वोटरों के उत्साह का अर्थ क्या है?
16-Nov-2013 06:34 AM 1234805

छत्तीसगढ़ में प्रथम चरण में 74 प्रतिशत से अधिक मतदान की खबर ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को चिंतित किया है। जिन 18 संवेदनशील सीटों पर पहले चरण में मतदान हुआ उनमें से अधिकांश भाजपा के कब्जे में है और अब भाजपा के नेता इस अत्यधिक वोटिंग का विश्लेषण करने में जुट गए हैं। राजनांद गांव में 82.92 प्रतिशत और जगदलपुर में 67 प्रतिशत मतदान चौंकाने वाला आंकड़ा है। हालांकि बीजापुर में केवल 41 प्रतिशत मतदान ही हुआ। फिर भी औसत 74 प्रतिशत के करीब है जो पिछले विधानसभा के मुकाबले लगभग छह प्रतिशत अधिक है। दूसरे चरण के लिए वोट 19 नवंबर को डाले जाएंगे तब तक हालात क्या होंगे कहा नहीं जा सकता। क्योंकि दूसरे चरण में जो जीतेगा वही सरकार बनाएगा।
पहले चरण में संवेदनशील सीटों के लिए मतदान हुआ। कांग्रेसी नेताओं पर हुए सबसे दर्दनाक हमले के बाद राज्य में भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। इसी कारण आशंका थी कि पहले चरण में लोग उतनी तादाद में बाहर नहीं निकलेंगे, लेकिन लगता है राजनीति में भागीदारी के लिए लोग अपने मन की दहशत को बाहर निकाल चुके हैं। बहरहाल पहले दौर के मतदान में कुछ हिंसा भी हुई लेकिन इतनी हिंसा तो सभी राज्यों में होती है। पहले दौर में मुख्यमंत्री रमन सिंह के अलावा तीन अन्य मंत्री नक्सली हमले में शहीद महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा और इसी हमले में शहीद पूर्व विधायक उदय मुदलियार की पत्नी अलका मुदलियार समेत 143 उम्मीदवारों का भाग्य इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में दर्ज हो गया है। अब जिन 72 सीटों पर मतदान होना है वहां असली चुनावी घमासान जारी है। आरोप-प्रत्यारोप तो लग ही रहे हैं। दोनों दलों ने अपने-अपने स्टार प्रचारकों के साथ चुनाव में संपूर्ण ताकत झोंक दी है।
अम्बिकापुर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि छत्तीसगढ़ का विकास कांग्रेस ही कर सकती है क्योंकि भाजपा ने राज्य की भलाई के लिए कुछ नहीं किया जबकि इस प्रदेश में प्राकृतिक संपदा बिखरी हुई है, लेकिन जिन लोगों का मकसद सत्ता भोगना है वे इस प्राकृतिक संपदा का सदुपयोग ही नहीं करना चाहते। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में महिलाएं बेहद असुरक्षित हैं। उधर नरेंद्र मोदी ने भी छत्तीसगढ़ में तीन बड़ी चुनावी रैलियां की हैं और महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार को जमकर कोसा है। मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेसनीत यूपीए सरकार ने कहा था कि महंगाई 100 दिन में कम हो जाएगी लेकिन अब तो हालत यह हो गई है कि लोग प्याज भी लॉकर में रखने के बारे में सोचने लगे हैं। सोनिया की तर्ज पर मोदी ने भी कहा कि कांग्रेस के रहते कभी भी छत्तीसगढ़ का विकास नहीं हो सकता। क्योंकि राहुल गांधी लोगों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। बस्तर में मोदी ने रियासत के महल में पहुंचकर महाराज प्रवीरचंद भंजदेव के वंशजों से मुलाकात कर नए सियासी समीकरणों का भी संकेत दिया। भंजदेव भाजपा से जुड़ चुके हैं और इससे भाजपा में नई ताकत का संचार हुआ है।
बागियों का आतंक
पहले चरण के चुनाव के बाद भी बागियों का आतंक कम नहीं हुआ है। भाजपा और कांग्रेस में 19 नेता ऐसे हैं जो भगावत पर उतर आए थे, जिनमें से कुछ को मना लिया गया, लेकिन कुछ मानने से नहीं माने। भाजपा की पूर्व उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय महिला मोर्चा की अध्यक्ष करुणा शुक्ला के इस्तीफे तथा पूर्व मंत्री गणेश राम भगत की बगावत ने माहौल में गर्मी पैदा की। महासमुंद के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. विमल चोपड़ा, राजिम में जिला पंचायत सदस्य श्वेता शर्मा, खुज्जी में पूर्व विधायक राजेंद्र पाल सिंह भाटिया, गुंडरदेही में पूर्व विधायक बाल मुकुंद देवांगन, बीजापुर के पूर्व विधायक राजा राम तोड़ेम, बस्तर के रविशंकर शुक्ल, धमतरी के प्रभात राव मेघावाले, दयाराम साहू, सिहावा के पन्नालाल कश्यप की बगावत से भाजपा चिंता में है। कांग्रेस में बगावत उतनी खुलकर तो नहीं देखी जा रही, लेकिन अजीत जोगी को दरकिनार करना कांग्रेस को महंगा पड़ सकता है, इसलिए अजीत जोगी को सारी सभाओं में प्रमुखता से बुलाया जा रहा है और उन्हें चुनाव प्रचार में भी स्टार प्रचारक के रूप में स्वीकार्य किया गया है।
रायपुर में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करने से सत्ता नहीं मिलती है। राजनीति में आने के लिए सस्ती और घटिया रणनीति का उपयोग नहीं होना चाहिए। उन्होंने कटाक्ष किया कि कई बार भाजपा के नेता उत्साहित होकर इतिहास और भूगोल को बदल देती है। मनमोहन सिंह लंबे अरसे बाद खुलकर बोले हैं। उन्होंने महंगाई और विकास के मुद्दे पर भी अपना पक्ष रखा और कहा कि देश की अर्थव्यवस्था औसतन 5.4 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ रही है, जबकि बीजेपी के शासनकाल में यह 3.8 प्रतिशत थी। यूपीए के शासनकाल में दो लाख किलोमीटर से ज्यादा सड़कें गांव में बनी और यूपीए ने नया जमीन अधिग्रहण कानून बनाया, शिक्षा का अधिकार कानून बनाया। राहुल गांधी ने कांकेर और राजनांदगांव जिलों में जनसंपर्क किया। उधर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज और नितिन गडकरी की एक ही दिन हुई सभाओं ने राजनीतिक तापमान गरमा दिया। छत्तीसगढ़ में जिन 188 करोड़पति उम्मीदवारों ने भाग्य आजमाइश की है उनमें से सबसे ज्यादा अमीर अम्बिकापुर के कांग्रेस के त्रिभुवनेश्वर शरण सिंह है जिनकी संपत्ति 561.50 करोड़ रुपए से अधिक है। दोनों चरणों में कुल 81 महिला उम्मीदवार मैदान में थी जिनमें कांग्रेस की 14 और भाजपा की 11 हैं। जबकि निर्दलीय तथा अन्य दलों की 56 है। दूसरे चरण के 843 उम्मीदवारों में से 98 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
महिला वोटरों की संख्या ज्यादा
छत्तीसगढ़ में 11 नवंबर को जिस बस्तर के लिए मतदान हुआ है वहां पुरुषों की तुलना में महिला वोटरों की संख्या ज्यादा है। यह बात क्षेत्र की सभी 12 विधान सभाओं में देखी जा सकती है। यह स्थिति उस समय है,जब पूरे देश में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या तेजी से गिर रही है या फिर कम है। बस्तर क्षेत्र में महिलाओं की संख्या सिर्फ वोटर के लिहाज से ही नहीं, जनसंख्या के लिहाज से भी ज्यादा है।  इसकी मुख्य वजह इस क्षेत्र की महिला प्रधान संस्कृति है जहां महिलाओं को परिवार की मुखिया माना जाता है। साथ ही यहां  स्थानीय तीज त्योहार  में भी महिलाओं की प्रधानता है।  पुरुष मतदाताओं की संख्या 14 लाख 53 हजार 730 तथा महिला मतदाताओं की संख्या 14 लाख 78 हजार 659 है। वहीं 811 सर्विस वोटर हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा
चुनाव में वंशवाद
वंशवाद को लेकर राजनीतिक दल अक्सर एक दूसरे पर आरोप लगाते रहते हैं लेकिन जब चुनाव आते हैं तो वंश का असर हर राजनीतिक दल पर नजर आता है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की परंपरागत सीट मरवाही से उनके पुत्र अमित जोगी को और कोटा विधानसभा सीट से उनकी पत्नी रेणु जोगी को टिकट दिया गया है। कांग्रेस का टिकट पार्टी के उन तीन वरिष्ठ नेताओं के करीबी रिश्तेदारों को भी मिला जो 23 मई को जीरम घाटी में हुए नक्सली हमले में मारे गए थे। हमले में मारे गए तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल के पुत्र उमेश पटेल खरसिया विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। इसी हमले में मारे गए पूर्व विधायक विजय मुदलियार की पत्नी अलका मुदलियार को कांग्रेस ने राजनांदगांव से उम्मीदवार बनाया है जबकि दिवंगत नेता महेन्द्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा को दंतेवाड़ा सुरक्षित सीट से टिकट दिया गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा के पुत्र अरूण वोरा दुर्ग सीट से प्रत्याशी हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल के पुत्र अमितेश शुक्ल अपने पिता की सीट राजिम से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर पार्टी के प्रदेश संसदीय सचिव युद्धवीर सिंह चुनाव लड़ रहे हैं जो उसके दिवंगत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र हैं।

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