15-Feb-2014 10:44 AM
1234752
मध्यप्रदेश में व्यापमं घोटाले में एसटीएफ ने बहुत तत्परता दिखाई है, लेकिन अभी भी कई बड़ी मछलियां जाल से बाहर हैं। सवाल यह भी पैदा हो रहा है कि जिन सबूतों के आधार पर कुछ लोगों को पकड़ा गया उन्हीं सबूतों के आधार पर

लक्ष्मीकांत शर्मा और शिवहरे जैसे लोग बचने में कामयाब कैसे हो गए। शिवहरे के बेटी-दामाद को भी अग्रिम जमानत लेने का मौका दिया गया। इस घोटाले को पूरी तरह उजागर होने में अभी समय लगेगा। सीबीआई घोटाले की जांच की मांग को लेकर कांग्रेस ने जो आंदोलन राज्य में छेड़ा है उसे गति देने की कोशिश पूर्व मंत्री राजमणि पटेल ने की जिन्हें अनशन के चौथे दिन बलपूर्वक उठाकर जेपी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया और बाद में अरुण यादव ने उन्हें अस्पताल में ही जाकर जूस पिलाया। बाद में रोशनपुरा चौराहे पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने क्रमिक भूख हड़ताल आरंभ कर दी। लेकिन सरकार फिलहाल बेखबर है और लोकसभा चुनाव की तैयारी में डूबी हुई है पर व्यापमं के खुलासे ने कई दिग्गजों को परेशान किया है। यह माना जा रहा है कि ओपी शुक्ला अगर सरकारी गवाह बनते हैं तो वे कई दिग्गजों की पोल खोल देंगे। इस कहानी में कई ऐसे पेंच हैं जो किसी बड़ी साजिश की तरफ इशारा कर रहे हैं जैसे पीयूष त्रिवेदी को राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में दोबारा वाइस चांसलर बनना संदेह के घेरे में आता है क्योंकि फार्मेसी के शिक्षक को इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय का कुलपति कैसे बनाया गया। इसमें भी षड्यंत्र रचा गया था। शक की सुई राजभवन की तरफ भी घूम रही है। यह घोटाला व्यापमं, राजभवन और त्रिवेदी बंधुओं के बीच घूम रहा है उससे बाहर नहीं निकल पा रहा है। शिवहरे, भरत मिश्रा, संजीव सक्सेना की गिरफ्तारी न होना भी कई सवाल खड़े करती है। पुलिस संजीव सक्सेना के भोपाल स्थित दो घरो में घूम-फिरकर आ जाती है। पाक्षिक अक्स के पास सूचना है कि हाल ही में संजीव सक्सेना एमएसीटी में अपनी पहली पत्नी के बच्चे के बर्थ-डे में भी शरीक हुआ था, लेकिन पुलिस वहां दूसरे दिन पहुंची। सूत्र बताते हैं कि पुलिस की नाकामी का कारण सुधीर शाही को और मजबूती से कमान सौंपी गई है। कांग्रेस लगातार मामले को सीबीआई में ले जाने के लिए दबाव बना रही है। लेकिन कांग्रेस के लाख प्रयास के बावजूद मामला वहीं है। अरुण यादव प्रयास कर रहे हैं कि मामला जोर पकड़े। वे इस पूरे मामले में मध्यप्रदेश में हर जगह धरना-प्रदर्शन इत्यादि कर रहे हैं, लेकिन लगता है कि कांग्रेस में भी एकता नहीं है।
इस बीच व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की पीएमटी-2012 में पैसा लेकर पास कराए जाने के मामले में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के गिरफ्तार पूर्व ओएसडी ओपी शुक्ला ने कहा कि मंत्री, पंकज त्रिवेदी (व्यापमं के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक) को बंगले पर बुलाकर ही पास कराए जाने वालों के नाम की पर्ची देते थे। शुक्ला को एसटीएफ ने गुरुवार को अदालत में पेश किया था। यद्यपि आरोपी ने मंत्री का नाम लेकर कोई स्पष्ट खुलासा नहीं किया, लेकिन जिस तरह बंगले पर बुलाकर ही पर्ची देने की बात सामने आई है उससे बहुत कुछ स्पष्ट हो जा रहा है।
6 फरवरी को गिरफ्तार किए गए शुक्ला की रिमांड अवधि और बढ़ा दी गई है। एसटीएफ ने आरोपी से प्रॉपर्टी के दस्तावेज जब्त करने का हवाला देते हुए उन्हें दोबारा रिमांड पर दिए जाने की अपील की। अदालत ने शुक्ला को 20 फरवरी तक रिमांड पर भेजने के आदेश दे दिए। हालांकि आरोपी के वकील ने रिमांड की अवधि बढ़ाने का विरोध किया। उनका कहना था कि पूछताछ में शुक्ला सभी जानकारी दे चुके हैं। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक शुक्ला ने पूछताछ में बताया है कि मंत्री के स्टाफ के कुछ अफसर व्यापमं के अधिकारियों से सीधे बात कर लेते थे। शुक्ला के पास जो नाम आते थे, उन्हें वे पंकज त्रिवेदी को फॉरवर्ड कर देते थे। पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा भी व्यापमं परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में आरोपी हैं। वे बीती 23 दिसंबर को एसटीएफ के सामने पेश हुए थे। वहां उनका सामना पंकज त्रिवेदी से कराया गया था। तब शर्मा ने त्रिवेदी को पहचानने से ही इनकार कर दिया था। शर्मा ने कहा था कि हो सकता है कि वे त्रिवेदी से कभी किसी मीटिंग के सिलसिले में मिले हों।
दिग्गजों से डरते हैं अरुण यादव
पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह, केंद्रीय मंत्रीद्वय कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की छाया से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। ऐसे लगता है कि वे इन तीनों नेताओं से डरते हैं। खान ने भोपाल के जिला अध्यक्ष पीसी शर्मा और भोपाल उत्तर के विधायक आरिफ अकील पर भी आरोप लगाए। खान के बयान को प्रदेश कांग्रेस के संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष रामेश्वर नीखरा ने खारिज कर दिया। वहीं, आरिफ अकील ने कहा कि असलम का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष पीसी शर्मा ने कहा कि उन्हें टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि वो असलम शेर खान की निजी राय थी।