चुनौतियों के पार
02-Jan-2020 08:34 AM 1235045
शुरुआती हिचकोलों के बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार एक साल में संख्या बल में मजबूत हुई। निर्दलियों और बसपा-सपा के भरोसे बनी कमलनाथ की सरकार झाबुआ उपचुनाव के बाद खतरे से बाहर निकल गई। अब सरकार पटरी पर दिखाई देने लगी है। शायद इसी भरोसे 17 दिसंबर को कांग्रेस सरकार के एक साल पूरा होने के मौके पर भोपाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विजन-टू-डिलेवरी रोडमैप 2020-2025’ में अगले चार साल का सरकार का विजन पेश किया। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की मौजूदगी कांग्रेस नेतृत्व की नजर में उनकी अहमियत का एहसास दिला रही थी। कमलनाथ ने कहा, सरकार की स्थिरता को लेकर तमाम अटकलों का अंत हो गया है। हमारी विजन की सरकार है, टेलीविजन की नहीं। एक साल पहले हमें खाली खजाना मिला था। हमने 365 दिन में 365 वादे पूरे किए हैं। हम माफिया मुक्त प्रदेश बनाएंगे, जिससे विकास के हर बिंदु को छुआ जा सके। यह प्रदेश के हर व्यक्ति, किसान और महिला का सपना भी है।’ विजन में अगले पांच साल में 10 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा करने की बात कही गई है। 3.50 लाख जॉब मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में तो 1.50 लाख रोजगार सर्विस सेक्टर से सृजित किए जाएंगे। इसके अलावा पांच लाख नौकरियां पर्यटन क्षेत्र से दी जाएंगी। इसमें पब्लिक सर्विस को कहीं भी’ और किसी भी समय’ के तर्ज पर किसी भी स्मार्ट फोन डिवाइस के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रदेश के हर गांव को सड़क, बिजली और ब्रॉडबैंड की सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही गई है। रोडमैप में बेंगलुरु सिलिकॉन सिटी की तर्ज पर प्रदेश में नई सिलिकॉन सिटी बसाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रोजगार के अवसर पैदा करने और निवेशकों को रिझाने के लिए इन्वेस्टर मीट आयोजित किया। केंद्र से बेहतर तालमेल बनाकर प्रदेश की समस्याओं को हल करने की कोशिश भी दिखाई दी, लेकिन कमलनाथ सरकार के सामने चुनौतियां भी बड़ी हैं। एक साल बाद भी कमलनाथ नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के लिए सहमति नहीं बना सके। मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी उन्हीं के पास है। ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों की लाइन अलग बनी हुई है, तो दिग्विजय सिंह की छाया अब भी सरकार पर दिखाई पड़ती है। कुर्सी संभालते ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पहली सरकारी फाइल किसानों की कर्जमाफी की साइन की थी। जय किसान फसल ऋणमाफी योजना में अब तक 20 लाख से अधिक किसानों का कर्ज माफ किया गया है, लेकिन किसानों की कर्जमाफी का मसला अभी भी उलझा है। भाजपा किसान कर्जमाफी की प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाती रही है। कन्यादान योजना की राशि 28 हजार से बढ़ाकर 51 हजार रुपए और सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि 300 से बढ़ाकर 600 रुपए की गई। राज्य में अन्य पिछड़े वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने का फैसला तो किया, पर कोर्ट में मामला लटक गया। स्थानीय युवाओं के लिए उद्योगों में 70 प्रतिशत नौकरी अनिवार्य की गई। गरीब परिवारों को हर महीने चार किलो दाल देने समेत कई फैसले लिए गए। लेकिन कई घटनाओं और हनीट्रैप कांड में नौकरशाहों की लिप्तता से राज्य की साख पर आंच भी आई। बिजली कटौती के मुद्दे पर सरकार चौतरफा घिरी दिखी। बार-बार अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग भी सरकार के लिए नकारात्मक पहलू रहा। सरकार के सामने आर्थिक संकट भी बड़ी चुनौती है। कमलनाथ स्वीकारते हैं कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सब ठीक नहीं है। हमें अपनी जीडीपी का विस्तार कर इसे वास्तविक रूप में और ज्यादा सहभागी बनाना होगा। खराब आर्थिक स्थिति पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है, जनता सरकार को टैक्स दे रही है, फिर ऐसा क्यों? कांग्रेस ने राज्य में कमलनाथ सरकार की उपलब्धियों का यशोगान उनके जन्मदिन से ही शुरू कर दिया है, लेकिन माफिया के खिलाफ सरकार के सख्त तेवर और एक्शन को जनता का साथ मिला। रेत, जमीन से लेकर कई तरह के माफिया राज से लोग परेशान भी हैं। कमलनाथ केंद्र की राजनीति करते रहे हैं और मध्य प्रदेश में उनका लगाव छिंदवाड़ा में ज्यादा रहा। पहली दफा राज्य की राजनीति करना और राज्य के नेताओं को साधना नया अनुभव भी रहा। सरकार को बाहर से समर्थन देने वाले कुछ विधायक उन्हें आंखें भी दिखाते रहे, लेकिन इस एक साल में कमलनाथ ने भाजपा को पटखनी दे दी। सरकार गिराने की धमकी देने वाले भाजपा नेता चित हो गए। पांच साल में 10 लाख नए रोजगार देंगे’ विजन-टू-डिलेवरी रोडमैप 2020-2025’ में अगले पांच साल में 10 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा करने की बात कही गई है। 3.50 लाख जॉब मैन्युफैक्चरिंग तो 1.50 लाख सर्विस सेक्टर से रोजगार सृजित किए जाएंगे। इसके अलावा पांच लाख नौकरियां पर्यटन क्षेत्र से दी जाएंगी। इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ खुद इस रोडमैप की मॉनिटरिंग करेंगे। रोडमैप में समस्त नागरिक सेवाओं को कहीं भी’ और किसी भी समय’ के तर्ज पर किसी भी स्मार्ट फोन डिवाइस के माध्यम से नागरिकों तक पहुंचाई जाएगी। साथ ही प्रदेश के हर गांव को सड़क, बिजली और ब्रॉडबैंड इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही गई है। बेंगलुरु सिलिकॉन सिटी की तर्ज पर प्रदेश में नई सिलिकॉन सिटी। सिंचित क्षेत्र का रकबा 40 से 65 लाख हेक्टेयर किया जाएगा। सूक्ष्म सिंचाई 5.27 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 10 लाख हेक्टेयर करेंगे। प्राथमिक शिक्षा में 100 प्रतिशत नामांकन और 0 प्रतिशत ड्रॉपआउट तय होगा। हर गांव-हर घर में 24 घंटे बिजली, पक्की सड़कें और ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा मिलेगी। नवकरणीय ऊर्जा ग्रिड की क्षमता 4 हजार से 13 हजार मेगावाट करेंगे। राइट टू वाटर’ और राइट-टू-हेल्थ’ में हर घर में शुद्ध पेयजल देंगे। - अरविंद नारद
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