डांस बार के खिलाफ कानून
20-Jun-2014 04:12 AM 1234792


महाराष्ट्र सरकार ने प्रदेश में डांस बारों को पूरी तरह बैन करने के लिये कानून बनाने का निर्णय लिया है। डांस बार पर प्रतिबंध को सुप्रीम कोर्ट ने अमान्य कर दिया था। इसके बाद से ही महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की काट तलाशने में लगी हुई है। 2 जून 2014 को अंतत: महाराष्ट्र कैबिनेट ने फैसला कर लिया कि डांस बार पर पाबंदी के लिये कानून बनाया जाये ताकि सुप्रीम कोर्ट की अड़चन दूर हो सके। दरअसल डांस बार पर सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया था उसमें कहा गया था कि जब थ्री स्टार और फाइव स्टार होटलों में डांस बार पर कोई रोक नहीं है तो बाकी जगह रोक का क्या औचित्य है। महाराष्ट्र में डांस बार पर जो प्रतिबंध लगाया गया था उसमें फाइव स्टार होटलों सहित तमाम प्रतिष्ठानों को इस प्रतिबंध से मुक्ति दी गई थी। लेकिन अब जो कानून बनाया गया है उसमें फाइव स्टार होटलों सहित सभी जगह पाबंदी लगाने की सिफारिश की गई है। इसका अर्थ यह हुआ कि 2005 में डांस बार पर जो पाबंदी लगी थी वह अब कानूनी शक्ल अख्तियार कर लेगी।
देखा जाये तो इस प्रतिबंध में कोई खराबी नहीं है क्योंकि डांस बार वेश्यावृत्ति से लेकर हर तरह के क्राइम के अड्डे बने हुये थे। ड्रग्स माफिया डांस बार के माध्यम से फलफूल रहा था और मुंबई की कुछ आतंकी घटनाओं की साजिश भी डांस बार के अड्डों से शुरू होकर खतरनाक हमलों में तब्दील हुई। लेकिन डांस बार बंद करने से जो लड़कियां बेरोजगार हुईं उनमें से ज्यादातर देह व्यापार में धकेल दी गईं। महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि वह डांस बार में काम करने वाली लड़कियों को सुरक्षा नहीं दे सकती है और न ही उन्हें देर रात काम करने की छूट दी जा सकती है। महाराष्ट्र सरकार का जो विधेयक है वह गृह मंत्री आर.आर. पाटिल के नेतृत्व में तैयार किया गया। इसे लेकर कुछ विवाद भी है। लेकिन सरकार को लग रहा है कि इसका लाभ चुनाव में अवश्य मिलेगा । मुंबई में डांस बार बंद होने के बाद मुंबई में सबसे पहला डांस बार 60 के दशक में नरीमन पॉइंट इलाके में एक सिंधी रईस ने शुरू किया था। ये डांस बार जॉली मेकर-2 नाम की इमारत की पहली मंजिल पर हुआ करता था। मुंबई के कई अमीर अपनी शामें अक्सर यहां गुजारने आते थे। यहां आनेवाले कई ग्राहकों को इस कारोबार में भारी मुनाफा दिखाई देने लगा और उन्होने भी मुंबई के अलग अलग इलाकों में डांस बार खोलने शुरू कर दिये। इस बीच नरीमन पॉइंट का ये पहला डांस बार विवादों में फंस गया। बार की एक डांसर पर उस वक्त मुंबई में दहशत मचाने वाले पठान गिरोह के एक सदस्य का दिल आ गया, लेकिन उस डांसर को ये पठान पसंद नहीं था। गुस्से में पठान ने लड़की की हत्या कर दी। कुछ दिनों बाद ही ये डांस बार तो बंद हो गया लेकिन शहर भर में तब तक सैकड़ों डांस बार उग आये। साल 2005 में डांस बारों पर पाबंदी लगने से पहले तक अकेले मुंबई और आसपास 1250 डांस बार चल रहे थे, जिनमें 75 हजार लडकियां काम करतीं थीं और करीब 50 हजार पुरुष बतौर वेटर और खानसामा काम करते थे।
मुंबई के डांस बारों में कईयों ने अपनी अलग पहचान बनाई। ग्रांट रोड का तोपाज बार मॉडल जैसी दिखने वाली खूबसूरत बार डांसरों के लिये मशहूर था। तोपाज वही डांस बार है जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां फर्जी स्टांप पेपर घोटाल के आरोपी अब्दुल करीम तेलगी ने एक रात में 93 लाख रुपये एक बार डांसर पर न्यौछावर कर दिये। इस बार में 90 के दशक में वेंकटेशन नाम के इलाके के एक डीसीपी ने अचनाक यहां छापा मारा था। वेंकटेशन ने जब पाया कि बार में इलाके के 2 पार्षद बैठ कर नाच देख रहे हैं तो उन्होने बार डांसरों को हटा कर उनकी जगह दोनों पार्षदों को नचवाया और बार डांसरों को पार्षदों की जगह पर बिठा कर उनका नाच दिखवाया। तोपाज की तरह ही सनसाईन नाम का बार भी अपनी खूबसबरत डांसरों के लिये मशहूर हुआ करता था। दादर का बे वॉच बार और करिश्मा बार इस व्यवसाय में नये चेहरों को लाने के लिये जाने जाते थे। कोलाबा का ब्लू नाईल नाम का बार स्ट्रिप टीज के लिये बदनाम था जहां डांस फ्लोर पर नाचने वाली लड़कियां एक एक कर अपने शरीर से सारे कपड़े निकाल कर फेंक देतीं और और आखिर में पूरी तरह से नग्न होकर डांस करतीं। इस बार में घुसने के लिये एंट्री फीस लगती थी और इसके ज्यादातर ग्राहक दूसरे देशों से आये जहाजों पर काम करने वाले नाविक होते थे। यहां पोल डांस और कैबरे भी होता था।
जब 2005 में डांस बारों पर महाराष्ट्र सरकार ने पाबंदी लगाई तो दलील दी गई कि डांस बारों की वजह से समाज में अनैतिक माहौल पैदा हो रहा था। पुरुष अपनी आय का बडा हिस्सा घर पर खर्च करने के बजाय डांस बारों में उडा रहे थे, डांस बारों में पैसे उडाने की चाहत युवाओं को अपराध की ओर ढकेल रही थी, देर रात डांस बार से टुन्न होकर निकलने वाले लोग कानून व्यवस्था भंग कर रहे थे, कई डांस बार पिक अप पॉइंट के तौर पर काम कर रहे थे जहां से कॉल गल्र्स की सप्लाई होती थी वगैरह।  हकीकत ये थी कि पाबंदी के बावजूद मुंबई में चोरी छुपे कई डांस बार चल रहे थे।

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