21-Aug-2014 06:48 AM
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पीके के पोस्टर ने नग्नता और अश्लीलता की महिलावादी एकाधिकार को सीधी चुनौती देते हुए एक ऐसी बहस पैदा कर दी है जिसमें पहली बार पुरुष नग्नता मुद्दा बन गया है। आमिर खान के पोस्टर पर

गंभीर विवाद है और कुछ मानवतावादियों ने आमिर खान के खिलाफ अदालती कार्रवाई तक कर डाली है। पोस्टर में आमिर नग्न दिखाई दे रहे हैं और शरीर को ढंकने के लिए उन्होंने केवल टेप रिकॉर्डर का सहारा लिया है। फिल्म की सस्ती पब्लिसिटी के लिए न्यूड पोस्टर का सहारा लिया जा रहा है। इससे पहले भी यूपी की एक अन्य अदालत में पीके के पोस्टर के खिलाफ याचिका दायर की जा चुकी है। मुंबई कांग्रेस विधायक कृष्णा हेगड़े ने लोगों की मौजूदगी में पीके पोस्टर के कटआउट को कपड़े पहनाए। उन्होंने कहा, आमिर खान की पीके का न्यूड का पोस्टर आपत्तिजनक और भारतीय संस्कति के खिलाफ है। हाल ही में एक समारोह में जब आमिर खान से पीके के पोस्टर पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, जब फिल्म रिलीज होगी, तब लोगों को इस पोस्टर का महत्व समझ में आएगा। इस वक्त मैं कुछ भी नहीं बता सकता। उन्होंने कहा, पोस्टर में जो आप देख रहे हैं वह फिल्म की एक झलक है। यह पोस्टर फिल्म से जुड़ा हुआ है। केवल पीके पोस्टर के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज नहीं हुई, बल्कि एक दृश्य में भगवान शिव के रूप में तैयार एक व्यक्ति रिक्शा खींच रहा है जिसमें बुर्का पहने दो महिला बैठी है।
पिछली साल अक्टूबर में भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में निर्माताओं के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कराई थी। इस फिल्म के पोस्टर पर कॉपी करने का आरोप लगाया गया है। खबरों के अनुसार 1973 में एक पुर्तगाली म्युजिशियन क्विम बेरीरोज ने अपने एल्बम के प्रमोशन के लिए इस तरह का पोस्टर लॉन्च किया था। इस पोस्टर में क्विम एक म्युजिकल इंस्ट्रूमेंट लिए नग्न दिखाई दिए थे।