05-Dec-2013 09:06 AM
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निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म राम-लीलाÓ को लेकर विवाद पैदा करने वालों को पहले इस फिल्म को देखना चाहिए और उसमें यदि कुछ आपत्तिजनक लगे तो अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए। राम-लीलाÓ का वास्ता रामायण से

जरा भी नहीं है बल्कि फिल्म की शुरुआत में ही यह साफ कर दिया गया है कि यह शेक्सपियर के प्रसिद्ध नाटक रोमियो-जूलियट से प्रेरित है। यह पूरी तरह भंसाली स्टाइल की ही फिल्म है जिसमें भव्य सेट, गहनों और कपड़ों पर भारी खर्च, बेहतरीन गाने, गानों का भव्य फिल्मांकन तो देखने को मिलेगा ही साथ ही भंसाली ने अपनी किसी फिल्म में पहली बार आइटम नंबर भी डाला है। भंसाली इस बार बाक्स आफिस पर धमाल मचाने के लिए अपने पुराने उसूलों से कुछ हटे हैं और हिंसा की फिल्म में भरमार कर दी है जोकि शायद ही सभी दर्शकों को पसंद आये।
फिल्म की कहानी गुजरात के एक छोटे से गांव के रजाड़ी और सनेड़ा खानदानों के बीच 500 साल से चल आ रही रजाड़ी दुश्मनी पर आधारित है। रजाड़ी खानदान का राम (रणवीर सिंह) दुश्मनी को खत्म करना चाहता है, लेकिन चाहकर भी अपने पिता और बड़े भाई के सामने कुछ नहीं कर पाता। राम गांव में में अपना छोटा सा विडियो थिएटर चलाता है, जहां ब्लू फिल्में दिखाई जाती हैं। एक बार होली के दिन राम अपने दोस्तों के साथ सनेड़ा खानदान में होली खेलने जाता है, यहीं पहली मुलाकात में राम और लीला (दीपिका पादुकोण) एक दूसरे पर मर मिटते हैं। धीरे-धीरे इन दोनों का प्यार परवान चढऩे लगता है तो दोनों परिवार से छिपकर बाहर मिलने लगते हैं। राम और लीला अच्छी तरह से जानते हैं कि राम का परिवार और लीला की बा धानोकर (सुप्रिया पाठक) इस रिश्ते को कभी मंजूर नहीं करेंगे। इस बीच, राम के भाई की हत्या सनेड़ा लोगों से होती है। वहीं मौजूद लीला के भाई की भी हत्या कर दी जाती है। अपने-अपने भाई की हत्याओं के बावजूद लीला और राम अपने रिश्ते में कोई दरार नहीं आने देते। एक दिन लीला, राम के साथ भागने का फैसला करती है। दूसरी ओर दोनों परिवार हत्याओं का बदला लेने के लिए एक दूसरे के खिलाफ साजिशें करने में लगे हैं।
अभिनेता रणवीर सिंह ने अपने कैरियर का अब तक का सबसे बेहतरीन अभिनय इस फिल्म में किया है। निर्देशक ने अपनी फिल्म के मुख्य किरदार को उभारने में पूरी मेहनत की है। रणवीर ने गुजराती भाषा बहुत बढिय़ा से बोली है। दीपिका पादुकोण का तो कहना ही क्या। वह अपनी भूमिका में खूब जमी हैं। फिल्म के कई गानों में उन्होंने बेहतरीन नृत्य किया है। रणवीर के साथ उनकी जोड़ी भी जमी है। सुप्रिया पाठक, रजा मुराद का काम भी दर्शकों को पसंद आएगा। फिल्म का संगीत इसका एक और सकारात्मक पक्ष है। निर्देशक ने प्रेम कहानी तो अच्छी दर्शाई है लेकिन वह दोनों परिवारों के बीच जारी हिंसा के बीच कहीं दब गई सी लगती है। फिल्म में प्रियंका चोपड़ा का आइटम नंबर काफी पसंद किया जा रहा है।