05-Sep-2019 08:44 AM
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राजनीति में कुछ भी स्थाई नहीं होता, सियासत में समय का चक्र काफी तेजी से घूमता है और जब घूमता है तो सबकुछ बदल जाता है। देश की सियासत में एक बार फिर इसी की बानगी देखने को मिल रही है। कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम सीबीआई की गिरफ्त में हैं। दूसरी ओर ईडी और सीबीआई उन्हें गिरफ्तार करने के लिए तैयार हैं। करीब 10 साल पहले कुछ ऐसा ही मौजूदा गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुआ था, जब एजेंसियां उनके पीछे पड़ी थीं। लेकिन अब समय बदल गया है और खेल भी बदल गया है।
कांग्रेस पार्टी समेत अन्य विपक्ष सरकार पर एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा रहा है। अगर इस कहानी के फ्लैशबैक में जाएं और समय के चक्कर को घुमाएं तो कई साल पहले विपक्षी पार्टी के तौर पर बीजेपी भी यूपीए सरकार पर ऐसा ही आरोप लगाती थी और तब गृह मंत्री पी. चिदंबरम हुआ करते थे।
यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान जब पी चिदंबरम देश के गृह मंत्री थे, उस वक्त सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामला चरम पर था और इसी मामले में अमित शाह पर कार्रवाई की गई थी। 25 जुलाई 2010 को सीबीआई ने अमित शाह को गिरफ्तार भी किया था और जेल में डाल दिया था। चिदंबरम 29 नवंबर, 2008 से 31 जुलाई 2012 तक देश के गृह मंत्री रहे थे। अब समय का चक्कर घूमा है और अमित शाह देश के गृह मंत्री और सीबीआई-ईडी पी. चिदंबरम को जेल में डालने के लिए तैयार हैं। गौरतलब है कि चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम द्वारा साल 2006 में एयरसेल-मैक्सिस डील के तहत विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी मिलने के मामले की जांच सीबीआई और ईडी कर रही है। उस समय पी चिदंबरम यूपीए सरकार में वित्त मंत्री थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने एयरसेल-मैक्सिस को एफडीआई की सिफारिशों के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी को नजरअंदाज कर दिया था और अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फायदा पहुंचाया था। प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक एयरसेल-मैक्सिस डील में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट कमिटी की अनुमति के बिना ही मंजूरी दी थी, जबकि यह डील 3500 करोड़ रुपये की थी।
20 अगस्त को गायब हो जाने के बाद चिदंबरम 21 अगस्त शाम अचानक कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। चिदंबरम ने कहा कि मैं कानून से बच नहीं रहा हूं, बल्कि कानूनी संरक्षण की तैयारी कर रहा हूं। मुझ पर आरोप है कि मैं न्याय से भाग रहा हूं, जबकि इसके विपरीत मैं न्याय की खोज में लगा हुआ हूं। उन्होंने कहा कि आईएनएक्स मीडिया मामले में मैं किसी जुर्म का आरोपी नहीं हूं, न ही मेरे परिवार का कोई आरोपी है। इसके बाद वे जोर बाग स्थित अपने घर रवाना हो गए, कुछ देर बाद ही सीबीआई की टीम भी वहां पहुंच गई। बंगले का गेट नहीं खुलने पर सीबीआई अधिकारी दीवार फांदकर चिदंबरम के घर में घुसे और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम भी उनको गिरफ्तार करने उनके घर पहुंची थी।
इसके पहले कांग्रेस ने चिदंबरम को गिरफ्तार होने के बचाने के लिए वकीलों की फौज खड़ी कर दी थी। सुबह अदालत की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही कपिल सिब्बल और उनके साथ 11 वकीलों की टीम चिदंबरम की पैरवी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी। चिदंबरम के वकीलों की कोशिश थी कि किसी तरह से तात्कालिक राहत उन्हें मिल जाए, जिससे उन पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार हट जाए, लेकिन दिल्ली हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर चिदंबरम की याचिका पर तुरंत सुनवाई की मांग शीर्ष अदालत ने ठुकरा दी।
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम के अलावा उनके परिवार पर भी कई मामले चल रहे हैं। एक खबर के अनुसार उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम के खिलाफ एयरसेल मैक्सिस भ्रष्टाचार मामले और धन शोधन मामले में मुकदमा चल रहा है। जांच एजेंसी पी चिदंबरम की पत्नी के खिलाफ भी सारदा चिटफंड घोटाले में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज एयरसेल मैक्सिस मामलों में चिदंबरम तथा उनके बेटे की जमानत संबंधी याचिकाएं निचली अदालत में लंबित हैं। पिछले साल 19 जुलाई को सीबीआई द्वारा दाखिल आरोप पत्र में चिदंबरम और कार्ति के नाम थे।
चिदंबरम के खिलाफ आईएनएक्स मीडिया के अलावा यूपीए के शासनकाल में एयर इंडिया के लिए खरीदे गए 111 विमानों के सौदे में हुई अनियमितताओं के मामले की जांच भी चल रही है। इस मामले में एफआईआर हो चुकी है और ईडी ने उन्हें पेश होने के लिए समन भेज रखा है। एक खबर के अनुसार एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विवादास्पद विलय समेत यूपीए सरकार के दौरान कम से कम चार ऐसे सौदे रहे हैं, जिनमें अनियमितताओं के अलावा मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप भी लगे थे। जांच एजेंसी ने इस केस में अक्टूबर 2018 में कई आपराधिक मामले दर्ज किए थे। आरोप है कि विदेशी विमान विनिर्माण कंपनियों को फायदा पहुंचाने के एवज में सरकारी कंपनियों के लिए 70,000 करोड़ रुपये के 111 विमान खरीदे गए थे। इस सौदे से सरकारी विमान कंपनी को कथित वित्तीय नुकसान हुआ था, क्योंकि उस दौरान कंपनी पहले से ही वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही थी। साल 2011 में सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में 2006 में 70,000 करोड़ रुपये में एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के लिए एयरबस व बोइंग से 111 विमान खरीदने के फैसले पर सवाल उठाया था।
ईडी की जानकारी के मुताबिक चिंदबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने स्पेन में टेनिस क्लब, यूके में कॉटेज के साथ-साथ देश-विदेश में कुल 54 करोड़ की संपत्तियां खरीदी हैं। ईडी जानना चाहती है कि कार्ति के पास ये संपत्तियां खरीदने के पैसे कहां से आए। ईडी ने अक्टूबर 2018 में एक अटैचमेंट ऑर्डर पास किया था। इसके मुताबिक ये सारी संपत्तियां आईएनएक्स मीडिया केस में मिली रिश्वत की रकम से खरीदी गई हैं। यूपीए शासन के दस वर्षों के शासन में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर अपने पद का दुरुपयोग कर दोनों हाथों से देश को लूटने का आरोप है। हाल ही में उनके बेटे कार्ति चिदंबरम ने खुलासा किया है कि दुनियाभर में उनकी 6 लाख करोड़ से अधिक की संपत्ति है।
पी चिंदबरम और उनके परिवार ने गैरकानूनी तरीके से अकूत दौलत कमाई है। दुनिया भर में चिदंबरम परिवार की हजारों करोड़ नहीं बल्कि लाखों करोड़ रुपये की संपत्ति फैली हुई है। जी हां, पहले इस तरह के सिर्फ आरोप लगते थे, लेकिन अब पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने खुद यह बात कबूल की है। कार्ति चिदंबरम ने एक व्हाट्सएप चैट के दौरान यह खुलासा किया है कि उसकी छह लाख करोड़ रुपये से भी अधिक की संपत्ति पूरी दुनिया में फैली हुई है। इतना ही नहीं उसने यह भी बताया है कि इस संपत्ति की वजह से दुनिया के ज्यादातर देशों में वीजा की जरूरत तक नहीं होती। वह अपनी इच्छा के मुताबिक जब चाहें तब दुनिया के किसी भी देश में जा सकता है और वहां रह भी सकते है।
कार्ति चिदंबरम ने जो दावा किया है उसके मुताबिक एशिया के सबसे बड़े अमीर मुकेश अंबानी से भी अधिक संपत्ति चिदंबरम परिवार के पास है। जाहिर है कि इनकम टैक्स की घोषणा में इस अकूत दौलत का खुलासा चिदंबरम एंड फैमिली ने नहीं किया है, इसलिए आरोप लगाए जा रहे हैं कि यह सारा कालाधन है, जो दशकों से लूट कर चिदंबरम एंड फैमिली ने जमा किया है। यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए पी चिदंबरम ने फर्जीवाड़ों और घोटालों के जो खेल किए हैं, उसके लगातार खुलासे हो रहे हैं। पिछले साल आयकर विभाग ने पी चिदंबरम के परिवार के तीन सदस्यों के खिलाफ काला धन कानून के तहत चार चार्जशीट दायर की। ये चार्जशीट चिदंबरम की पत्नी नलिनी, बेटे कार्ति और बहू श्रीनिधि के खिलाफ हैं। दरअसल पूर्व वित्त मंत्री अनेकों घोटालों के सूत्रधार रहे हैं, क्योंकि उन्होंने जानकारी होने के बावजूद ऐसे कई काम किए जो देश के खजाने को नुकसान पहुंचाने वाले थे।
आयकर विभाग की चार्जशीट के अनुसार पी चिदंबरम एंड फैमिली ने अपने निवेश की जानकारी टैक्स अधिकारियों को नहीं दी थी। चिदंबरम के बेटे कार्ति के सह स्वामित्व वाली कंपनी चेस ग्लोबल एडवाइजरी ने भी इस बारे में नहीं बताया, जो नियमों का उल्लंघन है। गौरतलब है कि चिदंबरम के परिवार के इन सदस्यों की यूनाइटेड किंगडम के कैंब्रिज में 5.37 करोड़ की संपत्ति है। ब्रिटेन में ही 80 लाख की एक और संपत्ति है, वहीं अमेरिका में 3.28 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति भी है।
- दिल्ली से रेणु आगाल