19-Jun-2014 06:10 AM
1234782
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसद में दिया गया भाषण व्यापक चर्चा का विषय बना रहा। मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के पक्ष में बोलते हुए कुछ खास मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करने की कोशिश की। उनके भाषण से यह झलक रहा था कि सरकार का ध्येय हासिये पर गए लोगों को मुख्य धारा में लाते हुए गरीबी उन्मूलन और गांवों का विकास तो है ही उद्योगों को भी इस गति से बढ़ावा देना है कि देश में रोजगारों की भरमार हो जाए। शायद इसी लिए मोदी ने जोर देकर कहा है कि राजनीति के लिए एक साल काफी है बाकी वक्त देश के विकास में लगाया जाना चाहिए।
्रबलात्कार, सांप्रदायिक नफरत और दुर्घटनाओं पर भी मोदी ने बोला उन्होंने कहा कि चाहे पुणे की हत्या हो, चाहे यूपी की हत्या हो, चाहे मनाली में डूबे हमारे नौजवान हों, चाहे हमारी बहनों के साथ बलात्कार की घटनाएं हों। ये सारी घटनाएं आत्मचिंतन के लिए प्रेरित करती हैं। सरकारों को कठोरता से काम करना होगा। देश लंबा इंतजार नहीं करेगा। पीडि़त लोग लंबा इंतजार नहीं करेंगे। हमारी अपनी आत्मा हमें माफ नहीं करेगी। मैं देशभर के राजनेताओं से करबद्ध प्रार्थना करना चाहता हूंॅ। बलात्कार की घटनाओं का कम से कम मनोवैज्ञानिक विश्लेषण करना हम बंद करें। यह शोभा नहीं देता है। हम मॉं-बहनों के आत्मसम्मान से खिलवाड़ करते हैं। क्या हमें इस तरह की बयानबाजी करना शोभा देता है? क्या हम मौन नहीं रह सकते? इसलिए नारी का सम्मान, नारी की सुरक्षा यह पूरे देश की प्राथमिकता होनी चाहिए।
नरेन्द्र मोदी के भाषण में कई अहम बिन्दु ऐसे भी आऐ हैं जिनसे यह लगता है कि मोदी आर्थिक सुधारों को गति देने के लिए कुछ कठोर फैसले ले सकते हैं। भले ही चाहे वह रेल्वे की दुर्दशा का वर्णन हो, 2022 तक सभी को घर देने का वादा, देश को स्वच्छ करने का अभियान हो, गांवों में उद्योगों का जाल फैलाने का वादा हो या फिर संसद को कलंक मुक्त करने का आव्हान हो। यह सब मोदी ने इसलिए किया है क्योंकि वे जनता की उम्मीदों को पूरा करने का मकसद रखते हैं।
इससे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी सरकार के लक्ष्यों और 100 दिन की कार्ययोजना का खाका खींचा गया था जिसका सार यह था कि सरकार केवल युवा विकासÓ की संकल्पना की बजाए युवा संचालितÓ विकास व्यवस्था प्रदान करेगी। सरकार मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सिस और वर्च्युअल कक्षाएं तैयार करेगी। शिक्षण संस्थाओं में गुणवत्ता, अनुसंधान और नवीन-प्रक्रिया में कमियों से उत्पन्न कठिनाइयों को दूर करने के लिए सरकार, एक राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाएगी। प्रत्येक राज्य में आईआईटी और आईआईएम स्थापित की जाएगी । स्कूली अध्यापकों और छात्रों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय ई-लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी। सरकार हर हाथ को हुनरÓÓ के उद्देश्य से औपचारिक शिक्षा और कौशल विकास के बीच की बाधाओं को दूर करने का प्रयास करेगी और ऐसी व्यवस्था बनाएगी जिसमें व्यावसायिक योग्यताओं को अकादमिक समानता दी जाएगी। सरकार हुनरमंद भारतÓ के लक्ष्य से नेशनल मल्टी स्किल मिशनÓÓ भी शुरू करेगी।
देश भर में स्वास्थ्यकर परिस्थितियां (हाइजिन), कचरा प्रबंधन और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छ भारत मिशनÓÓ चलाया जाएगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण में लाग लपेट नहीं होना तथा इसे मुद्दों पर केंद्रित करना अच्छा प्रयास है। किंतु वक्त नतीजे देने का है।
भाषण के अहम अंश
- हमारे वादों पर शंका स्वाभाविक है, परंतु वादों को पूरा करने में कोई कोताही नहीं बरतेंगे
- देश और सरकार पर सबसे पहला अधिकार गरीबों का
- अन्त्योदय का कल्याण हमारी प्रतिबद्धता है
- गरीबी से छुटकारा पाने का उपाय है शिक्षा, और अंधश्रद्धा से मुक्ति
- कृषिप्रधान देश में किसानों के जीवन को बदलना सामूहिक दायित्व
- शहर की सुविधा, गांव की आत्मा होने पर बनता है
- गांवों में ही रोजगार के मौके बढ़ाने होंगे
- देश के हर किसान को स्शद्बद्य ॥द्गड्डद्यह्लद्ध ष्टड्डह्म्स्र दे सकते हैं
- सिक्किम के गांवों का विकास हमारे लिए मिसाल
- हमारी सोच है, हर गरीब के घर में हर शाम चूल्हा जलना चाहिए

- कुपोषण से लडऩे के लिए दालों में प्रोटीन कन्टेंट बढ़ाना होगा
- नारी का सम्मान 125 करोड़ देशवासियों की प्राथमिकता होनी चाहिए
- सत्यमेव जयते के मंत्र को चरितार्थ करना होगा
- देश की पहचान को Scam India से Skilled India करना होगा
- डिग्री से ज़्यादा ज़रूरी है हुनर
- व्यापारी विदेश जाकर सिर्फ डॉलर लाएगा, लेकिन शिक्षक विदेश जाकर पूरी पीढ़ी ला सकता है