20-Aug-2014 10:40 AM
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छत्तीसगढ़ मेें अब स्टील का उत्पादन कई गुना बढ़ जाएगा और यह भारत ही नहीं बल्कि विश्व के अग्रणी स्टील उत्पादक राज्यों में शामिल हो जाएगा। केंद्र सरकार ने बस्तर, बिलासपुर, दंतेवाड़ा व
राजनांदगांव में 50 लाख से 1 करोड़ टन स्टील उत्पादन करने वाले 4 प्लान्टों को मंजूरी प्रदान की है। प्रदेश के सबसे बड़े स्टील उत्पादक संयंत्र भिलाई स्टील प्लान्ट की उत्पादन क्षमता 50 हजार टन है जिसे 1 लाख टन तक लाने की परियोजना पर काम किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में स्थापित होने जा रहे अल्ट्रा मेगा स्टील प्लांट की स्थापना केंद्र, राज्य और एनएमडीसी के सहयोग से की जाएगी। इसके लिए एक एसपीवी स्थापित की जाएगी। लेकिन इनका संचालन किस निजी कंपनी द्वारा किया जाएगा। इसका फैसला बिडिंग के जरिए किया जाएगा। प्रस्तावित चार अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट से करीब 35 से 40 मिलियन टन स्टील का उत्पादन होगा। इसका सबसे अधिक फायदा इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को होगा। देश में फिलहाल 75 मिलियन टन स्टील का उत्पादन होता है। जिसमें स्टील का सबसे उपभोक्ता रियल एस्टेट सेक्टर है। जो कि 27 फीसदी स्टील की खपत करता है। ऐसे में नए प्लांट से इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को जरूरत के मुताबिक स्टील प्राप्त हो सकेगी। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय नीति के तहत देश में अगले दस सालों में स्टील का उत्पादन 300 मिलियन टन करने का टारगेट रखा है। इसके तहत ही लौह अयस्क के भंडारण वाले राज्यों में नए स्टील प्लांट खोलने की योजना बनाई है। इसमें छत्तीसगढ़ को भी शामिल किया गया है। अभी सिर्फ इस मामले पर सहमति बनी है।
नए स्टील प्लांटों की स्थापना से जुड़े मुद्दों पर बातचीत के लिए नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और केंद्रीय इस्पात सचिव जी. मोहन कुमार के बीच चर्चा हुई है। इसमें मुख्यमंत्री ने अल्ट्रा मेगा पावर प्लांटों से उत्पादित स्टील में छत्तीसगढ़ को प्राथमिकता
देने की मांग की है। सिंह के अनुसार स्टील
प्लांट छत्तीसगढ़ से सिर्फ जमीन ही नहीं
बल्कि प्रमुख कच्चा माल आयरन ओर भी छत्तीसगढ़ से ही लेंगे।
खदानों की मंजूरी होगी ऑनलाइन
ओडिशा और गुजरात की तर्ज पर अब छत्तीसगढ़ में भी खनिज विभाग से जुड़ी सारी सेवाओं को ऑन लाइन किया जाएगा। राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इसकी मंजूरी दे दी है। साथ ही उम्मीद जताई है कि इन सेवाओं से शुरू हो जाने से खनिज से जुटे प्रकरणों के निराकरण में तेजी आने के साथ ही राजस्व में भी वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने मौजूदगी में खनिज विभाग से जुड़े अधिकारियों ने इसे लेकर एक प्रेजेंटेशन भी दिया। जिसमें यह बताया गया कि ओडिशा और गुजरात में पहले से खनिज विभाग में ऐसी सेवाएं चालू है। प्रदेश के खनिज विभाग से जुड़े अफसरों को ओडिशा के प्लान को स्टडी करने के भी निर्देश दिए।
खनिज विभाग से जुड़ी बैठक में मुख्यमंत्री ने इस ऑनलाइन व्यवस्था को तेजी से शुरू करने पर जोर दिया। खनिज विभाग के ऑनलाइन होते ही लोगों को जो प्रमुख सुविधाएं मिलेगी,उनमें खदानों का प्रबंधन, उत्पादन का ब्यौरा और उनका विकास शामिल हैं। वहीं इस योजना के तहत प्रदेश खनिज विभाग के सारे चेक पोस्टों भी ऑनलाइन कर दिया जाएगा। खनिज विभाग से जुड़ी सेवाओं को उस समय ऑनलाइन करने की मंजूरी दी गई है, जब प्रदेश में मौजूदा समय में चार हजार से ज्यादा खदानें है। इनमें 368 खदानें बड़ी हैं। इससे राज्य सरकार को प्रतिवर्ष करीब 32 सौ करोड़ का राजस्व प्राप्त होता है। प्रदेश में वाणिज्यिक कर के बाद यह राजस्व देने वाला दूसरा बड़ा विभाग है।
क्लस्टर से मिलेगा रोजगार
छत्तीसगढ़ के नया रायपुर में केंद्र सरकार इलेक्ट्रानिक मेन्यूफेक्चरिंग क्लस्टर स्थापित करेगी। इस क्लस्टर में कंपनियां ग्रीन टेक्नोलॉजी पर आधारित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उत्पादन करेंगी। नया रायपुर में इलेक्ट्रानिक क्लस्टर बनने से स्थानीय युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा तथा इससे सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित उद्योग छत्तीसगढ़ की ओर आकर्षित होंगे।
Sanjay Shukla, T.P. Singh