03-Aug-2019 07:49 AM
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मप्र बीजेपी के दर्जन भर नेताओं ने अपनी करतूतों से पार्टी की नाक कटवाई है। नेताओं की करतूतों से बीजेपी की काफी किरकिरी भी हुई है। हद तो तब गई जब इन मामलों में कार्रवाई करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को इंटरफेयर करना पड़ा। उसके बावजूद भी औकात वाले नेताओं पर पार्टी कार्रवाई करने की हिमाकत नहीं कर पाई। हां, कुछ छोटे नेताओं पर कार्रवाई जरूर हुई। वो भी तुरंत। ऐसे में यह सवाल है कि क्या बीजेपी का यह डबल फेस है, जो नेताओं की हैसियत के हिसाब से कार्रवाई करती है। ऐसे कई उदाहरण हैं, जिससे आप बीजेपी के दोहरी नीति के समझ सकते हैं।
सबसे पहले बात करते हैं लोकसभा चुनावों के दौरान की। भोपाल की सांसद और उस समय बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ने गांधीजी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया। विवाद बढऩे पर पार्टी ने इनके बयान से किनारा कर लिया। पीएम मोदी ने कहा कि मैं उन्हें इस बयान के लिए कभी माफ नहीं करूंगा। लेकिन इस बयान को लेकर उन पर कोई कार्रवाई आज तक नहीं हुई।
लेकिन मध्यप्रदेश बीजेपी ने पार्टी के एक नेता अनिल सौमित्र पर ऐसे ही बयान को लेकर तुरंत कार्रवाई की। अनिल सौमित्र ने फेसबुक पर पोस्ट कर महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहे जाने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी पाकिस्तान के राष्ट्रपिता हैं। पार्टी ने तुरंत इस पर एक्शन लिया और अनिल सौमित्र को निलंबित कर दिया।
बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय ने इंदौर में नगर निगम अधिकारी की बैट से पिटाई की। वीडियो सबने देखा। निगम अधिकारी की पिटाई के बाद आकाश को खुद की करतूत पर जरा भी अफसोस नहीं था और नहीं तो जब जेल गए तो पार्टी के कई नेता उनके आवभगत में लगे रहे। आकाश के बल्ले से निकले शॉट की चर्चा हर जगह थी। बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में पीएम मोदी ने यहां तक कह दिया कि बेटा किसी का भी उसे बाहर निकाला जाए। लेकिन पीएम के कहे हुए अब एक महीना होने वाला है लेकिन कार्रवाई के नाम पर अब तक सिर्फ एक नोटिस जारी किया गया है। आकाश अब खामोश हैं। लेकिन पार्टी ने उनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की। क्योंकि आकाश के ऊपर कैलाश विजयवर्गीय का साया है।
वहीं, पार्टी ने उज्जैन संभाग के महामंत्री प्रदीप जोशी का जब सेक्स चैट वायरल हुआ तो उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की। प्रदीप जोशी को बीजेपी ने निलंबित कर दिया। लेकिन आकाश का कृत भी कोई छोटा नहीं था जो उनके ऊपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। गुमटी को लेकर भोपाल में प्रदर्शन करने वाले बीजेपी के पूर्व विधायक सुरेंद्रनाथ सिंह ने प्रदर्शन किया। सुरेंद्रनाथ सिंह ने कहा कि अगर गुमटी हटी तो सड़कों पर खून बहेगा और वो खून अधिकारियों और सीएम कमलनाथ का होगा। अगले दिन उनकी गिरफ्तारी हुई और कोर्ट से जमानत भी मिल गई। इसके बाद बीजेपी ने भी उन्हें तुरंत नोटिस जारी कर दिया। लेकिन बड़े नेताओं पर नोटिस जारी करने के लिए भी पार्टी को इंतजार करना पड़ा। सतना में बीजेपी के नगर पंचायत अध्यक्ष ने सीएमओ की पिटाई की। आरोप में राम सुशील पटेल जेल में है लेकिन बीजेपी ने कोई कार्रवाई नहीं की।
- रजनीकांत पारे