18-Nov-2019 07:04 AM
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हमेशा सुर्खियों में रहने वाला इंदौर का देवी अहिल्या विश्वविद्यालय एक बार फिर चर्चा में आ गया है। कांग्रेस के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव ने विश्वविद्यालय में खेलों के नाम पर 50 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप लगाए हैं। इसके लिए उन्होंने आरटीआई से निकाले दस्तावेज बतौर सबूत पेश किए और इसकी शिकायत राज्यपाल लालजी टंडन के अलावा सीएम कमलनाथ से की है। जबकि यादव ने नैक को भी पत्र लिखा है, क्योंकि नैक की टीम यूनिवर्सिटी का दौरा करने वाली है।
कांग्रेस के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव ने प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में खेलों के नाम पर हुए खेल को उजागर करते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार के दौरान खेलों के नाम पर 50 करोड़ से ज्यादा का घोटाला किया गया। डीएवीवी में खेल गतिविधियों को लेकर ये आश्चर्यजनक तथ्य हैं। हैरानी की बात ये है कि इतना अधिक बजट खर्च करने के बाद भी डीएवीवी की टीमों को राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में एक भी मेडल नहीं मिला है। अब अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की बात करना ही बेमानी हैं। भ्रष्टाचार का ये आलम है कि खेल गतिविधियों के नाम पर घटिया खेल सामग्री, घटिया निर्माण करके करोड़ों की राशि सीधे हड़प ली गई। इतनी राशि में तो मध्य प्रदेश की आईपीएल की टीम बन जाती।
देश के प्रमुख खेल क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल, टेबल टेनिस, बास्केटबॉल, बैडमिंटन में एक भी उपलब्धि विश्वविद्यालय के नाम पर नहीं हैं। इसका सारा दोष डीएवीवी के भ्रष्टाचार का हैं। खेलों के कोच सालों से ऐसे बने हैं जिन्हें एक किलोमीटर रनिंग के लिए बोल दिया जाए तो बेहोश होकर गिर पड़ेंगे। जब कोच का ये हाल हैं तो खेल का विकास कैसा होगा, आप अंदाजा लगा सकते हैं। खेल का सारा बजट भ्रष्टाचार की भेंट ही चढ़ता है। एक साल में मात्र दस लाख ही खर्च करके सारा बजट ठिकाने लगा दिया जाता हैं। डीएवीवी में ये एक उदाहरण है। हालांकि ऐसे अनेक उदाहरण हैं जिसमें करोड़ों का भ्रष्टाचार किया गया हैं। इससे डीएवीवी प्रशासन की व्यवस्था सी ग्रेड की सिद्ध होती हैं। आरटीआई में भी विश्वविद्यालय जानकारी नहीं दे पा रहा है जिसकी शिकायत राज्यपाल, मुख्यमंत्री कमलनाथ को की गई है।
राकेश सिंह यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ पूर्णकालिक बीजेपी के बुजुर्ग छात्र नेताओं ने डीएवीवी को कमाई का अड्डा बना रखा हैं। ऐसे बुजुर्ग नेताओं की वजह से नया छात्र नेतृत्व स्थापित नहीं हो सका हैं और जो छात्र सक्रिय रहते हैं उन्हें मिर्ची कांड जैसे फर्जी आरोपो में फंसाकर ब्लैकमेल करते हैं या प्रॉक्टोरियल बोर्ड से फर्जी आरोपों में सस्पेंड करा देते हैं। फर्जी मिर्ची कांड में बेगुनाह छात्रों को फंसाने वाले और फर्जी आदेश बनाने वाले बोर्ड मेम्बर प्रो. आशुतोष मिश्रा, प्रो. अखिलेश सिंह, प्रो.वृन्दा टोकेकर, दीपक श्रीवास्तव, राजेश शर्मा, लक्ष्मण शिन्दे, गीता नीमा, एल के त्रिपाठी और कामाक्षी अग्निहोत्री को तत्काल इस बोर्ड से हटाया जाए, ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रह सकें। आर्थिक भ्रष्टाचार में डीएवीवी के जिम्मेदार अधिकारी और बुजुर्ग छात्र नेता बराबर के हिस्सेदार होते हैं। जबकि ये खेल सालों से चल रहा है। डीएवीवी की अनेक परीक्षाओं में सैकड़ों विद्यार्थियों को एक या दो नम्बर से परीक्षा के रिजल्ट में रोका जाता हैं। मतलब उत्तीर्ण होने वाले मैजिक नम्बर से एक या दो नम्बर कम रहते हैं। पूर्व के सालों का रिकॉर्ड खंगाला जाए तो ये संख्या हजारों में हैं। इसके बाद खेल शुरू होता हैं नम्बर बढ़ाने का, जिसमें ये तथाकथित छात्र नेता और डीएवीवी के भ्रष्ट अधिकारी मिलकर एक छात्र से 10,000 से 50,000 तक वसूल करते हैं।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति रेणु जैन ने राकेश सिंह यादव के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि मैं उसका खंडन करती हूं। मेरे संज्ञान में इस तरह का कोई मामला नहीं आया है। देवी अहिल्या जैसे शैक्षणिक संस्थान पर इस तरह के आरोप लगाना उचित नहीं है। जबकि यूनिवर्सिटी की उपलब्धियां देखकर यहां के लोगों को मदद करनी चाहिए, ताकि यूनिवर्सिटी को ए प्लस प्लस ग्रेड मिले। जैसे सफाई में इंदौर नंबर वन है, उसी तरह पढ़ाई में भी नंबर वन बन सके।
क्या था मिर्ची कांड
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ कॉमर्स में एमबीए के छह छात्रों पर छात्राओं के वॉशरूम में और गेट पर मिर्ची का स्प्रे डाल देने के आरोप लगाए गए, जिन्हें प्रबंधन ने 15 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया था। बाद में पता चला कि इस मामले की शिकायत किसी भी छात्रा नहीं की थी और प्रोफेसरों की आपस की लड़ाई में 5 छात्रों को बलि का बकरा बना दिया गया। जबकि एक छात्र ने स्प्रे छिड़कने की बात स्वीकार कर माफी भी मांग ली, लेकिन अनुशासन समिति ने बिना सीसीटीवी फुटेज मिले सबूत के छह छात्रों पर कार्रवाई कर दी। मजेदार बात ये है कि इसके खिलाफ खुद छात्राएं मीडिया के सामने पहुंच गईं थी और बताया था कि ये सारी साजिश आरके शुक्ला को एचओडी बनाने के लिए रची गई थी।
- विकास दुबे