04-Feb-2013 11:16 AM
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रूस के सोच्चि शहर में वर्ष 2014 में आयोजित होने जा रहे शीतकालीन ओलिंपिक खेलों की मशाल विभिन्न मैदानी इलाकों और यूरोप के ऊंचे पर्वतों के साथ अंतरिक्ष में भी चहलकदमी करेगी। बताया जा रहा है कि सोच्चि खेलों की मशाल को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ले जाया जाएगा, जहां अंतरिक्ष यात्री मशाल लेकर अंतरिक्ष में चहलकदमी करेंगे। इतना ही नहीं शीतकालीन ओलिंपिक खेलों की मशाल को प्रोपेन गैस के साथ तैयार किया गया है जो अंतरिक्ष, समुद्र के अंदर तथा ऊंचे पहाड़ों पर स्थिर रह सकती है। सोच्चि ओलिंपिक 2014 की मशाल को दुनिया के सामने पेश कर दिया गया है

जो आग और बर्फ का मेल होने के साथ साथ इस शहर की संस्कृति और यहां के काल्पनिक पक्षी (फ्यार बर्ड) की आकृति को उकेरती है। मास्को के ट्रेड सेंटर में बड़ी संख्या में अधिकारियों, खिलाडिय़ों और सोच्चि शहर के लोगों की उपस्थिति में शीतकालीन ओलिंपिक की मशाल का अनावरण किया गया। सोच्चि ओलिंपिक के प्रमुख दिमित्रि चेरीनशैंको ने कहा ओलिंपिक मशाल खेलों का प्रमुख प्रतीक चिन्ह है। हमने इस मशाल को इस तरह से तैयार किया है कि जिससे यह रूस की कला और संस्कृति को भी प्रदर्शित करती है। रूस के सोच्चि शहर में आयोजित होने जा रहे शीतकालीन ओलिंपिक 2014 के लिए सात अक्टूबर से देश के ऐतिहासिक ग्रीक टाउन से इसके रिले को प्रारंभ किया जाएगा। यह शीतकालीन ओलिंपिक के इतिहास की सबसे लंबी रिले होगी जो 65 हजार किलोमीटर का रास्ता तय करेगी। चेरीनशैंको ने बताया कि मशाल उत्तरी ध्रुव और यूरोप के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एलब्रस से भी गुजरेगी। दिमित्रि ने साथ ही कहा मेरी इच्छा है कि यह मशाल अंतरिक्ष में भी पहुंच पाए। सोच्चि आयोजकों ने मशाल की विशेषता के बारे में कहा कि इस टार्च को लाल और चांदी के समान रंग से तैयार किया गया है। लाल जहां रूस में खेलों के रंग को दर्शाता है तो वहीं चांदी के रंग का उपयोग अधिकतर ओलिंपिक मशालों के लिए किया जाता रहा है तथा यह खेलों के इतिहास के प्रतीक समान भी है। करीब 1.8 किलोग्राम वजन की यह मशाल अपने रिले के दौरान 2900 नगरों तथा रूस के 83 क्षेत्रों के सभी गांवों में 14 हजार लोगों के हाथों से होकर गुजरेगी।