15-Feb-2014 10:49 AM
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मध्यप्रदेश में शीघ्र ही तीन नए मेडिकल कॉलेज खुलने वाले हैं। प्रदेश को ये सौगात उस वक्त मिली जब हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद के साथ बैठक के दौरान मध्यप्रदेश में मेडिकल कॉलेज खोलने का फैसला किया गया। भारत

सरकार सारे देश में 55 मेडिकल कॉलेज खोलने वाला है। जिनमें से 3 मध्यप्रदेश के हिस्से में आए हैं। प्रारंभिक तौर पर विदिशा, रतलाम, शहडोल जैसे शहरों को चिन्हित किया गया है, जिनमें से विदिशा का नाम सबसे ऊपर है। सुषमा स्वराज इस क्षेत्र से सांसद हैं और भाजपा लोकसभा से पहले विदिशा, रतलाम, शहडोल शहरों में मेडिकल कॉलेज खोलने जा रही है ताकि चुनाव के समय इसका फायदा मिल सके। मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना की लागत 200 करोड़ रुपए के करीब है जिसमें से 75 प्रतिशत राशि भारत सरकार द्वारा दी जाएगी और शेष 25 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को वहन करनी होगी। इसी तरह जबलपुर में स्टेट कैंसर हॉस्पिटल की घोषणा की गई है। 120 करोड़ रुपए लागत वाले इस अस्पताल के निर्माण में भी उसी अनुपात से पैसा खर्च किया जाएगा जैसा मेडिकल कॉलेजों की तर्ज पर। इसी तरह विदिशा, ग्वालियर जैसे शहर में टर्सर केयर सेंटर भी खोले जा रहे हैं, जिनमें लगभग 40 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। जिसमें केंद्र और राज्य सरकार की हिस्सेदारी 75 और राज्य सरकार 25 प्रतिशत होगी।
मेडिकल चिकित्सा को प्रदेश में बढ़ावा देने के लिए रीवा, जबलपुर, ग्वालियर जैसे मेडिकल कॉलेजों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के अपग्रेडेशन का प्रस्ताव भी है। जिसके अंतर्गत ट्रामा सेंटर, अंकोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, कार्डियोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, पीएण्डटी जैसे विभागों को अपग्रेड करने के लिए भारत सरकार से सहमति बनी है। लगभग 4 घंटे तक चली बैठक में उक्त निर्णय लिए गए। यह पांच वर्ष की योजना है जिससे प्रदेश में चिकित्सकीय सुविधाओं की स्थिति में गुणात्मक सुधार होना तय है। प्रदेश में वर्तमान में मेडिकल कॉलेज की कमी है, जिसके चलते छात्रों को एडमीशन नहीं मिल पाता है। यदि मेडिकल सीटें बढ़ेंगी तो ज्यादा से ज्यादा छात्रों को अवसर मिलेगा। दूसरी तरफ मेडिकल के क्षेत्र में पनपते भ्रष्टाचार पर भी रोक लग सकेगी।