्यप्रदेश कारगिल सहायता-निधि से सहायता राशि उपलब्ध करवाने के लिए प्रस्ताव संचालक, सैनिक कल्याण द्वारा संदर्भित परिपत्रों को ध्यान में रखते हुए विभाग को भेजे जाएंगे।
- Rajesh Borkar