06-Nov-2013 06:47 AM
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सीमा फिल्म में जब मन्ना डे ने तू प्यार का सागर है, तेरी इक बूंद के प्यासे हम गाया तो किसी को नहीं पता था कि यह गायक सच मुच प्यार के सागर में ही एक दिन डूब जाएगा। अपनी पत्नी से बेपनाह मोहब्बत करने वाले मन्ना डे का गत

दिनों बेंगलोर में निधन हो गया। वे लंबे समय से अस्वस्थ थे और इस अस्वस्थता का कारण था उनकी पत्नी की कैंसर के इलाज के दौरान हुई मृत्यु। इस मौत ने मन्ना डे को भी भीतर से तोड़ दिया और वे सदा के लिए हमसे जुदा हो गए। मन्ना डे को 1950 में आई फिल्म मशालÓ में पहली बार एकल गीत गाने का मौका मिला। गीत के बोल थे ऊपर गगन विशालÓ और इसे संगीत से संवारा था सचिन देव वर्मन ने। साल 1952 में मन्ना डे ने अमर भूपालीÓ नाम से मराठी और बांग्ला में आई फि़ल्म में गाना गाया और खुद को एक बंगाली गायक के रूप में स्थापित किया। उन्होंने हिन्दी के अलावा बंगाली, मराठी, गुजराती, मलयालम, कन्नड और असमिया भाषा में भी गीत गाए। चाहे वो मेरी सूरत तेरी आंखें का च्पूछो न कैसे मैंने रैन बिताईज् हो या दिल ही तो है का च्लागा चुनरी में दाग़ज्, बुढ्ढा मिाते थे.लेकिन ऐसा नहीं कि मन्ना डे की आवाज़ सिफऱ् गंभीर गानों पर ही सजती थी. उन्होंने च्दिल का हाल सुने दिल वालाज्, च्ना मांगू सोना चांदीज् और च्एक चतुर नारज् जैसे हल्के-फुल्के गीत भी गाये हैं. मन्न्ल गया का च्आयो कहां से घनश्यामज् या बसंत बहार का च्सुर न सजेज् मन्ना डे हर गाने पर अपनी छाप छोड़ जाा डे ने सभी संगीतकारों के लिये कभी शास्त्रीय, कभी रूमानी, कभी हल्के फुल्के, कभी भजन तो कभी पाश्चात्य धुनों वाले गाने भी गाए. उनकी आवाज़ में एक अजीब सी उदासी भी सुनाई दे जाती थी. काबुलीवाला का च्ए मेरे प्यारे वतनज् और आनंद का च्जि़ंदगी कैसी है पहेली हायज् इसकी मिसाल हैं. मन्ना डे ने लोकगीत से लेकर पॉप तक हर तरह के गीत गाए और देश विदेश में संगीत के चाहने वालों को अपना मुरीद बनाया. उन्होंने हरिवंश राय बच्चन की मशहूर कृति मधुशालाÓ को भी आवाज़ दी. वर्ष 1953 में उन्होंने केरल की सुलोचना कुमारन से शादी की. उनकी दो बेटियां सुरोमा और सुमिता हैं. मन्ना डे को संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. उन्हें 1971 में पद्मश्री और 2005 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था. साल 2007 में उन्हें प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के अवार्ड प्रदान किया गया. जिंदगी कैसी है पहेली (आनंद) एक चतुर नार करके श्रृंगार (पड़ोसन) लागा चुनरी में दाग (दिल ही तो है) कसमें वादे प्यार वफा (उपकार) तू प्यार का सागर है (सीमा) तुझे सूरज कहूं या चंदा (एक फूल दो माली) यारी है ईमान मेरा यार मेरी जिंदगी (जंजीर) ये रात भीगी भीगी (चोरी चोरी) ऐ मेरी जोहरा जबीं (वक्त) प्यार हुआ इकऱार हुआ है (श्री 420)