यूक्रेन ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों की मांग की
02-Apr-2014 09:55 AM 1234901

16 मार्च क्रीमिया में इस दिन जनमत संग्रह हुआ, 80 प्रतिशत वोट पड़े जिसमें 96 प्रतिशत मतदाताओं ने उक्रेन से अलग होकर रूस के साथ विलय होने की मोहर लगा दी। दो दिन के भीतर रूसी राष्ट्रपति व्लादमिर पुतिन ने क्रीमियाई संसद के प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी के दस्तखत कर दिए। इस घटनाक्रम पर अमेरिका, यूरोपीय समुदाय की तरफ से तीखी प्रतिक्रियाएं हुईं और रूस पर विभिन्न किस्म के प्रतिबंध लगाने की घोषणाएं भी हुईं। अमेरिका ने रूस द्वारा क्रेमियाई विलय के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रतिबंधों का ऐलान किया है जिसमे रूस की आंशिक संपत्ति को फ्रीज करने से लेकर कुछ व्यापारिक प्रतिबंध और वीसा संबंधित प्रतिबंध शामिल है। इन प्रतिबंधों पर नजर डालने से पहले यहाँ रूसी अर्थव्यवस्था और उसके वैश्विक चरित्र को समझ लेना जरुरी है। गोर्बोचोव द्वारा सोवियत संघ को तोडऩे के बाद रूस लगभग कंगाल अवस्था में था। विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से येल्तसिन के जमाने में भारी कर्ज लिए गए। 2000 के दशक में आते-आते रूस कर्जो से मुक्त हुआ और आज उसके पास 515 अरब डालर का विदेशी मुद्रा भण्डार है। 2.55 खरब डालर की विश्व की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जिसका सालाना निर्यात 515 अरब डालर के साथ प्रतिवर्ष व्यापारिक मुनाफा 74.8 अरब डालर का है। 2008 तक रूसी अर्थव्यवस्था में 264 अरब डालर का विदेशी पूंजी निवेश हो चुका है जिसमे अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, होलैंड, लक्सम्बर्ग आदि प्रमुख निवेशक है।
2013 में दुनिया भर में विदेशी निवेश आकृष्ट करने वाले देशो की सूची में रूस तीसरे स्थान पर आ गया है। 2012 में वह नौवें स्थान पर था। 2013 में अमेरिका, चीन में क्रमश: 159, 157 अरब डालर का निवेश हुआ जबकि रूस में 94 अरब डालर का विनेश हुआ। (2013 में पूरी दुनिया में विदेशी निवेश की रकम आर्थिक मंदी के बाद पहली बार मंदी पूर्व स्तर पर पहुंची जो 1.5 खरब डालर है)। ओटावा (कनाडा) में रूसी राजदूत गेओर्गीय ममेदोव द्वारा इन प्रतिबधों पर खिल्ली उड़ाने से यह साफ हो जाता है कि रूसी अर्थव्यवस्था में पश्चिमी ताकतों के पाँव इस कदर धंसे हुए है कि उनके पास विरोध के ज्यादा विकल्प नहीं है। यूक्रेन के अंतरिम प्रधानमंत्री अर्सेनी यातसेन्युक ने रूस की नयी वैश्विक व्यवस्थाÓ के अभियान पर नकेल कसने के लिए उसके खिलाफ वैश्विक आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाने की अपील की है। ऐतिहासिक यूरोपीय संघ-यूक्रेन भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद यातसेन्युक ने कहा कि रूस द्वारा अंतरराष्ट्रीय रूप से सहमति वाली सीमाओं के अभूतपूर्व असम्मान को रोकने के लिए आर्थिक दबाव एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा, आज दुनिया में क्या हो रहा है? क्या रूस ने नयी वैश्विक व्यवस्था लागू करने का फैसला कर लिया है?ÓÓ यूक्रेनी प्रधानमंत्री ने कहा, सैन्य कार्रवाई स्वीकार्य नहीं है जिससे एक तीसरा विश्व युद्ध छिड़े।ÓÓ उन्होंने कहा, रूस को रोकने का सबसे अच्छा उपाय उस पर वास्तविक आर्थिक दबाव डालना है।ÓÓ यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने रूस द्वारा क्रीमिया के खुद में विलय के बाद 33 रूसियों और यूक्रेनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। लेकिन यूरोपीय संघ रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने से बच रहा है क्योंकि रूस उसका महत्वपूर्ण ऊर्जा आपूर्तिकर्ता है जो यूरोप की एक चौथाई से अधिक ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति करता है। यातसेन्युक ने कहा कि रूस गैस की कीमतें दोगुनी कर यूरोपीय संघ के साथ बेहतर होते संबंधों के लिए उनके देश को दंडित कर रहा है। उन्होंने यूरोपीय संघ से देश के उर्जा स्रोतों को लेकर मदद की अपील की। उन्होंने कहा, हमें शांति, स्थिरता, सुरक्षा एवं मूल्यों के लिए कीमत चुकानी होगी।ÓÓ मॉस्को के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर पेंटागन यह समीक्षा कर रहा है कि अमेरिकी सैन्य उपग्रह प्रक्षेपण के लिए रूस के रॉकेट इंजनों पर निर्भरता कहीं राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा तो नहीं है। वर्ष 1995 के बाद से अमेरिकी सेना ने एटलस वी रॉकेटों में रूस निर्मित इंजनों का इस्तेमाल किया है। इन रॉकेटों का प्रयोग अक्सर वायुसेना के लिए या दूसरे उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए किया जाता है।
प्रवक्ता मॉरीन शुमैन ने कहा, मौजूदा स्थिति को देखते हुए मंत्रालय ने वायुसेना को एक अतिरिक्त समीक्षा करने के आदेश दिए हैं, ताकि हम रूस निर्मित आरडी-180 रॉकेट मोटर के हमारे एटलस वी लॉन्च व्हीकल में इस्तेमाल पर पडऩे वाले प्रभावों और आपूर्ति में बाधाओं को पूरी तरह समझ सकें।ÓÓ अधिकारियों ने कहा कि हालांकि रक्षा मंत्रालय नियमित रूप से अमेरिकी सेना की आपूर्ति श्रृंखला पर विदेशों से पड़ सकने वाले प्रभाव के खतरों की समीक्षा करता रहता है। फिर भी पेंटागन प्रमुख चक हेगल ने यूक्रेन संकट के चलते नए सिरे से रूसी इंजनों की समीक्षा के आदेश जारी किए हैं।

पुतिन ने अमेरिकी प्रतिबंधों को नहीं दी तवज्जो
राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने उनके सहयोगियों पर लगाये गये ताजा अमेरिकी प्रतिबंधों को अधिक तवज्जो नहीं दी और कहा कि मास्को अपनी जवाबी दंडात्मक उपाय नहीं करेगा। पुतिन ने अपनी सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा, आप जानते हैं कि दोनों में से पहले मामले। अमेरिकी प्रतिबंध और दूसरे मामले-यूक्रेन के साथ वीजा प्रणाली शुरू करने में-अभी जवाबी कदमों को निलंबित रखना चाहिए।ÓÓ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कल पुतिन के करीबी माने जाने वाले 20 विधि निर्माताओं, अधिकारियों और अरबपतियों के खिलाफ ताजा दंडात्मक उपायों की घोषणा की थी। इन प्रतिबंधों के चलते साख निर्धारण एजेंसियों स्टेंडर्ड एंड पूअर्स तथा फिच ने रूस के बारे में अपने दृष्टिकोण को स्थिर से बदलकर नकारात्मक कर दिया है। पुतिन ने उस कानून पर हस्ताक्षर कर दिया है जिसमें क्रीमिया को रूस में शामिल करने की कानूनी प्रक्रिया का उल्लेख है। रूसी संसद के उच्च सदन ने इस प्रायद्वीप के बारे में एक संधि का अनुमोदन किया था।

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