06-Nov-2013 06:44 AM
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राउडी राठौडÓ और वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबईÓ के बाद अक्षय कुमार एक बार फिर दर्शकों के सामने फिल्म बॉसÓ में एक्शन भूमिका में नजर आए हैं। इस फिल्म में अक्षय के एक्शन दृश्य उनकी पिछली फिल्मों के मुकाबले ज्यादा

हैरतअंगेज हैं लेकिन जहां तक फिल्म की कहानी का सवाल है तो यह पक्ष काफी कमजोर है। हालांकि यह फिल्म साउथ की एक सुपरहिट फिल्म का रीमेक है। अक्षय को अब तक दर्शकों ने पंजाबी लुक में ज्यादा देखा है पहली बार वह हरियाणवी लुक में हैं। खास बात यह है कि इस फिल्म में अक्षय के साथ कोई हिरोइन नहीं है।
सत्यकांत शास्त्री (मिथुन चक्रवर्ती) एक स्कूल में अध्यापक हैं। उनके दो बेटे हैं एक सूर्या (अक्षय कुमार) और दूसरा शिव (शिव पंडित)। सूर्या गरम मिजाज का युवक है और हमेशा किसी ना किसी से मारपीट करता रहता है। उसके खिलाफ शिकायतें सुन सुन कर सत्यकांत परेशान हो चुके हैं जब वह सूर्या को समझाने में सफल नहीं हो पाते तो उसे घर से निकाल देते हैं और छोटे बेटे के साथ ही रहने लगते हैं। शिव जब कॉलेज में पढ़ाई के लिए जाता है तो वहां उसकी मुलाकात अंकिता (अदिति राव हैदरी) से होती है। कुछ मुलाकातों के बाद दोनों एक दूसरे को चाहने लगते हैं। अंकिता का भाई एसीपी आयुष्मान माथुर (रोनित राय) को यह रिश्ता पसंद नहीं है क्योंकि वह अपनी बहन की शादी एक मंत्री से कराना चाहता है। जब उसकी बहन उसकी बात नहीं मानती तो वह शिव को झूठे केस में फंसा देता है। अब सत्यकांत परेशान हो जाते हैं और अपने बड़े बेटे को बुलाते हैं ताकि वह अपने छोटे भाई को बचा सके। दूसरी ओर अब तक सूर्या ने हरियाणा के एक शहर में अपना खासा रुतबा बना लिया है और विरोधी उसके नाम भर से ही कांपते हैं। उसे इलाके के लोग बॉस के नाम से जानते हैं। जब उसे अपने छोटे भाई के बारे में खबर मिलती है तो वह अपने गांव लौटता है और अपने भाई को बचाने के लिए भ्रष्ट आयुष्मान से भिड़ता है और अपने भाई को उसका प्यार दिलाने में भी सफल रहता है।
अक्षय कुमार अन्य सभी कलाकारों पर भारी पड़े हैं। उनका लुक और अंदाज उनके फैन्स को जरूर पसंद आएगा। कहानी में उनकी दोबारा एंट्री काफी समय बाद होती है जिससे दर्शकों को कुछ निराशा होगी। मिथुन चक्रवर्ती का काम अच्छा रहा। शिव पंडित भी जमे हैं। अदिति राव हैदरी ने खानापूर्ति ही की है। पुलिस अफसर के रोल में रोनित राय का काम काफी अच्छा रहा। फिल्म का गीत संगीत आजकल काफी हिट हो रहा है। फिल्म की फोटोग्राफी अच्छी है। निर्देशक ने यदि कहानी पर थोड़ी और मेहनत की होती तो यह और अच्छी फिल्म बन सकती थी।