सिंधु रत्न में मौत
03-Mar-2014 10:38 AM 1234791

भारत की नौसेना में हादसों का दौर जारी है। अगस्त 2013 में जब समुंदर में धसकर पनडुब्बी आईएनएस सिंधु रक्षक 18 सैनिकों की भक्षक बन गई थी। उस वक्त देश ने नहीं सोचा था कि महज तीन महीने बाद देश ऐसे ही एक औ हादसे का सामना करेगा। मुंबई से 80 किलोमीटर दूर समुद्र में जब 26 फरवरी को आईएनएस सिंधु रत्न पनडुब्बी में विस्फोट के बाद दो अफसरों की मौत हो गई तो लगा कि कही न कहीं कोई बड़ी गड़बड़ी है। घटना के बाद नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके जोशी  इस्तीफा दे दिया। पिछले 7 माह के दौरान यह 10वां हादसा है। रक्षामंत्री एके एंटनी इस हादसे से बहुत दुखी हुए और उन्होंने अफसरों को तलब भी किया, लेकिन सब दिखावे की कार्रवाई प्रतीत होता है।
लेफ्टिनेंट मनोरंजन कुमार लेफ्टिनेंट कमांडर कपीश मुवाल ने जान गंवाई है। आईएनएस सिंधुरत्न का नियमित परीक्षण चल रहा था। तभी बैटरी कंपार्टमेंट में धमाका हो गया। जिसके चलते सबमरीन का फायर फाइट सिस्टम एक्टिव हो गया। उससे फ्रीयॉन गैस निकलने लगी। यह गैस मास्क न पहने नौसैनिकों के लिए जहरीली साबित हुई। आग लगने से पनडुब्बी का कंपार्टमेंट नंबर-3 लॉक हो गया। इसी कंपार्टमेंट में लेफ्टिनेंट मनोरंजन कुमार और लेफ्टिनेंट कमांडर कपीश मुवाल थे। दोनों की मौत हो गई। ये अधिकारी इलेक्ट्रिकल ब्रांच के थे। धुएं से सात नौसैनिक बेहोश हुए हैं। इन्हें नौसेना के अश्विनी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे के दौरान सिंधुरत्न पर 94 नौसैनिक थे। एडमिरल जोशी का कार्यकाल 15 माह बचा था एडमिरल डीके जोशी 2012 में नौसेना प्रमुख बने थे। वे करीब 15 महीने पद पर और रहने वाले थे। वे पहले भारतीय मिलिट्री प्रमुख हैं जिन्होंने हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया है। जोशी ने दिसंबर 2013 में  कहा था कि नौसेना में हादसों का रिकॉर्ड खराब नहीं है। यह भी कहा था कि आम्र्ड फोर्सेस के बिजनेस में ऑपरेशनल रिस्क होती हैं। इससे पहले विवादों के चलते एनडीए सरकार ने 1998 में एडमिरल विष्णु भागवत को बर्खास्त किया था। 2008 में फ्रीयॉन गैस की वजह से ही रूसी पनडुब्बी में 20 नौसैनिकों की मौत हो गई थी। हादसे के दौरान सिंधुरत्न पर इंस्पेक्शन टीम भी मौजूद थी। पश्चिमी नौसैनिक कमान के कमोडोर कमांडिंग सबमरीन एसआर कपूर अपनी टीम के साथ सिंधुरत्न के समुद्री ट्रायल के लिए आए थे।
पिछले सात महीने में भारतीय नौसेना की तीन पनडुब्बियां और सात युद्धपोत हादसे के शिकार हुए। सबसे बड़ा हादसा पिछले साल 14 अगस्त को आईएनएस सिंधुरक्षक का था। उस घटना में 18 नौसैनिक मारे गए थे। पिछले कई हादसों की जांच के लिए बोर्ड ऑफ इन्क्वायरी बना। लेकिन अब तक जांच पूरी नहीं हुई है। डीके जोशी ने पिछले साल सिंधुरक्षक हादसे वाले दिन कहा था- घ्कमोडोर रैंक का अधिकारी हादसे की जांच कर चार हफ्ते में रिपोर्ट देंगे। सात माह बाद फरवरी 2014 तक जांच पूरी नहीं हो सकी है। नौसेना डूबी पनडुब्बी को सतह पर लाने के लिए 250 करोड़ रुपए का कांट्रेक्ट देने जा रही है। नौसेना ने जनवरी में आईएनएस ऐरावत और आईएनएस बेतवा के हादसों के सिलसिले में रियर एडमिरल स्तर के अधिकारी को तलब किया। पश्चिमी फ्लीट के प्रमुख रियर एडमिरल अनिल चावला को पश्चिमी नौसेना कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा ने समन भेजा था। उन्हें नौसेना के ड्रेस नं 2 में बुलाया गया था। ड्रेस नं 2 दोषी होने का प्रतीक होता है। फरवरी के शुरू में आईएनएस ऐरावत में हुए हादसे के बाद कमांडिंग ऑफिसर कमांडर जेपीएस विर्क को हटा दिया गया। पिछले साल दिसंबर में आईएनएस तलवार के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन गोपाल सुरी को भी हटा दिया गया। पर हादसे जारी हैं। रूस में बनी किलो क्लास की पनडुब्बी सिंधुरत्न 1988 में नौसेना में शामिल की गई थी। इसकी 2003 में पूरी मरम्मत की गई थी। छह महीने डॉकयार्ड में सुधरने के बाद दिसंबर 2013 में ही लौटी थी।  यह पनडुब्बी समुद्री ट्रायल के लिए गई थी। इस पर हथियार नहीं थे। पनडुब्बी में ऑन-बोर्ड पश्चिमी नौसेना कमान के वरिष्ठतम सबमरीन अधिकारी एसआर कपूर मौजूद थे।

हादसों की नौसेना
26 फरवरी 2014 : सिंधुरत्न में हादसा।
3 फरवरी 2014 : आईएनएस ऐरावत में हादसा, प्रोपेलर डैमेज, कमांडिंग ऑफिसर को हटाया।
22 जनवरी 2014 : आईएनएस बेतवा मुंबई आते वक्त किसी चीज से टकराकर क्षतिग्रस्त, सोनार डैमेज।
जनवरी 2014 : आईएनएस तलवार मुंबई नेवल बेस पर जेट्टी से टकराई, ऊपरी ढांचा क्षतिग्रस्त।
17 जनवरी 2014 : पनडुब्बी आईएनएस सिंधुघोष मुंबई हार्बर में फंस गई।
जनवरी 2014 : आईएनएस विपुल के पिलर में छेद मिला। कुछ दिन पहले ही में सुधर कर वापस आई थी।
23 दिसंबर 2013 : आईएनएस तलवार मछुआरों की नाव से टकराई। नाव पर सवार 27 मछुआरे घायल।
4 दिसंबर 2013 : आईएनएस कोंकण में विशाखापट्टनम में रिपेयर के दौरान आग लग गई थी।
सितंबर 2013:  मुंबई के पास आईएनएस विराट के ऑफिसर्स मेस में आग।
14 अगस्त 2013 : पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक धमाके के बाद डूबी, 18 नौसैनिकों की मौत।

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