आर्थिक संकट
04-Jul-2019 07:12 AM 1234822
जब पूरे दक्षिण एशिया और पश्चिम एशिया में सैन्यीकरण पर भारी जोर हो, तब भी अगर कोई मुल्क अपना रक्षा बजट नहीं बढ़ाता है तो यह चौंकाने वाली बात हो सकती है। बेशक इसका मुख्य कारण आर्थिक संकट है। पर भविष्य में शायद यही फैसला कुछ संकेत लेकर आए। आज एशिया ही सैन्यीकरण का प्रमुख केंद्र बन गया है। चीन, भारत, जापान, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, सऊदी अरब और ईरान जैसे देश सैन्यीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं। भारत, पाकिस्तान, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देश तो भारी सैन्यीकरण का नतीजा भुगत रहे हैं, क्योंकि ये मुल्क क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग को बढ़ाए जाने के बजाय अभी तक सैन्य शक्ति बढ़ाने में लगे रहे। भारत, पाकिस्तान और चीन तो इसकी शुरुआत काफी पहले कर चुके थे। खराब आर्थिक हालात के मद्देनजर पाकिस्तान ने इस साल रक्षा बजट में बढ़ोतरी नहीं की। अगर डॉलर के नजरिए से देखें तो पाकिस्तानी रक्षा बजट में कटौती हो गई है। हालांकि लोग पाकिस्तान के रक्षा बजट में कटौती को लेकर उसका मजाक भी उड़ा रहे हैं। लेकिन अगर इसे दूसरे नजरिए से देखा जाए तो भविष्य में यह क्षेत्रीय शांति के लिए अच्छे संकेत भी हो सकते हैं। पाकिस्तान में वर्ष 2019-20 के लिए पेश बजट में रक्षा बजट के लिए 1152 अरब रुपए का प्रावधान किया गया है। 2018-19 में पाकिस्तान का रक्षा बजट 1137 अरब रुपए था। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया गिर गया है। इस कारण डॉलर के नजरिए से पाकिस्तानी रक्षा बजट में इस साल लगभग दो अरब डॉलर की कटौती हो गई। इससे दुनिया भर के हथियार कारोबारी मायूस हो गए हैं, क्योंकि डॉलर में रक्षा बजट कम होने से पाकिस्तान की हथियार खरीद क्षमता पर असर पड़ेगा। डॉलर के नजरिए से पाकिस्तानी रक्षा बजट 7.6 अरब डॉलर का रह गया है, जबकि वर्ष 2018-19 में यह 9.6 अरब डॉलर का था। पाकिस्तानी सैन्य बजट में इजाफा न होना भविष्य के लिए अच्छे संकेत माने जा सकते हैं। इससे एशियाई मुल्कों में हथियार खरीद को लेकर मची होड़ में कमी आ सकती है। पिछले कुछ दशकों में एशियाई देशों में सैन्य बजट जिस तेजी से बढ़ा है, उससे सैन्यीकरण को तेजी से बढ़ावा मिला है और एशिया क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ है। जबकि रूस, अमेरिका और पश्चिमी देशों के हथियार उद्योग को एशियाई मुल्कों के इस सैन्यीकरण से खासा लाभ मिला है। दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार एशियाई देश ही खरीदते हैं। उत्तर कोरिया के भय से जापान ने अपनी सैन्य ताकत बढ़ाई। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण लगातार दोनों मुल्कों का रक्षा बजट लगातार बढ़ा है। 2009 से 2019 के बीच पाकिस्तान के रक्षा बजट में तिहत्तर फीसदी की बढ़ोतरी हुई। यह दुनिया के कई देशों के रक्षा बजट के मुकाबले काफी ज्यादा है। इस अवधि में भारत के रक्षा बजट में भी उनतीस फीसदी की बढ़ोतरी हुई। भारत और पाकिस्तान दोनों अपने रक्षा बजट का बड़ा हिस्सा हथियारों की खरीद पर लगाते हैं। इसका सीधा लाभ अमेरिका, फ्रांस, रूस और चीन जैसे देशों के रक्षा उद्योग को मिलता है। पाकिस्तान अभी तक सबसे ज्यादा हथियार अमेरिका से खरीदता था। लेकिन अब चीनी रक्षा उद्योग ने पाकिस्तान में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। पाकिस्तान अगर सैन्यीकरण के बजाय अपने आंतरिक विकास पर ध्यान देता तो शायद आज पाकिस्तान को यह दिन नहीं देखने पड़ते। पाकिस्तान के भारत, अफगानिस्तान और ईरान विरोधी रवैए ने पाकिस्तान में सैन्यीकरण को बढ़ावा दिया। भारत के खिलाफ पाकिस्तान का छद्म युद्ध आज तक जारी है। इसके लिए पाकिस्तान ने सैन्यीकरण को बढ़ावा दिया। इसी का परिणाम है कि आज पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट में है। उसकी भुगतान संतुलन की स्थिति खराब है। - अक्स ब्यूरो
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