जानलेवा राख
19-Aug-2019 07:16 AM 1234816
बिजलीघरों से निकलने वाले धुएं और राख से सिंगरौली औद्योगिक क्षेत्र के लगभग 100 किमी दायरे में शायद ही कोई गांव, कोई इलाका ऐसा हो जहां के लोग जानलेवा बीमारी की चपेट में न हो। उस पर ऐश डैम टूटने का खतरा मंडराता रहता है। इस माह की 7 तारीख की रात सिंगरौली के बधौरा स्थित एस्सार पॉवर प्लांट का ऐश डैम अचानक फूट गया। जिससे कर्सुआलाल व खैराही गांव के करीब डेढ़ हजार से अधिक लोगों पर राखड़ व कीचड़ के रूप में आफत टूट पड़ी। इससे कई मवेशी लापता हो गए। वहीं प्रशासन की सक्रियता से राख में दबे चार लोगों को बचाया गया। इस ऐश डैम का इस्तेमाल उस राख को जमा करने के लिए किया जाता है, जो कोयला आधारित पॉवर प्लान्ट में मूल उत्पाद के साथ-साथ पैदा हो जाती है। कोयले की यह राख बेहद हानिकारक होती है, जिसमें आरसेनिक समेत कई जहरीले पदार्थ होते हैं। विज्ञानियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि पॉवर प्लान्टों के आसपास इस तरह राख के लीक हो जाने से जमीन के भीतर मौजूद पानी बहुत जहरीला हो सकता है, और इससे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। सरकार तथा प्रदूषण नियंत्रण के नियमों के अनुसार, राख के तालाबों के चारों और कांक्रीट की दीवार बनाई जानी चाहिए, और नियम यह भी कहते हैं कि राख के तालाबों को क्षमता से ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। जानकारी के लिए बताते चलें कि एस्सार पॉवर का ऐश डैम गत साल 13 अप्रैल 2014 को फूटा था। जिससे क्षेत्र में जहां सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हुई थी वहीं ग्रामीण भी तबाह हो गए थे। प्रबंधन की लापरवाही के चलते डैम अचानक फूट गया था क्योंकि ऐश डैम का निर्माण मानक को ध्यान में रखते हुए कराया जाता है लेकिन एस्सार कंपनी का ऐश डैम मानक के विपरीत बनाया गया है। जिससे डैम कभी भी फूट जाता है। सिंगरौली के बंधौरा स्थित एस्सार कंपनी का ऐश डाईक टूटने की घटना ने आसपास के पर्यावरण को क्षति को लेकर प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। इसके मद्देनजर जिला प्रशासन ने घटना की उच्च स्तरीय जांच की जरूरत समझी है। इसी मामले में जिला कलेक्टर केवीएस चौधरी ने राज्य के प्रमुख सचिव व पर्यावरण आयुक्त को पत्र लिखा है। इसमें शासन से एस्सार कंपनी का ऐश डाईक टूटने की घटना की जांच कर मामले में पर्यावरण नियमों के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई का आग्रह किया गया है। कलेक्टर चौधरी की ओर से लिखे गए पत्र के अनुसार ऐश डाईक बांध अचानक टूटने के कारण जिले की माड़ा तहसील के गांव कर्सुआ राजा व खैराही सहित इनके आसपास के गांवों, खेतों व घरों में राख मिश्रित पानी भर गया है। इससे पूरे क्षेत्र में फसल व अन्य सम्पत्ति की भारी क्षति हुई है तथा पर्यावरण को भी गंभीर खतरे की आशंका हो गई है। घटना में प्रभावित खेतों, आसपास के नालों व अन्य सभी जल स्त्रोत में राख मिश्रित पानी एकत्र हो गया। इससे वहां पर्यावरण, मिट्टी, पानी व हवा के प्रदूषित होने की गंभीर आशंका है। इसलिए इस घटना की गहन जांच की आवश्यकता है। इसी आधार पर अपने पत्र में कलेक्टर चौधरी ने प्रमुख सचिव व पर्यावरण आयुक्त से शासन स्तर से मौके पर पर्यावरण विशेषज्ञों व उच्च अधिकारियों की टीम भेजने, हादसे में वहां पर्यावरण को क्षति की जांच करने तथा पर्यावरण नियमोंंं के तहत कार्रवाई किए जाने का आग्रह किया है। कलेक्टर चौधरी के पत्र लिखे जाने व मौखिक सूचना के बाद एस्सार का ऐश डाईक टूटने की घटना की जांच के लिए केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व राज्य के अधिकारियों का दल गत दिनों दोपहर यहां पहुंचा। टीम मेंं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक, पर्यावरण विशेषज्ञ व विशेष अधिकारी शामिल हैं। बताया गया कि शाम को यह दल प्रभावित गांव कर्सुआ राजा व खैराही पहुंचा। इस विशेष टीम ने प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण कर जांच कार्य शुरु कर दिया है। यह टीम हादसे में संभावित क्षति का आंकलन कर अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को देगी। इसके साथ ही ऐश डाईक टूटने की घटना को गंभीर मानते हुए जिला प्रशासन ने भी जांच समिति गठित की है। यह समिति घटना का कारण देखेगी तथा हादसे में संभावित क्षति का आंकलन भी करेगी। माड़ा के उपखण्ड मजिस्ट्रेट विकास सिंह जांच समिति के अध्यक्ष बनाए गए हैं। - अरविंद नारद
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