शालिनता की मूर्ति
19-Aug-2019 07:10 AM 1234948
सुषमा स्वराज भारतीय राजनीति में ध्रुव तारे की तरह हमेशा चमकती रहेंगी। आत्मविश्वास ऐसा कि विपक्ष भी चमत्कृत रह जाए, वाणी से झरता ज्ञान ऐसा कि बरबस ही मुंह से वाह निकल जाए। भाषण की तैयारी ऐसी कि हर किसी को निरुत्तर कर दें। विदेशों में फंसे किसी नागरिक के एक ट्वीट पर तुरंत कार्यवाही करने का जज्बा सिर्फ उन्हीं के बस का था। आपको खोना इतना अविश्वसनीय है कि आंख रह रह कर भर आती है हर वाक्य के साथ, इतना लाड़, दुलार,प्यार कितने नेताओं को नसीब हो पाता है। बहुत-बहुत टूटे दिल के साथ यही कहूंगी की जहां रहो सुकून से रहना। सुषमा स्वराज की भाषण शैली और वाक्पटुता का कोई जोर नहीं था। जब वह बोलती थीं तो विपक्ष भी सन्न रह जाता था। उनके जवाब ऐसे होते थे, कि उसके काट के लिए विरोधी को सोचना पड़ता था। जब वह मनमोहन सरकार में विपक्ष की नेता थीं, तब उनका लोकसभा में भाषण काफी लोकप्रिय हुआ था। उन्होंने तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह के लिए शायराना अंदाज में तंज कसा था और कहा था- तू इधर-उधर की बात न कर, ये बता कि काफिला क्यों लुटा? मुझे रहजनों से गिला नहीं, तेरी रहबरी का सवाल है।Ó सुषमा स्वराज की भाषण शैली कितनी शानदार थी इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि संयुक्त राष्ट्र के मंच से पाकिस्तान को लताड़ा था। आतंकवाद के मुद्दे पर यूएन में बोलते हुए सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को बेनकाब किया था और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच उसकी फटकार लगाई थी। 29 सितंबर 2018 को सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान पर गरजते हुए कहा था कि हत्यारों का महिमामंडन करने वालों से भारत कैसे बात कर सकता है। वह मोदी सरकार 2 में मंत्री भी नहीं बनीं। उस समय भी लोगों को लगा कि शायद उन्हें किनारे किया गया है। ऐसा लगना स्वाभाविक था, क्योंकि पिछली सरकार में अगर प्रधानमंत्री के बाद किसी के कामों को वाहवाही मिली थी तो वह सुषमा ही थीं। पता नहीं उनके अलावा और कौन ऐसा मंत्री रहा होगा, जिसने इतने ज्यादा लोगों की मदद ट्विटर पर ही कर दी हो। उत्तर प्रदेश में पासपोर्ट मिलने में हो रही देरी को लेकर एक मुस्लिम दंपति की मदद करके, तो उन्होंने अपने प्रशंसकों तक की निंदा को स्वीकार किया था। आर्टिकल 370 की समाप्ति पर प्रधानमंत्री को ट्वीट में उन्होंने लिखा भी था, मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी। इस ट्वीट के तीन घंटे बाद यम की सवारी उनके द्वार पर थी। वह चिरनिद्रा में सो गईं। यह देश बहुत-बहुत मिस करेगा अपनी प्रिय और प्रखर नेता को। काल का वह कैसा क्रूर लम्हा था जिसने आपसे अपने अंतिम ट्वीट में लिखवाया की जीवन में इस दिन की प्रतीक्षा कर रही थी। खुद ही अपने लिए थीं लिख कर हमेशा के लिए मन में बस गई हो आप...अश्रुपूरित श्रद्धांजलि... - अक्स ब्यूरो
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