मोदी के लिए संघ सक्रिय
03-Mar-2014 10:56 AM 1234808

नरेंद्र मोदी के मिशन प्रधानमंत्री को सम्भव बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने मोर्चा सम्भाल लिया है। विशेषकर मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में जहाँ संघ की आम जनता के बीच गहरी मौज़ूदगी है संघ की सक्रियता राज्य से मोदी को 29 सीट दिलाने के लिए तेजी से बढ़ी है। पिछले दिनों अपने भोपाल प्रवास के दौरान संघ प्रवक्ता राममाधव ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लोकहित की दृष्टि से संघ के सभा अनुषांगिक संगठनों की सक्रियता में बढ़ोत्तरी का संकेत दिया था उसके बाद राजधानी भोपाल  सरसंघचालक मोहन भागवत के तीन दिवसीय प्रवास के दौरान संघमय दिखाई दिया। 23 फरवरी को पथ संचालन के दौरान मध्यप्रदेश के मंत्रियों ने जो बेहतरीन व्यवस्था दिखाई उसके पीछे कहीं न कहीं लोकसभा चुनाव की आहात का भी संकेत था। बताया जाता है कि संघ के पदाधिकारियों को खुश करने के लिए कुछ टिकिटार्थियों ने बढ़-चढ़कर हर कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
अपनी यात्रा के दौरान संघ प्रमुख महिलाओं के एक सिम्पोजियम शक्ति संवादÓ में भी शामिल हुए  इसमें केवल उन क्लब और संस्थाओं से जुड़ी हुई करीब 200 महिलाओं को बुलाया गया था  जो कमजोर तबके के लिए कई कार्यक्रम करते हैं। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी ने भोपाल में महिलाओं से मुलाकात की थी, इसी तर्ज पर संघ प्रमुख का इरादा था कि कमजोर तबके की महिलाओं को अपने साथ जोड़ा जाए। जो भारतीय जनता पार्टी सहित संघ के अन्य अनुषांगिक संगठनों में काम करेंगी। महिलाओं की बैठक में एक पूर्व महिला मंत्री की मौजूदगी चर्चित रही। समझा जाता है कि वे लोकसभा चुनाव का टिकिट प् सकती हैं। भगवत ने  पदाधिकारियों की बैठक लेकर सियासी रणनीति को अंतिम रूप दिया हालाँकि यह कहा गया कि वे संघ के स्वयंसेवकों को ऊर्जित व उत्साहित कर उन्हें सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की निरंतरता एवं गतिशीलता के लिये अपना उत्कृष्ट योगदान सुनिश्चित करने हेतु प्रेरित करने आये थे। ताकि विचारधारा के साथ-साथ लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सत्तारोहण का मार्ग भी प्रशस्त हो सके। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मध्यप्रदेश में संघ की सक्रियता महत्वपूर्ण है क्यों कि व्यापमं घोटाले सहित हाल के दिनों में हुए अन्य घटनाक्रमों ने प्रदेश में भाजपा व पार्टी की सरकार की मुश्किलें बढ़ाने का ही काम किया है। ऐसे में चुनाव के ऐन मौके पर संघ की सक्रियता जनमानस के बीच बने सत्ता विरोधी माहौल को काफी हद तक कम करने में मूल्यवान साबित होगी तथा भाजपा का मिशन 29 परवान चढ़ेगा। यह पहली बार नहीं है जब चुनाव के मद्देनजर संघ की सक्रियता बढ़ रही है, इससे पहले भी खासकर लोकसभा चुनाव के अवसर पर संघ की सक्रियता भारतीय जनता पार्टी के लिये काफी फायदेमंद साबित होती रही है। वैसे यह कहना भी अति आवश्यक है कि संघ के मार्ग में भी कम बाधाएं नहीं हैं क्यों कि पिछले कुछ वर्षों में संघ के अंदर हावी होती गई पंच सितारा संस्कृति तथा संघ पदाधिकारियों की आर्थिक व राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं ने संघ की भूमिका व मौजूदा समय में उसकी प्रासंगिकता पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है। सत्ता में संघ पदाधिकारियों के सीधे दखल के चलते उनकी राजनीतिक व आर्थिक अपेक्षाओं का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है तो इस तरह संघ पदाधिकारियों की अति सक्रियता के चलते इस राष्ट्रवादी संगठन के मूल उद्देश्यों के पूरा होने का मार्ग भी बाधित होता है। क्योंकि जब संघ पदाधिकारी अपने आर्थिक उद्देश्यों को पूरा करने तथा राजनीतिक तिकड़म में ही अपना अधिकांश समय व्यतीत करने लगेंगे तो फिर संगठन गढऩे व व्यक्ति एवं चरित्र निर्माण के संघ के मूल उद्देश्य पर प्रतिकूल प्रभाव तो पड़ेगा ही। प्रदेश में हुए व्यापमं घोटाले के तार संघ के कई बड़े पदाधिकारियों एवं भाजपा नेताओं से जुड़े होने की खबरें आये दिन समाचार पत्रों की सुर्खियां बन रही हैं। साथ ही माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्व विद्यालय में संघ तथा भाजपा नेताओं के चहेतों की नियम विरुद्ध नियुक्तियां भी एक चुनावी मुद्दा बन सकता है। व्यापमं पर कांग्रेस के आंदोलन के कारण सरकार परेशानी में है।

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