05-Sep-2014 08:11 AM
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बॉलीवुड में दबंग तथा सिंघम जैसी पुलिसिया फिल्मों की सफलता को देखते अब निर्माता निर्देशक इसे हिट विषय के तौर पर देखने लगे हैं। फिल्म मर्दानीÓ भी पुलिस इंस्पेक्टर शिवानी की कहानी है

जोकि कभी आपको दबंग तो कभी सिंघम स्टाइल में अपराधियों से निबटते हुए दिखेगी। यशराज बैनर की इस फिल्म में रानी मुखर्जी लीड किरदार में हैं। निर्देशक प्रदीप सरकार ने रानी के किरदार को विशाल बनाने के चक्कर में अन्य किरदारों के साथ अन्याय किया है जोकि फिल्म में साफ नजर आयेगा। सरकार इससे पहले भी रानी के साथ फिल्में बना चुके हैं लेकिन पटकथा के लिहाज से यह फिल्म भी कमजोर ही रही। इसके अलावा बढ़ते बाल यौन शोषण जैसे गंभीर विषय के साथ भी फिल्म में चालू मसाला डालने के चक्कर में न्याया नहीं हो पाया। शिवानी रॉय (रानी मुखर्जी) मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच की सीनियर इंस्पेक्टर हैं। शिवानी अपने पति डॉ. बिक्रम रॉय (जीशु सेनगुप्ता) और अपनी भतीजी मीरा के साथ रहती है। शिवानी की छवि एक दबंग पुलिस इंस्पेक्टर की है जोकि किसी भी केस की तह तक पहुंचने में यकीन रखती है। उसे अकसर महिला अपराध और ड्रग्स माफिया से जुड़े मामले ही सौंपे जाते हैं। एक बार उसकी भतीजी की खास सहेली प्यारी को देह व्यापार माफिया के लोग उठा ले जाते हैं। इस केस की जांच के दौरान देह व्यापार में लगे कुछ छोटे गुर्गे शिवानी की पकड़ में आते हैं जिनको इस्तेमाल करते हुए वह उनकी जड़ों तक जा पहुंचती है। अभिनय के मामले में रानी का जवाब नहीं। वह अपनी भूमिका में पूरी तरह जमी हैं। उनके संवाद भी दमदार लिखे गये। अपना बैनर होने की वजह से उन्हें ही ज्यादा फुटेज मिली है। उनके फैन उन्हें इस रोल में देखकर निराश नहीं होंगे। फिल्म में मुख्य विलेन बने ताहिर राज ने भी बहुत अच्छा काम किया। उनके इस रोल को लंबे समय तक याद रखा जाएगा। अन्य सभी कलाकार सामान्य रहे। निर्देशक प्रदीप सरकार यदि पटकथा पर कुछ और मेहनत करते तो यह फिल्म और अच्छी हो सकती थी।
- Dr. Vijay Shukla