02-Apr-2014 09:17 AM
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मुंबई में शक्तिमील बलात्कार कांड के 4 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। 22 अगस्त को एक फोटो जर्नलिस्ट अपने मित्र के साथ सुनसान शक्ति मिल इलाके में गई थी उसी दौरान 7 अपराधियों ने उसके साथ गैंगरेप किया और

उसके मित्र को बांधकर बुरी तरह घायल कर दिया। साहसी लड़की ने किसी तरह पुलिस में रिपोर्ट कराई बाद में मेडिकल में पुष्टि होने के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को धर दबोचा। आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि उन्होंने उस इलाके में ऐसी कई वारदातें की थी, लेकिन महिलाएं बदनामी के डर से चुप रहीं और उन्होंने मुंह नहीं खोला। इस घटना ने सारी मुंबई को झकझोर दिया था। बाद में एक और महिला ने पुलिस को सूचना दी कि उसके साथ भी ऐसा ही हादसा हुआ था। इसके बाद दोनों हादसों पर जांच पड़ताल शुरु हुई और कोर्ट ने पाया कि तीन अभियुक्त मोहम्मद कासिम शेख, विजय जाधव और अलीम अंसारी दोनों मामलों में शामिल हैं, जबकि चौथा व्यक्ति शिराज रहमान खान फोटो जर्नलिस्ट के साथ बलात्कार का दोषी था। एक अन्य व्यक्ति मोहम्मद शेख को पहले मामले में दोषी पाया गया। जिस महिला ने फोटो जर्नलिस्ट के साथ बलात्कार के बाद रिपोर्ट दर्ज कराई थी वह एक टेलीफोन आपरेटर है। दो आरोपी अवयस्क हैं और उनका मामला जुबेनाइल कोर्ट में विचाराधीन है। कहा जाता है कि लोअर पारेल के इलाके में बेकार पड़ी इस इमारत के आसपास घना जंगल उग आया है। वहां कोई जाना पसंद नहीं करता। यह डरावना इलाका बदमाशों की आरामगाह है। यदि कोई व्यक्ति भूले-भटके यहां आ जाता है तो उसे लूट लिया जाता है और कई बार महिलाओं को अपनी इज्जत से भी हाथ धोना पड़ता है। यह सभी अभियुक्त उस इलाके के पास बनी झुग्गी झोपड़ी में रहते थे और वहां छोटी-मोटी वारदातें करते रहते थे।
एक अन्य मामला 31 जुलाई 2013 को 18 वर्षीय एक टेलीफोन ऑपरेटर के बलात्कार का है जिसमें इसमें से तीन अभियुक्त शामिल थे। दो नाबालिग आरोपियों के मामलों की सुनवाई किशोरवय न्याय बोर्ड कर रहा है। एक नाबालिग फोटो पत्रकार और दूसरा नाबालिग टेलीफोन ऑपरेटर के मामले में आरोपी है। अदालत ने 5 लोगों को सामूहिक बलात्कार, षड्यंत्र रचने, सांझी मंशा, अप्राकृतिक यौन संबंध के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी कानून के उल्लंघन का दोषी करार दिया। फ़ैसले पर गृहमंत्री आर आर पाटिल ने कहा, महाराष्ट्र ही नहीं पूरे देश के लिए ये एक महत्तपूर्ण मुकदमा था, और उसका फैसला आ गया है। इस घटना के बाद बहुत सारे उपाय महिला सुरक्षा के लिए मुंबई पुलिस की तरफ़ से और महाराष्ट्र पुलिस की तरफ से किए गए हैं। देश के सारे बड़े शहरों के मुकाबले मुंबई में हमारी बहनें और महिलाएं सुरक्षित हैं, फिर भी भविष्य में कोई कमी न रहे इसकी पूरी कोशिश की जाएगी। इस फैसले से गुनहगारों को एक संदेश जाएगा कि ऐसी घटना दोबारा ना हो। सरकारी वकील उज्जवल निकम ने कहा, हमने इन दोनों मामलों में सभी 75 गवाहों से पूछताछ की है। इन दोनों मामलों में तीन अभियुक्त एक ही है। आज हमने अदालत से दरख्वास्त की है कि मामले को कल तक के लिए स्थगित कर दिया जाए ताकि अभियुक्त पक्ष सजा पर अपनी बात रख सके और साथ ही साथ अभियोग पक्ष को भी सजा बढ़वाने के लिए धारा 376ष्ठ के तहत और सबूत देने का मौका मिल सके।Ó महिला पत्रकार के बलात्कार के मामले में 44 और टेलीफोन ऑपरेटर के बलात्कार के मामले में 31 गवाहों की गवाही हुई है।
उधर उड़ीसा के कटक जिले में एक नन के साथ हुए बलात्कार के मामले में तीन दोषियों को सजा सुनाई गई है। इनमें से एक को 11 वर्ष और बाकी दो को 26-26 महीने की सजा सुनाई गई है। अगस्त 2008 में ईसाई विरोधी हिंसा के दौरान एक नन के साथ हुए बलात्कार का यह मामला अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में रहा था। जिला जज ज्ञान रंजन पुरोहित ने मुख्य अभियुक्त संतोष पटनायक उर्फ मीतू को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत बलात्कार का दोषी माना है। दो अन्य अभियुक्तों गजेंद्र दीगल और सरोज बधेई को विभिन्न धाराओं के तहत यौन शोषण का दोषी माना गया है। इस दोनों को 26 महीने कैद की सजा दी गई है। इस मामले में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया था जिनमें से छह को अदालत ने बरी कर दिया जबकि एक फरार है। ओडिशा के कंधमाल जिले में हिंदू धर्मगुरु लक्ष्मणानंद सरस्वती और उनके चार अनुयायियों की हत्या के दो दिन बाद हुई ईसाई विरोधी हिंसा में 25 अगस्त 2008 को उग्र भीड़ ने एक ईसाई नन पर यौन हमला किया था। नन के साथ कथित रूप से बालीगुडा के नजदीक स्थित कंजोमेंडी गांव में बलात्कार किया गया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद कटक की जिला अदालत में सुनवाई हुई थी। नन ने अपनी सुरक्षा का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से मामले की सुनवाई को कंधमाल से स्थानांतरित करने की गुहार लगाई थी।