31-Dec-2013 07:25 AM
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भारतीय क्रिकेट टीम ने अंतत: दक्षिण अफ्रीका की पिच पर अपना जलवा दिखा ही दिया। पहला टेस्ट जिस तरह भारत के पक्ष में झुका था उसे देखकर लग रहा था कि भारत टेस्ट श्रृंखला का आगाज जीत के साथ करेगा, लेकिन डीविलियर्स
और डूप्लेसिस ने भारत के हाथों से जीत छीन ली। बल्कि एक अवसर ऐसा भी आया जब भारत हारने की कगार पर पहुंच गया था, लेकिन अंतिम समय में टिके हुए खिलाडिय़ों के आउट हो जाने से दक्षिण अफ्रीका के अनुभवहीन पुछल्ले बल्लेबाज कमाल दिखाने में नाकामयाब रहे। यदि दक्षिण अफ्रीका जीतता तो चौथी पारी में सर्वाधिक रन की जीत का रिकार्ड बना सकता था। अभी यह रिकार्ड वेस्टइंडीज के नाम है। जिसने चौथी पारी में बड़े लक्ष्य का पीछा किया है। बहरहाल भारत के लिए यह राहत की बात है कि उसके बल्लेबाज विदेशी पिचों पर कम से कम टेस्ट मैच में उतने दयनीय स्थिति में नहीं हैं, जितने पहले हुआ करते थे। मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, धोनी और अंजिक्य रहाणे ठीक ठाक खेल रहे हैं। बॉलिंग भी अच्छी है। स्पिन का कोई स्कोप नहीं होने के बावजूद दूसरे टेस्ट में जड़ेजा प्रभावशाली रहे। भारत को थोड़ा सा आक्रामक होते हुए चौथी पारी में बड़ी लीड को जीत में बदलना सीखना पड़ेगा। जहां तक दक्षिण अफ्रीका का प्रश्न है उसके महान खिलाड़ी जैक कैलिस की विदाई एक भावुक क्षण था। कैलिस जैसे खिलाड़ी कम ही देखने में मिलते हैं। उन्होंने अंतिम टेस्ट में भी बेहतरीन खेला। उनके हिस्से में कई बेहतरीन शतक है। भारत के लिए यह दौरा उतना खराब नहीं कहा जा सकता। किंतु थोड़ी तैयारियों की और आवश्यकता है।