16-Feb-2013 11:38 AM
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बंगाल का जनमानस दीदी की थप्पड़ों की धमकी से तो वैसे ही परेशान है और अब वहां जबरिया नसबंदी ने भी लोगों की नींद हराम कर दी है। हाल ही में मालदा जिले के सरकारी अस्पताल में एक दिन में 103 महिलाओं की जबरन नसबंदी कर दी गई। समझा जाता है कि यहां के एक डॉक्टर ने सरकारी लक्ष्य पूरा करने के लिए सभी मानकों का उल्लंघन करते हुए नियम और कानून-कायदो को ताक में रखकर बेरहमी से एक ही दिन में 103 महिलाओं की नसबंदी कर डाली। इस अस्पताल में 103 बिस्तर महिला वार्ड में उपलब्ध नहीं है इसीलिए डॉक्टर महोदय ने कुछ नसबंदी तो खुले में की और महिलाओं को वहीं फर्श पर तड़पता छोड़ दिया। सूत्रों का कहना है कि अस्पताल में महिलाओं के कुल 30 बिस्तर ही हैं। वैसे इस छोटे से अस्पताल की क्षमता 60 बिस्तरों की है। लेकिन चिकित्सक महोदय को इस बात की परवाह नहीं थी, उन्हें तो अपना लक्ष्य दिखाई दे रहा था। अस्पताल के स्टाफ ने डॉक्टर द्वारा लापरवाही किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ महिलाओं को एनस्थीसिया देकर खुले में ही बेहोशी की हालत में छोड़ दिया गया। इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री अपने तेज स्वभाव के कारण एक बार फिर विवाद में आ गई हैं। उन्होंने हाल ही में सुरक्षाकर्मियों को कोड़े लगाने की बात कही थी लेकिन वर्धमान जिले में दीदी ने एक बार फिर से आपा खो दिया जब उन्होंने पत्रकारों को थप्पड़ मारने की धमकी दी। ममता ने यह धमकी एक महोत्सव के उद्घाटन के दौरान दी। कार्यक्रम स्थल पर फोटोग्राफर ममता का फोटो खींचने के लिए एक-दूसरे को धकेल रहे थे इनमें से कुछ फोटो जर्नलिस्ट भी थे। जिन्हें देखकर ममता ने गुस्सा प्रकट किया और कहा कि मैं तुम्हें थप्पड़ मारूंगी। ममता की इस नाराजगी को एक वीडियोग्राफर ने कैद कर लिया और दिन भर टेलीविजन पर वह विजुअल चलता रहा। ममता के स्वभाव से परेशान लोगों का कहना है कि दीदी को तृणमूल कांग्रेस की आंतरिक राजनीति परेशान कर रही है।