खुलेगा लेपटॉप वितरण घोटाला
21-Feb-2019 06:16 AM 1234756
सत्ता में आते ही कमलनाथ सरकार एक के बाद एक शिवराज सरकार में हुए घोटालों को उजागर करने में जुटी हुई है। अब कमलनाथ सरकार के श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने खुलासा किया है कि पिछली सरकार में लेपटॉप वितरण में बड़ा घोटाला हुआ है। मंत्री का कहना है कि 6 दिन के अंदर 20 करोड़ के लैपटॉप खरीदकर बांटे गए, लेकिन इसका सत्यापन नहीं हुआ। लैपटॉप मिलने की कोई रिपोर्ट भी जमा नहीं की गई। इस संबंध में सरकार ने एसटीएफ को जांच के आदेश दे दिए है। इस मामले में ग्वालियर-एजी ने भी आपत्ति लगाई है। आशंका है कि जन अभियान परिषद से जुड़े लोगों ने भ्रष्टाचार किया है। माना जा रहा है कि इस घोटाले में कई अफसर और पूर्व मंत्री फंस सकते है। दरअसल, संबल योजना में 27 करोड़ रुपए में से 20 करोड़ का हिसाब नहीं मिलने पर महालेखाकार की आपत्ति के चलते हाल ही में श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने मामले की जांच कराने का निर्णय लिया है। हाल ही में इंदौर में उनके द्वारा की गई घोषणा के बाद बीजेपी ने स्पष्ट किया है कि संबल योजना में घोटाले से जुड़े यदि कोई भी तथ्य पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ हैं, तो पार्टी इस मामले में हर तरह की जांच के लिए तैयार है। इस मामले को लेकर इंदौर में वरिष्ठ भाजपा नेता शंकर लालवानी ने कहा है कि कमलनाथ सरकार फिलहाल जो भी आरोप लगा रही है वह सब चुनावी हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि यह सभी लोकसभा चुनाव की दृष्टि से लगाए जा रहे हैं, जहां तक गड़बडिय़ों का सवाल है तो पार्टी हर तरह की जांच का सामना करने के लिए तैयार है। दरअसल, पिछली सरकार में श्रम विभाग की ओर से 27 करोड़ रुपए का बजट जन अभियान परिषद को बच्चों को लैपटॉप व अन्य सामग्री खरीदने के लिए दिया गया था, लेकिन यह राशि आवंटन के छह दिन में ही बांटना और लैपटॉप देना बताया गया। इसकी फाइल जब कमलनाथ मंत्रिमंडल में श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने देखी तो वे हैरान रह गए। मंत्री ने पाया कि संबल योजना के पैसे का दुरुपयोग किया गया। पिछली सरकार ने 27 में से 20 करोड़ 6 दिन में ही खर्च कर दिए, जबकी इसकी ना तो कोई रसीद ली और ना ही किसी प्रकार का सत्यापन। हैरानी की बात तो ये है कि लैपटॉप मिलने की कोई रिपोर्ट भी जमा नहीं की गई। मंत्री का आरोप है कि शिव राजÓ में लेपटॉप वितरण में बड़ा घोटाला हुआ है। उन्होंने बताया है कि मुख्यमंत्री को इस मामले से अवगत कराने के बाद एसटीएफ को जांच के आदेश दिए गए है। मंत्री के अनुसार, पूर्ववर्ती सरकार ने लेपटॉप क्रय करने में 1891 लाख, बच्चों के प्रशिक्षण पर 21 लाख, प्रचार-प्रसार पर 5 लाख 7 हजार, एप तैयार करने में 2 लाख, परिचय पत्र बांटने में 12 लाख 26 हजार, छात्रों के स्टायफंड पर 60.98 लाख, डाटा प्लान पर 780.48 लाख, मिसलेनियस पर 4.15 लाख रूपए खर्च किए हैं। यह राशि जन अभियान परिषद के धीरेंद्र कुमार पांण्डे के हस्ताक्षर से निकालकर खर्च की गई है। दावा किया गया है कि राशि बच्चों के खातों में डाली गई है। जबकि राशि बच्चों के खातों में नहीं पहुंची है। इसका उपयोगिता सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है। मंत्री ने साफ कहा है कि जांच में पाए जाने वाले दोषी को बिलकुल नहीं बख्शा जाएगा फिर वो चाहिए अधिकारी हो या पूर्व मंत्री। किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा। आशंका है कि जन अभियान परिषद से जुड़े लोगों ने भ्रष्टाचार किया है। माना जा रहा है कि अगर ये घोटाला उजागर होता है तो इसमें पूर्व मंत्री और कई अफसर बुरी तरह से फंस सकते है। वहीं लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का यूं भाजपा के घोटाले उजागर करना भी भारी पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की योजनाओं में हुए घोटालों की फाइलें तैयार हैं, जिनकी जल्दी ही जांच कराई जाएगी। लगेगा मजदूरों का दरबार मंत्री सिसौदिया के अनुसार प्रदेश सरकार मजदूरों के दर पर पहुंचकर दरबार लगाएगी। इसके लिए सरकार श्रमिकों की सरकार, श्रमिकों के द्वारÓ नामक कार्यक्रम चलाने जा रही है। ये दरबार पीथमपुर, मंडीदीप, ग्वालियर, जबलपुर, सिंगरौली और रीवा में लगेंगे। वहां श्रम मंत्री के साथ ही विभाग के प्रमुख सचिव, श्रमायुक्त व अन्य अधिकारियों, श्रम संगठन के साथ बैठक की जाएगी। मौके पर ही श्रमिकों की समस्याएं दूर की जाएंगी। श्रम मंत्री ने कहा कि मजदूरों के बच्चों को 5 साल विदेश भेजने की योजना पर भी काम किया जा रहा है। कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अनुभव के बाद ये स्वदेश लौटकर मातृभूमि की सेवा करेंगे। - अक्स ब्यूरो
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