18-Mar-2014 10:29 AM
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करीब आठ साल पहले आई फिल्म प्यार के साइड इफेक्टसÓ का सीक्वेल है इस सप्ताह प्रदर्शित शादी के साइड इफेक्टसÓ। सीक्वेल में पिछली जोड़ी राहुल बोस और मल्लिका शेरावत की जगह फरहान अख्तर और विद्या बालन की जोड़ी है।

इस फिल्म में पिछली के मुकाबले ज्यादा कामेडी भी है। यकीनन शादीशुदा या जल्द शादी करने जा रहे लोग इस फिल्म को देखकर खुश होंगे और बहुत कुछ सीख भी सकेंगे। मसाला फिल्मों और एक्शन के शौकीनों को यह फिल्म निराश करेगी और जो लोग कहानी पर ज्यादा जोर देते हैं उन्हें भी निराशा ही हाथ लगेगी। सिड उर्फ सिद्धार्थ (फरहान अख्तर) और तृषा (विद्या बालन) एक दूसरे से लंबे समय से प्यार करते हैं और शादी का फैसला करते हैं। शादी के बाद भी इनका रोमांस पहले की ही तरह है और दोनों के बीच किसी भी प्रकार की दूरियां नहीं हैं। दोनों बच्चे को भी जल्द नहीं लाना चाहते क्योंकि सिड चाहता है कि परिवार बढ़ाने से पहले उसका पहला पॉप एलबम आ जाए तो तृषा की भी चाहत है कि पहले उसका प्रमोशन हो जाए उसके बाद ही वह मां बने। लेकिन अचानक एक दिन सिड को लगता है अब परिवार बढ़ाने का वक्त आ गया है। दोनों सहमति से घर में नया मेहमान लाने का फैसला करते हैं। लेकिन तृषा के मां बनने के बाद सिड को लगता है कि वह उससे दूर होती जा रही है और उसके मन में नकारात्मक भावना घर कर चुकी है। उनके बीच होने वाले रोजाना के झगड़ों से परेशान होकर तृषा की मां सिड को अपने बड़े दामाद रणवीर (राम कपूर) से कुछ सीखने की सलाह देती है। परिस्थितियां तब बदलने लगती हैं जब सिड रणवीर जैसा बनने की कोशिश करने में लग जाता है। रणवीर की खुशहाल शादीशुदा जिंदगी का बड़ा कारण है झूठ बोलकर परिवार को खुश रखना।
वहीं सिड काफी प्रयासों के बाद भी रणवीर जैसा नहीं बन पाता और अपनी गलती के लिए तो तृषा से माफी मांगता ही है बल्कि तृषा द्वारा की गई गलती के लिए भी उससे माफी मांगता रहता है।
अभिनय के मामले में विद्या सब पर हावी रहीं। उन्होंने गजब का अभिनय किया है। राम कपूर भी अपने रोल में जमे हैं। फरहान का काम भी दर्शकों को पसंद आएगा। रति अग्निहोत्री तथा अन्य सभी कलाकारों का काम भी ठीकठाक रहा। फिल्म का गीत संगीत अच्छा बन पड़ा है और आजकल म्यूजिक चार्ट्स में टॉप नंबरों पर इस फिल्म के गाने हैं। निर्देशक साकेत चौधरी यदि फिल्म की लंबाई को थोड़ा और कम करते तो यह और भी अच्छी फिल्म बन सकती थी।