02-Apr-2014 09:44 AM
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राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस के टिकिट घोषित हो गए हैं। दोनों दलों में टिकिटों को लेकर खींचतान देखने को मिली। जसवंत सिंह प्रकरण के बाद भाजपा में विद्रोह के और भी स्वर उभरे। खासकर गंगा नगर में निहालचंद मेघवाल,

जयपुर ग्रामीण में ओलंपियन राज्यवर्धन सिंह राठौर, जयपुर में प्रदेश महासचिव रामचंद वोहरा, अलवर में पूर्व विधायक महंत चांदनाथ और सवाई माधौपुर में भी पूर्व विधायक सुखवीर सिंह जौनपुरिया का जमकर विरोध हो रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से केवल 4 सीटों पर वर्तमान सांसदों को टिकिट देकर पार्टी ने गलत संदेश दिया है। 2009 में कांग्रेस की लहर के बावजूद जिन सांसदों ने जीत दर्ज की थी उन सभी को पुन: चुनावी मैदान में उतारना था। लेकिन राजस्थान में इस बार भाजपा ने जातीय समीकरणों को विशेष महत्व दिया है। जैसे कोटा में मारवाड़ी समाज की अधिकता देखते हुए विधायक ओम बिड़ला को लोकसभा चुनाव लडऩे को कहा गया। चित्तौडग़ढ़ में ठाकुर-बामन समीकरण ज्यादा प्रभावी है यहां चंद्रप्रकाश जोशी को टिकिट देकर सवर्ण जातियों को अपनी तरफ मिलाने की कोशिश की गई है। जसवंत सिंह भी जातिवादी समीकरण के चलते टिकिट पाने से वंचित रहे। हालांकि वे निर्दलीय मैदान में हैं, लेकिन उनकी बगावत ने कई टिकिट वंचितों को निर्दलीय लडऩे की प्रेरणा दी है। हालांकि पहले चरण में कोई बागी उभरकर सामने नहीं आया है, लेकिन कुछ सीटों पर स्थानीय नेता निर्दलीय खड़े हो सकते हैं। कांग्रेस में भी कमोबेश यही स्थिति है। अजहरूद्दीन को टोंक सवाई माधौपुर लोकसभा से टिकिट दिया गया तो विरोध
के स्वर उठे। कुछ नेताओं ने तो खुलेआम बगावत कर दी। वहीं कुछ स्थानीय नेताओं द्वारा
पाला बदलने की खबर भी है। कहा जाता है
कि कुछ कार्यकर्ताओं ने तो अजहरूद्दीन के पोस्टर तक जलाए।
कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का कहना है कि यदि किसी मुस्लिम को ही टिकिट देना था तो इस क्षेत्र में योग्य मुस्लिम उम्मीदवारों की कमी नहीं है। अजहरूद्दीन को मुस्लिम समुदाय की भी नाराजगी झेलनी पड़ेगी। अजहरूद्दीन को टोंक में हलाल का ऊंट कहा जाने लगा है। यह भी कहा जा रहा है कि अजहरूद्दीन को बली का बकरा बनाकर कांग्रेस राज्य में मुसलमानों को अपनी तरफ करना चाहती है, जिनका झुकाव विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की तरफ देखा गया था। लगभग हर चुनाव में यही होता है। कांग्रेस इस क्षेत्र से एक न एक प्रत्याशी को बलि का बकरा बनाती ही है। टोंक सवाई माधौपुर लोकसभा में मुख्यत: मुस्लिम ब्राह्मण और गुर्जर वोटर हैं। ब्राह्मणों का झुकाव भाजपा की तरफ होना तय है। पूर्व एमएलए सुखवीर सिंह जौनपुरिया की गुर्जरों के बीच अच्छी पकड़ है।
सीट भाजपा प्रत्याशी कांग्रेस प्रत्याशी
गंगा नगर निहालचंद मेघवाल मास्टर भंवरलाल मेघवाल
बीकानेर अर्जुन मेघवाल शंकर पन्नू
चुरू राहुल कासवा प्रताप पूनिया
झुंझनू संतोष अहलावत राजबाला ओला
सीकर स्वामी सुमेदानंद पीएस जाट
जयपुर ग्रामीण राज्यवर्धन राठौर डॉ. सीपी जोशी
जयुपर रामचरण वोहरा मनेश जोशी
अलवर महंत चांदनाथ जितेंद्र सिंह
भरतपुर बहादुर कोली डॉ. सुरेश यादव
दौसा हरीश मीणा नमो नारायण मीणा
टोंक सवाई माधौपुर सुखवीर सिंह जौनपुरिया मो. अजहरूद्दीन
नागौर छोटूराम चौधरी ज्योति मिर्धा
जोधपुर गजेंद्र सिंह शेखावत चंद्रेश कुमारी
जालौर देवजी पटेल उदयलाल अंजाना
उदयपुर अर्जुन मीणा रघुवीर सिंह मीणा
बांसवाड़ा मनशंकर निनामा रेशम महेंद्र जीत सिंह
चित्तौडग़ढ़ चंद्रप्रकाश जोशी डॉ. गिरिजा व्यास
राजसमंद ओमसिंह राठौर गोपाल सिंह शेखावत
भीलवाड़ा सुभाष बाहडिया अशोक चांदना
कोटा ओम बिड़ला इजायराज सिंह
झालावाड़-बारन दुश्यंत सिंह प्रमोद जैन
बाड़मेर सोनाराम हरीश चौधरी