31-Aug-2013 09:30 AM
1234795
22 अगस्त को एक 22 वर्षीय फोटो पत्रकार अपने मित्र के साथ मुंबई के लोअर पारेल में शक्ति मिल्स की एक परित्यक्त इमारत में जाती है। वहां उसे दो व्यक्ति मिलते हैं जो कहते हैं कि इस इमारत में फोटो

खींचने के लिए सुपरवाइजर की इज्जात लेनी पड़ती है। इसके बाद वे गाली गलौच करने करने लगते है जिस पर फोटो जर्नलिस्ट और उसका मित्र विरोध जताता है। अचानक वे लड़की के पुरूष मित्र पर हमला कर देते हैं और उसे बेल्ट से बांध देते हैं। दोनों हमलावर तीन अन्य लोगों को बुलाते हैं। इसके बाद वे उसे बुरी तरह पीटते हैं जिसमें वह बेहोश हो जाता है। बाद में उस लड़की को झाडिय़ों में घसीट लिया जाता है। जहां बारी-बारी से दुष्कर्म करने के बाद पांचों आरोपी लड़की का विडियो बनाते है और उसके सबू मिटवा देते हैं। लड़की अचेत हो जाती है। बाद में उसे होश आता है वह अपने दोस्त को छुड़ाती है तथा दोनों पेडर रोड पर स्थित अस्पताल पहुंचते हैं। इस घटना के बाद मुंबई कांप उठती है। पांचों हमलावर 20 की उम्र के है और 70 घंटे के भीतर पांचों को गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तारी के साथ ही राजनीति प्रारंभ हो गई हैै। भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस शासित राज्यों में महिलाओं पर हमले हो रहे हैं लेकिन सबसे हास्यास्पद बयान समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने दिया है उन्होंने कहा है कि लड़कियों को सही कपड़े पहनना चाहिए। एक आरोपी को नाबालिग साबित करने की साजिश भी की जा रही है। कानूर्नीरूप से नाबालिग अपराधी की पहचान नहीं बताया चाहिए किंतु मुंबई पुलिस ऐसा कर चुकी है। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनमे विजय जाधव, शिराज रहमान, कासिम बंगाली, चाँद शेख और सलीम अंसारी शामिल है। बताया जाता है कि आरोपियों ने बलात्कार के बाद लड़की की नग्र फिल्म बना धमकी दी थी कि यदि उसने पुलिस को सूचना की तो यह फिल्म सार्वजनिक कर दी जाएगी। बलात्कारियों की योजना दोनों की हत्या करने की थी लेकिन फिल्म बनाने के बाद उनको लगा कि लड़की डऱ के मारे मुंह नहीं खोलेगी इसलिए उन्होंने लड़की और उसके साथी को जिंदा छोड़ दिया। लड़की और उसके साथी ने अपराधियों को आई फोन तथा कैमरा देने की पेशकश भी की थी ताकि दोनों को छोड़ दिया जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
जिस इलाके में यह घटना हुई वह सुनसान इलाका है। शाम को वहां जाना खतरनाक है। पुलिस की गश्त भी उस इलाके में बिलकुल नहीं रहती। यहां कोई चेतावनी बोर्ड भी नहीं है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव कहते हैं कि लड़कियों को सुनसान इलाकों में जाने से पहले पुलिस को सूचना देनी चाहिए। लेकिन सूचना के बाद भी पुलिस करेगी क्या? सुनसान इमारतों के आस-पास खतरनाक इलाकों में पुलिस की पेट्रोलिंग लगातार होती रहनी चाहिए लेकिन पेट्रोलिंग तो दूर पुलिस कई स्थानों पर महिनों-महिनों नहीं पहुंचती। मुंबई में कई इलाके ऐसे हैं जहां से कोई लाश बरामद हो अथवा कोई दुर्घटना घटे तभी पुलिस पहुंचती है। इन इलाकों में अंडरवल्र्ड का राज चलता है। सारे काले कारनामों को अंजाम दिया जाता है। सरकार ने इन सुनसान इलाकों के लिए कोई योजना भी नहीं बनाई है। खाली पड़ी इमारतों की सुरक्षा के लिए इमारतों के मालिकों को निर्देश दिया जा सकता है लेकिन सरकारें सोई रहती हैं। बाद में कोई घटना घट जाती है तो बयान बाजी शुरू कर दी जाती है।
दरअसल यह घटनाएं रूक नहीं पा रही हैं। पूरी तरह रोकना सम्भव ही नहीं है। इस घटना के बाद यह सिद्ध हुआ कि कानून का डर भी अपराधियों को नहीं रेाक पा रहा है। जिन 5 अपराधियों को पकड़ा गया है वे पहले भी कई बलात्कार कर चुके थे ऐसी आशंका है। सवाल यह है कि इन्हें क्या सजा मिलेगी। इन आरोपियों ने केवल यही कांड नहीं किया बल्कि कई और घटनाओं को अंजाम दिया है। पुलिस को जांच के दौरान यह जानकारी मिली है। यदि ठीक से पड़ताल की जाए तो कुछ दूसरे नाम भी सामने आ सकते हैं क्योंकि बलात्कार जैसे प्रकरण अब गिरोह बनाकर किए जा रहे हैं। हर बड़े शहर में सुनसान जगहों पर ऐसे आपराधिक तत्व सक्रिय रहते हैं जो एकान्त की चाह में गए जोड़ों को या असुरक्षित जगह जाने वाली लड़कियों को अपना शिकार बनाते हैं। बलात्कार एक हादसा नहीं रह गया है। बल्कि इसे सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया जा रहा है।
मुंबई पुलिस की समझदारी
मुंबई पुलिस ने न सिर्फ चंद घंटों में बड़ी समझदारी से आरोपियों को अपनी गिरफ्त में ले लिया बल्कि उससे भी कहीं ज्यादा समझदारी आरोपियों के नाम छुपाकर दिखाई। दरअसल जैसे ही पड़ताल शुरू हुई यह बात साफ हो गई कि एक को छोड़कर सभी आरोपी मुस्लिम हैं। समझदारी दिखाते हुए पुलिस ने जांच प्रभावित होने का हवाला देकर शुरुआती दौर में नाम नहीं बताए। आशंका थी कि पूरा मामला कुछ दूसरा रंग भी ले सकता है। बाद में नाबालिग होने का शगूफा छोड़कर समाचार माध्यमों को असमंजस में डाल दिया कि वे नाबालिगों के नाम उजागर करें या न करें। जो भी हो पुलिस की यह तरकीब काम कर गई।