02-Oct-2013 11:28 AM
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राजस्थान में खादी व डेयरी मंत्री बाबूलाल नागर के खिलाफ दुष्कर्म के मामले के बाद मेट्रो के लोकार्पण से यह कहा जा रहा है कि इससे कांग्रेस को चुनाव से पहले फायदा होगा मोदी की सफलत चुनावी रैली के सदमे से कांग्रेस उबरने की कोशिश कर रही है कि यह नया सदमा लग गया। चुनावी सर्वेक्षणों ने गहलोत की नींद पहले ही हराम कर रखी है अब यह नया मामला कांग्रेस के लिए जहां परेशान का सबब बनता जा रहा है। वहीं भाजपा में इस मामले को भुनाने की कोशिश शुरू हो गई है। वसुन्धरा राजे ने इस प्रकरण की जाच सीबीआई से कराने की मांग की है। वहीं दुष्कर्म के आरोपी राज्यमंत्री नागर ने कहा है कि उन्हें गलत फंसाया जा रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
प्रश्र यह है कि महिला क्यों किसी मंत्री को बेवजह आरोपित करेगी। लेकिन नागर कह रहे हैं कि चुनाव के समय कांग्रेस को बदनाम करने के लिए यह साजिश की गई है। अब मामला सीबीआई को जांच के लिए सौप दिया गया है। भारतीय जनता पार्टी इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रही थी। सीबीआई जिसे कथित रूप से भाजपा द्वारा तोता कहा जाता है इस मामले में कुछ खास हासिल कर पाएगी इसका विश्वास भाजपा को है। लेकिन पीडि़ता ने घटना क्रम जिस तरह बयान किया है उससे लगता है कि नागर कुछ छुपा रहे हैं। हालांकि उन्होंने आरोप लगाया है कि जिस महिला ने बलात्कार की शिकायत की है उसके खिलाफ लोगों से कार्य करवाने के एवज में पैसा हड़पने की शिकायते हैं। लेकिन यह बिलकुल सच है कि पीडि़ता को नागर ने बुलाया था और वह गई भी थी इस बात की पुष्टि हो चुकी है। पुलिस ने पीडि़ता को घटना स्थल पर ले जाकर जांच की है और उसके बाद ही गहलोत ने नागर को पद छोडऩे का कह दिया। नागर का कहना है कि पार्टी को परेशानी न हो इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है। पीडि़ता ने यह भी कहा है कि दुष्कर्म के बाद मंत्री ने उसे धमकी दी थी कि किसी को बताया तो भंवरी जैसा हाल हो जाएगा यह महिला अजमेर रोड स्थित हीरापुर पावर हाउस इलाके में रहती है। जब मंत्री ने मोबाइल पर फोन कर उसे सिविल लाइन स्थित बंगले पर बुलाया तो वह माजरा समझ नहीं पाई। जब बंगले पर पहुंची तो फोन करके बेडरूम में बुला लिया वहां पहुंचते ही दरवाजा बंद कर लिया और उसके बाद दुष्कर्म किया। पीडि़ता चिल्लाई भी लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया बाद में वह घर लौट गई और घर वालों की मदद से उसने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया बाद में अदालत के सामने पीडि़ता ने गुहार लगाई और मामला दर्ज हुआ। पीडि़ता के कहना है कि उसके शरीर पर दांत से काटने के निशान हैं। मंत्री ने नौकरी देने का झांसा देकर पीडि़ता को बुलाया था और उसके साथ यह हादसा हो गया। जो लोग यह कह रहे हैं कि पीडि़ता झूठ बोल रही है वे यह सवाल भी उठा रहे हैं कि जब मंत्री ने बेडरूम में बुलाया था तो पीडि़ता बेडरूम में जाने के बजाय घर वापस क्यों नहीं चली गई उसने जानबूझकर अपने आप को खतरे में क्यों डाला। पीडि़ता का कहना है कि नागर की पत्नी सुनीता नागर ने भी उसे धमकी दी और कहा कि मामला वापस ले लो नहीं तो लाश भी नहीं मिलेगी। मंत्री ने अपनी सफाई में कहा है कि जो समय घटना का बताया जा रहा है उस वक्त वे एक मीटिंग में थे जिसका फोटो भी उपलब्ध है हालांकि मंत्री ने वह फोटो नहीं दिखाया।
भंवरी देवी और मदेरणा प्रकरण के बाद यह एक और स्कैंडल है जो प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला सकता है। जिस महिला ने नागर पर आरोप लगाया है वह कथित रूप से 4वर्ष पहले किसी पंचायत समिति की सदस्य बनने के लिए कांग्रेस से टिकिट मांग रही थी और इसी सिलसिले में नागर से उसकी मुलाकात हुई थी। बाद में कई मौकों पर वह मंत्री से मिली कुछ कार्यकमों में भी गई। लेकिन बाद में अचानक जाना छोड़ दिया इस बीच उसे किसी काम की आवश्यकता पड़ी तो वह फिर से मंत्री के बंगले पर पहुंची और बाद में मंत्री ने कुछ दिन बाद उसे तलब किया तब कथित रूप से बलात्कार की घटना घट गई। आरोपी मंत्री नागर का विवादों से पुराना नाता है खाद्य मंत्री रहते हुए उन पर अनियमितता के आरोप लगे थे किसी व्यक्ति को उन्होंने मोबाइल पर गाली भी दी थी। लेकिन तब वे अपनी ऊंची पहुंच के चलते मंत्री पद बचाने में कामयाब रहे हालांकि उनका विभाग बदल दिया गया। इस बार चुनावी माहौल होने के कारण नागर को बचाने वाले उनके आका भी शांत हैं इसलिए लग रहा है कि नागर लंबे जा सकते हैं।