16-Jul-2014 07:42 AM
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मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र व्यापमं घोटाले के चलते ज्यादा जीवंत रहा। लेकिन कुछ काम-काज भी करने की कोशिश की गई। माखन लाल विश्वविद्यालय के फर्जीवाड़े की गूंज भी बजट सत्र

में सुनाई दी। प्रदेश में पिछले 6 माह में 2158 महिलाएं दुष्कर्म की शिकार हुई हैं यह जानकारी विधायक रामनिवास रावत के एक प्रश्र के लिखित जबाव में गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने दी। बजट सत्र के तीसरे दिन सदन में उस समय गंभीर स्थिति बन गई जब लगातार व्यापमं घोटाले पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्ष को अध्यक्ष ने चर्चा की अनुमति दे दी लेकिन विपक्ष चर्चा से पीछे हटने लगा बाद में दिनभर चली चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्यों ने व्यापमं घोटाले में जो कुछ कहा वह अखबारों में पहले ही छप चुका था। लगता है कांग्रेस तैयार नहीं थी। व्यापमं पर चर्चा के दौरान भाजपा के विधायक मोहन यादव ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा पर पक्षपात का भी आरोप लगाया। यादव इतने गुस्से में आ गए कि सरकार के कुछ मंत्रियों को उन्हें समझाना पड़ा।
भाजपा विधायक कैलाश चावला ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए कहा कि सहकारी समितियां किसानों को बाजार दर से ज्यादा दरों पर खाद बेच रही हैं। सहकारी समितियों से सुपर फास्फेट 332 रुपए प्रति बैग पर किसानों को दिया जा रहा है। वहीं बाजार में यह 270 से 290 रुपए में उपलब्ध है। डीएपी सहकारी समितियों से 1198 रुपए प्रति बैग की दर से मिल रहा है, जबकि बाजार में इसकी कीमत 1100 रुपए प्रति बैग है। भाजपा विधायक मोहन यादव ने ध्यानाकर्षण के जरिए कहा कि शिप्रा नदी में प्रशासन की लापरवाही के चलते देवास की फैक्टरियों एवं खान नदी इंदौर का प्रदूषित जल मिल रहा है। उज्जैन के सीवरेज का गंदा पानी भी शिप्रा में मिल रहा है। इससे स्नान करने वालों की भावनाएं आहत हो रही हैं वहीं जलीय जीवों की मौत हो रही है।
राज्य सरकार ने प्रश्रपकाल के दौरान स्वीकार किया कि प्रदेश के चिकित्सालयों में डॉक्टरों की कमी है। इस कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रश्रकाल के दौरान स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधायक दुर्गालाल विजय के सवाल पर बताया कि प्रदेश में चिकित्सा विशेषज्ञ के 444, शल्य चिकित्सा के 365, स्त्री रोग विशेषज्ञ के 288, निश्चेतना के 201, नेत्र विशेषज्ञ के 30, अस्थिरोग विशेषाज्ञ के 49, रेडियोलॉजिस्ट के 35, पैथालॉजी विशेषज्ञ के 65, नाक-कान-गला विशेषज्ञ के 23 पद खाली हें। विधायक विष्णु खत्री के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे डॉक्टरों की कमी पूरी होती जा रही है वैसे-वैसे हम प्रहरी दल बना रहे हैं। करीब 825 डॉक्टर के पद हमने विगत दिनों भरे हैं, करीब 1200 पदों की नई वेकेंसी पीएससी के द्वारा जारी कर दी गई है। विधानसभा में पीएससी भर्तियों में कथित रूप से संघ की सिफारिश और मुख्यमंत्री की भांजी की नियुक्ति का मामला भी गूंजा और शून्यकाल के दौरान जबलपुर में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. साकल्ले की मौत का मामला भी उठाया गया। वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में थाने बिकते हैं सभी के रेट तय हैं और पैसों के लेन-देन के बाद ही पोस्टिंग होती है। कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह ने कहा कि पुलिस में सत्तासीन दल का दखल है, खनन और रेत माफिया हावी है। इस पर गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने कहा कि पुलिस के काम में न तो कोई राजनीतिक हस्तक्षेप होता है और न ही पक्षपात होता है। गृह विभाग से संबंधित 4882 करोड़ 92 लाख 35 हजार रुपए की अनुदान मांगों को पारित कर दिया गया है। इंदौर में वकीलों की हड़ताल, सुसनेर दंगे और फसल मुआवजे को लेकर भी सदन में हंगामा हुआ। दंगों पर तो भाजपा विधायकों ने ही सरकार को घेरा लेकिन कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष द्वारा सदन में गमछा, कमंडल और घंटी लेकर पहुंचने के बाद सदन की राजनीति गरमा गयी। कटारे ने कहा कि सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री लालसिंह आर्य सदन में स्वीकार चुके हैं कि रितु चौहान के आय प्रमाण पत्र में गलती हुई है। इसीलिए अब मुख्यमंत्री को अपने वादे के मुताबिक भगवा वस्त्र और कमंडल धारण कर राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। बाद में नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे और कांग्रेस विधायक बाला बच्चन के खिलाफ सत्तापक्ष के चार विधायकों ने विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखा है।
विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा की सूझ-बूझ के कारण विधानसभा में वो सब विषयों पर भी चर्चा हो रही है जो वास्तविकता में जनहित से जुड़े हुए हैं। विधानसभा अध्यक्ष सदन नियमों और विधायकों की गंभीरता, प्रश्न की उपयोगिता को देखते हुए व्यवस्था देते है। विपक्ष का कर्तव्य है कि सरकार के लाए हुए किसी भी निर्णय पर उन्हें मोहर नहीं लगानी है। वहीं सत्ता पक्ष भी विपक्ष द्वारा लगाए गए एक भी आरोपों को सही नहीं ठहरा रहा है। इस स्थिति में सदन को चलाना मामूली काम नहीं है। वह तो सहनशीलता और ज्ञान का ज्ञाता ही सदन को चला पाता है।
छात्रवृत्ति का मामला उठा
प्रदेश में अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति का मामला भी विधानसभा में उठा विधायक उमंग सिंगार का कहना था कि पहली से लेकर दसवीं तक करीब डेढ़ करोड़ छात्र-छात्राएं सरकार से छात्रवृत्ति प्राप्त करते हंै लेकिन सरकारी नीतियों के कारण छात्रवृत्ति की बढ़ी राशि लैप्स हो जाती है उन्होंने बताया कि अनुसूचित जनजाति के लिए निर्धारित 104 करोड़ रुपए में से मात्र साढ़े चार करोड़ रुपए खर्च हुए और 100 करोड़ रुपए सर्मपित कर दिए गए इसी प्रकार अनुसूचित जाति के लिए 102 करोड़ रुपए का बजट था जिसमें से 86 करोड़ रुपए ही खर्च हुए। इस पर आदिम जाति कल्याण मंंत्री ज्ञान सिंह का कहना था कि कोई भी राशि सरेंडर नहीं हुई है और 9 विभागोंं की छात्रवृत्तियां एक सिस्टम के माध्यम से वितरित की जा रही हैं। मंत्री ने बताया कि राशि कहीं नहीं गई है बच्चों के चिन्हांकन एवं छात्रवार जानकारी के एकत्रीकरण सहित अन्य परेशानियों के कारण छात्रवृत्ति देने में समस्या आ रही है।
निकाय चुनाव में 48 घंटे नहीं बिकेगी शराब
नगरीय निकाय चुनाव के दौरान 48 घंटे तक शराब बेचने पर प्रतिबंध रहेगा। मतदान के दौरान यदि शराब बेचते पकड़ा जाएगा तो उसे छह माह की सजा और 2 हजार रुपए का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकते हैं। राज्य सरकार ने स्थानीय प्राधिकरण (निर्वाचन अपराध) अधिनियम में संशोधन कर नए प्रावधान जोड़ दिए हैं। अभी तक लोकसभा और विधानसभा चुनाव में शराब बंदी लागू थी, लेकिन अब नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के चुनाव मेें इस नियम को लागू किया गया है। जिसमेें पहली बार दंड का प्रावधान भी किया गया है। इस संबंध में राज्य सरकार ने संशोधन बिल विधानसभा में पेश कर दिया है।
गाय की मौत के बाद सरकारी खर्चे पर उसका अंतिम संस्कार करने ओर उसकी हड्डी व चर्बी के व्यवसाय पर रोक लगाने का कांग्रेस विधायक आरिफ अकील का अशासकीय संकल्प सरकार ने स्वीकार नहीं किया। इस मांग पर हुए मत विभाजन में संकल्प गिर गया। अकील का कहना था कि मौत के बाद गाय को या तो दफनाया जाए या दाह संस्कार किया जाए।
प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी को देखते हुए सरकार ने इन्हें दिसंबर तक भरने का फैसला लिया है। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने विधानसभा में बताया कि इन पदों के लिए सरकार 39 हजार शिक्षकों की भर्ती करेगी, जबकि हायर सेकंडरी स्कूलों में रिक्त पदों के लिए लोक सेवा आयोग से कहा गया है।