बवाल क्यों मचा?
16-Jul-2014 07:40 AM 1234760

उत्तर प्रदेश सांप्रदायिक बारूद का ढेर बन गया है। इसमेें जरा सी भी चिंगारी भयानक सांप्रदायिक हिंसा को जन्म दे सकती है। मुरादाबाद शहर कभी पीतल के बर्तनों के लिए विख्यात हुआ करता था किंतु आज यहां हिंदु-मुस्लिम तनाव सर चढ़कर बोल रहा है। इस तनाव की जड़ में है एक मंदिर में लाउड स्पीकर बंद करने का फरमान। तर्क यह दिया गया कि इससे इस मुस्लिम बहुल क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव भड़क सकता है। वैसे तो मुरादाबाद ही क्या देश के किसी भी धर्मस्थल में ज्यादा हो हल्ला करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है क्योंकि इससे छात्रों, बूढ़ों, बीमारों, बच्चों सहित समाज के तमाम तबकों को व्यवधान होता है किंतु मुरादाबाद में कांठ में लाउड स्पीकर की रोक ने नए अर्थ धारण किए हैं। हिंदुओं का कहना है कि प्रशासन उनकी भावनाओं का दमन कर रहा है। वहीं राजनीतिक पार्टियां इस विवाद में अपना-अपना राजनीतिक लाभ देख रही हैं।  लाउड स्पीकर पर रोक के बाद आयोजित महापंचायत पर रोक के चलते भाजपा के कुछ प्रदर्शनकारियों ने धारा 144 का उल्लंघन करते हुए पुलिस पर पथराव कर दिया था। जिसमें पुलिस के कुछ आला अफसर घायल हुए और 60 के करीब भाजपा कार्यकर्ता गिरफ्तार कर लिए गए। इलाके के एसपी धर्मवीर सिन्हा ने सारी गड़बड़ी के लिए भाजपा के स्थानीय नेता सर्वेश कुमार को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
दरअसल अकबरपुर के नया गांव में एक मन्दिर पर हमेशा शिवरात्रि को ही लाउडस्पीकर लगता था लेकिन बीती 16 मई को मंदिर पर परम्परा के विपरीत लाउडस्पीकर लगाया गया जिसे बाद में जिला प्रशासन ने उतरवा दिया था। इसी को लेकर महापंचायत का ऐलान किया गया था। महापंचायत में आए लोगों और पुलिस बल के बीच संघर्ष हो गया। रेलवे ट्रैक पर हुए संघर्ष के कारण कई ट्रेनों की रफ्तार करीब पांच घंटे के लिए थम गयी। रोक के बावजूद वहां जा रहे भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह, नेपाल सिंह और सरधना से विधायक संगीत सोम सहित करीब 210 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया। शासन को पहले यह सूचना मिली थी कि प्रस्तावित महापंचायत स्थगित कर दी है लेकिन बाद में एक अन्य गुट ने महापंचायत पर कायम रहने का ऐलान किया। कांठ में जिला प्रशासन ने पहले ही धारा 144 लगा दी थी और पर्याप्त संख्या में पुलिस बल भी मौके पर तैनात किया गया था। कोई अप्रिय घटना न हो इसलिए जनप्रतिनिधियों को पहले ही धारा 151 के तहत हिरासत में ले लिया गया। लेकिन कांठ कस्बे के रेलवे स्टेशन पर करीब 400 लोग रेल यातायात रोकने पहुंच गए। धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ गयी। रेल यातायात दुरूस्त कराने पहुंचे अधिकारियों पर भीड़ ने पथराव कर दिया। भीड़ द्वारा किए गए पथराव में जिलाधिकारी मुरादाबाद चन्द्रकांत, एसएसपी धर्मवीर, पुलिस उपाधीक्षक अर्चना, इंस्पेक्टर सुधीर तोमर तथा तीन सब इंस्पेक्टर भी घायल हो गए।
सपा का अंदाज यहां भी निराला
यूपी सरकार अनोखे काम करने में महारथ हासिल कर चुकी है। कितनी भी निंदा और आलोचना क्यों न हो, सपा की सरकार अपने ही अंदाज में काम कर रही है। इसकी एक नजीर सपा सरकार ने विधानसभा में बजट सत्र के दौरान पेश की। विपक्ष के जोरदार हंगामे के दौरान सरकार ने महज 60 मिनट में 60 विधेयक पारित करवा दिये। हंगामे के बीच सभी विभागों का बजट बिना चर्चा के पास करने के बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चकाल के लिए स्थगित कर दी गई। बसपा ने आरोप लगाए कि यूपी में बेतहाशा बढ़ रही मंहगाई से लोगों की कमर टूट रही है और यूपी में जंगलराज कायम हो चुका है। इसी दौरान, सरकार पर विपक्ष का हमला लगातार जारी रहा। भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता भी विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करती रहीं। उधर, सदन के भीतर विधानसभा में सरकार और बीजेपी के सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। बीजेपी ने जहां सरकार पर निवेशक सम्मेलन को लेकर हमला बोला वहीं मुख्यमंत्री और संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने केंद्र सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। मुख्यमंत्री ने बीजेपी के सदस्यों से केंद्र से यूपी को बिजली और कोयला दिलावाने को कहा। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि- हमें प्याज, बिजली और कोयला चाहिए। आपके पास 73 सांसद हैं और फिर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। हमारे पास 73 सांसद होते तो डंडे के दम पर सब ठीक कर देते।

FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^