25-Aug-2014 10:24 AM
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व्यापमं में अब गोपनीय दस्तावेज नष्ट करने का अभियान प्रारंभ हो गया है और इसमें ताकतवर लोगों का हाथ स्पष्ट नजर आ रहा है। हाल ही में इंदौर के कम्प्यूटर इंजीनियर प्रशांत पांडे और उसके साथी से जब्त डाटा सीडीआर ने इस संदेह को और पुख्ता किया है। आखिर यह डाटा सीडीआर इन लोगों तक कैसे पहुंचे। प्रशांत पांडे का कहना है कि वे एसटीएफ की मदद कर रहे हैं और डाटा सीडीआर उनके पास इसलिए थी क्योंकि वे डाटा रिट्रीव करने वाले थे। लेकिन यह दोनों एमपी नगर की एक होटल में क्यों रुके हुए थे और इन्होंने इतनी लापरवाही से वह महत्वपूर्ण सीडीआर क्यों रखी हुई थी। यदि एसटीएफ को कोई डाटा रिट्रीव ही कराना था तो इन्हें वह सीडीआर क्यों सौंपी गई। इन विशेषज्ञों को सीडीआर देने के बजाय वहीं बुलाकर यह काम करवाया जा सकता था। आमतौर पर किसी भी व्यक्ति को गुप्त दस्तावेज नहीं सौंपे जा सकते।
एसटीएफ और सरकार दोनों को इसका जबाव कोर्ट में देना होगा। इस घटनाक्रम से यह भी स्पष्ट हो रहा है कि व्यापमं से संबंधित उन दस्तावेजों को नष्ट किया जा सकता है जो बड़े लोगों के लपेटे में आने का कारण बन सकते हैं। इस बीच व्यापमं पुलिस आरक्षक भर्ती घोटाले में आरोपित पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की जमानत एक बार फिर निरस्त हो गई है। शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने परीक्षार्थी लक्ष्मीकांत दुबे, शरद, वीरेन्द्र यादव, हरिओम शर्मा सहित कई अन्य के लिए पूर्व ओएसडी ओपी शुक्ला से कहकर पूर्व परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी पर दबाव बनाया था। इस मामले में अजय शंकर मेहता, संजीव सक्सेना और अखिलेश चतुर्वेदी को जमानत मिल गई है। लेकिन एसटीएफ द्वारा 6 आरक्षकों की गिरफ्तारी के कारण यह मामला और उलझ सकता है। उधर पीएमटी घोटाले में गिरफ्तार विशाल यादव ने कई ऐसे रहस्योद्घाटन किए हैं जिनसे कुछ और लोग भी लपेटे मेें आ सकते हैं विशाल यादव 7-7 लाख रुपए में पीएमटी के पेपर बेचता था। कई ऐसे मौके भी आए जब उसने अभ्यर्थियों को घर पर बुलाकर रात-रात भर पेपर रटाया और सुबह सीधे परीक्षा के लिए भेजा। प्रवर्तन निदेशालय ने भी व्यापमं महाघोटाले के मुख्य आरोपी पंकज त्रिवेदी से 5 घंटे पूछताछ की है।
एसटीएफ ने नितिन मोहिन्द्रा के दफ्तर से जब्त जिस हार्ड डिस्क को गुजरात से रिट्रीव कराया है उसमें लेटेस्ट 2012 3द्यह्य फाइल की शीट नं.-3 में 1 सेे लेकर 21 तक जिन अभ्यार्थियों के नाम लिखे हैं उनमें से 17 से पैसे लेकर उनकी उत्तर पुस्तिका (ओएमआर शीट) को कथित रूप से सही किया गया है। इस शीट में परीक्षार्थियों के रोल नंबर, नाम, बिचौलियों के नाम, उनसे कितना पैसा मिला और किसने उनकी सिफारिश की जैसी तमाम जानकारियां हैं। इस फाइल में कई ताकतवर लोगों के नाम दर्ज हैं हांलाकि इसका एक ही हिस्सा अभी उपलब्ध कराया गया है।
सुधीर पर नरमी
व्यापमं घोटाले में गिरफ्तार खनन कारोबारी सुधीर शर्मा पर एसटीएफ की नरमी ने कोर्ट को नाराज कर दिया है। समझा जाता है कि शर्मा के आत्मसमर्पण में जो नाटकबाजी हुई है उसके चलते शर्मा की जमानत ज्यादा दिन तक नहीं टल पाएगी। क्या शर्मा की जमानत को आसान बनाने के लिए उसके आत्मसमर्पण के समय एसटीएफ द्वारा नादानी की गई थी? यह नादानी अनजाने में हुई या जानबूझकर की गई? इन सवालों का जवाब देना एसटीएफ के लिए आसान नहीं होगा। सुधीर शर्मा के पास कई अहम सबूत हैं, उसके सीने में कई राज दफन हैं। व्यापमं घोटाले में शर्मा पर मेहरबानी और बाकियों पर सख्ती क्यों की जा रही है?
क्या हवाला हुआ था?
सिंडीकेट बैंक रिश्वत कांड में विनीत गोधा, पुनीत गोधा तथा सिंडीकेट बैंक के चेयरमैन एवं निदेशक एसके जैन की गिरफ्तारी के तार भी व्यापमं से जुड़े हैं। सिंडीकेट बैंक मामले में फरार ईदगाह-हिल्स निवासी पुरुषोत्तम तोतलानी ने ही व्यापमं महाघोटाले में गिरफ्तार नितिन मोहिन्द्रा की जमानत ली थी। अब नितिन मोहिन्द्रा, संजीव सक्सेना, लक्ष्मीकांत शर्मा, आरके शिवहरे और तोतलानी के बीच हवाला कारोबार की बात सामने आने से यह मामला और उलझ गया है। यदि इसमें हवाला कारोबार की बात सच साबित होती है तो व्यापमं भ्रष्टाचार का पैसा विदेशों में निवेश होना भी सिद्ध हो सकता है। इस प्रकार यह घोटाला देश की सीमाओं के पार निकल जाएगा।
Sunil Singh