डेविस कप में भारत की शर्मनाक हार
19-Feb-2013 10:51 AM 1234782

अनुभवहीन खिलाडिय़ों के साथ खेल रहे भारत को डेविस कप के एशिया-ओसियाना ग्रुप एक के मुकाबले में दक्षिण कोरिया के हाथों 1-4 से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। रिवर्स सिंगल्स मुकाबलों में विजयंत मलिक और वीएम रंजीत को एक बार फिर से हार झेलनी पड़ी। लिएंडर पेस और पूरव राजा की जोड़ी ने डबल्स मुकाबले में जीत दर्ज कर भारत को मुकाबले में बनाए रखा था, लेकिन पहले रिवर्स सिंगल्स मुकाबले में रंजीत की हार के साथ ही कोरिया ने 3-1 की अजेय बढ़त हासिल कर ली थी। इस करो या मरो मैच में भारतीय खिलाड़ी ने कोरियाई प्रतिद्वंद्वी सुक-यंग योंग को कड़ी टक्कर दी। योंग ने दो घंटे, 32 मिनट तक चले मुकाबले में 6-4, 6-4, 6-2 से जीत दर्ज की। रंजीत की हार के बाद दूसरा रिवर्स मैच सिर्फ औपचारिकता भर ही रह गया था। दूसरे मैच में मलिक का सामना कोरिया के लिए पहला मैच खेल रहे जी सुंग नाम से था। मलिक ने यह मैच 2-6, 4-6 से गंवाया। इससे पहले सिंगल्स मुकाबलों में रंजीत को मिन हियोक चो ने हराया था, जबकि योंग के खिलाफ हुए दूसरे मैच में मलिक मांसपेशियों में खिंचाव के कारण हट गए थे। इसके बाद पेस और राजा ने डबल्स मैच जीतकर भारत को वापसी कराई थी। सोमदेव देववर्मन की अगुआई में 11 शीर्ष खिलाडिय़ों की बगावत के कारण अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआइटीए) को अनुभवहीन टीम उतारने के लिए बाध्य होना पड़ा था। सोमदेव के अलावा महेश भूपति, रोहन बोपन्ना, युकी भांबरी, सनम सिंह और विष्णु वर्धन जैसे चोटी के खिलाडिय़ों ने खुद को डेविस कप के लिए अनुपलब्ध रखा था। एआइटीए का अनुभवहीन टीम उतराने का फैसला बिल्कुल गलत साबित हुआ। डेविस कप में भारत और कोरिया के बीच यह नौवीं भिड़ंत थी। जिसमें से छह बार कोरिया ने बाजी मारी है, जबकि तीन बार भारत ने जीत दर्ज की है। भारतीय सरजमीं पर कोरिया की पांच मैचों में यह दूसरी जीत है। इससे पहले कोरिया ने भारत में 1989 में जीत दर्ज की थी।

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