16-Nov-2013 07:22 AM
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हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा में बड़ी भारी रैली का आयोजन कर एक तरफ तो नरेंद्र मोदी की रैलियों में जुटती भीड़ का जवाब दिया और दूसरी तरफ अपनी ही पार्टी कांग्रेस में पनप रहे विरोध को बुरी तरह कुचल डाला।
गोहाना में आयोजित यह शक्ति रैली वास्तव में हुड्डा की शक्ति का प्रदर्शन ही कही जा सकती है। वैसे तो कांग्रेस ने इस रैली में 14 लाख लोगों की मौजूदगी का दावा किया है, लेकिन इस दावे को आधा सच भी माना जाए तो भी हरियाणा जैसे छोटे राज्य में इतनी बड़ी तादाद में लोगों को जुटाना चमत्कार ही कहा जाएगा और इससे यह भी सिद्ध होता है कि तमाम आरोपों को झेलने के बावजूद तथा गोपाल कांडा जैसे गीतिका के हत्याकांड में शामिल होने के बावजूद हुड्डा और कांग्रेस की लोकप्रियता इस क्षेत्र में बनी हुई है। हुड्डा की यह रैली आगामी चुनाव की तैयारी बताई जा रही है। वर्ष 2014 में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं और लोकसभा चुनाव भी हैं। इसका अर्थ यह है कि हुड्डा चुनाव से पहले अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं ताकि उन्हें चुनौती देने वाले उनकी पार्टी के और बाहर के लोग भी शांति बनाए रखें। हरियाणा शक्ति रैली में पत्रकारों को हेलीकाप्टर के जरिए आई हुई भीड़ के दर्शन करवाकर हुड्डा ने यह बताने की कोशिश की कि हरियाणा के वे निर्विवाद एकछत्र नेता हैं और उन्हें चुनौती देना फिलहाल संभव नहीं है। देखा जाए तो हुड्डा के स्थायित्व को कोई खतरा वैसे भी नजर नहीं आता। भ्रष्टाचार के आरोप में चौटाला पहले ही जेल की हवा खा चुके हैं। उनके बेटे पर भी इसी तरह के आरोप हैं। भारतीय जनता पार्टी की मौजूदगी इस जातीय समीकरणों के इलाके में न के बराबर है। ऐसे में हुड्डा को चुनौती देने वाला नेता फिलहाल तो कोई दिखाई नहीं देता। लगातार दो बार हरियाणा में जीतने वाली कांग्रेस को इस बार भी हरियाणा से उम्मीद है इसलिए वह ज्यादा प्रयोग करने के पक्ष में नहीं है। हालांकि यह सच है कि शैलजा और वीरेंद्र सिंह जैसे नेता हुड्डा को यदा-कदा परेशान करते रहते हैं, लेकिन नवीन जिंदल, अवतार सिंह भड़ाना सहित तमाम सांसदों का हुड्डा को व्यापक समर्थन भी है।
इस रैली में सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने इनेलो, भाजपा और हजकां पर जमकर प्रहार किए। उन्होंने कहा कि इनेलो नेताओं ने कहा कि आगामी चुनाव में गुंडों को भगाना है जबकि वास्तविकता यह है कि हरियाणा की जनता ने 2005 में गुंडों को भगा दिया था। हजकां अध्यक्ष कुलदीप बिश्नोई भ्रष्टाचार खत्म करने की बात करते हैं जबकि सब जानते हैं कि भ्रष्टाचार का जनक कौन था। भाजपा को सभी विपक्षियों की मौसी बताते हुए दीपेंद्र ने कहा कि कभी गठबंधन कर लेती है तो कभी तोड़ देती है। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार प्रो. वीरेंद्र सिंह ने दावा किया कि रैली में 14 लाख लोग पहुंचे थे। रैली ने अपने देश के रिकार्ड तोड़ दिए हैं अब सिर्फ चीन का 22 लाख लोगों का रिकार्ड तोडऩा बाकी है। सांसद डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि रैली में पहुंची भीड़ ने साबित कर दिया कि मुख्यमंत्री 36 बिरादरी के नेता हैं। सांसद नवीन जिंदल ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से हरियाणा में बिजली इतनी ज्यादा है कि पानी की तरह बह रही है। हुड्डा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ पार्टियां हैं जो जनता के लाभ के लिए नहीं बल्कि अपने फायदे के लिए राजनीतिक गठबंधन का प्रयास करती हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने राजनीतिक गठबंधन करने के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं किया है। उन्होंने (भाजपा ने) पहले देवीलाल के साथ हाथ मिलाया और बाद में बंसीलाल के साथ गठबंधन किया लेकिन दोनों टूट गए। इसके बाद उन्होंने भजनलाल के पुत्र कुलदीप बिश्नोई को गठबंधन के लिए चुना। भाजपा कभी भी किसानों और श्रमिकों का पक्ष नहीं ले सकती।