इमरती महाराज भरोसे
18-Jan-2019 06:59 AM 1234781
जिस महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी प्रदेश के लाखों कुपोषित बच्चों को पोषित करने की है उस विभाग की मंत्री अगर खुद दूसरे के भरोसे हैं तो विभाग का क्या होगा। जी हां बात हो रही है प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी की। वे बात-बात में कहती हैं कि महाराज (ज्योतिरादित्य सिंधिया) जो कहेंगे मैं वही करूंगी। वे कई बार बोल चुकी हैं जिसका अर्थ यही निकलता है कि इमरती देवी पूरी तरह महाराज के भरोसे हैं। बीते दिनों सिंधिया को भगवान का दर्जा देने वाली नवनियुक्त मंत्री इमरती देवी ने बड़ा बयान दिया है। इमरती देवी का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने ही उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया और फिर महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी दिलवाई। यदि वे उन्हें झाड़ू भी पकड़ा देंगे तो भी मैं खुश रहूंगी। साथ ही उन्होंने कहा कि विभाग के बारे में पूरी जानकारी लेने के साथ ही वरिष्ठ लोगों के मार्गदर्शन में काम करेंगी ताकि हर जरूरतमंद को उनके विभाग की योजनाओं का लाभ मिल सके। बताते चले कि ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट की मानी जाने वाली इमरती देवी ग्वालियर जिले के डबरा निर्वाचन क्षेत्र की तीसरी बार विधायक बनी हैं। बता दे कि कमलनाथ मंत्रिमंडल में ग्वालियर, चम्बल संभाग से छह विधायक मंत्री बनाये गए हैं, जिनमें लहार से डॉ. गोविन्द सिंह, बमौरी से ब्रजेन्द्र सिंह सिसोदिया, राधोगढ़ से जयवर्धन सिंह, भितरवार से लाखन सिंह यादव, डबरा से इमरती देवी और ग्वालियर विधानसभा से प्रद्युम्न सिंह तोमर को मंत्री बनाया गया है। बीते दिनों इमरती देवी ने अपने बयान में कहा था कि वे सिंधिया गुट से आती जरूर हैं लेकिन सिंधिया उनके नेता नहीं हैं भगवान हैं, इमरती देवी ने कहा था कि वे सिंधिया जी की पूजा करती है। मंत्री पद मिलने के बाद इमरती देवी जब ग्वालियर गईं थी तो उन्होंने महाराजा की छतरी पहुंचकर स्व. माधवराव सिंधिया की मूर्ति पर माल्यापर्ण कर उनके पैरों में माथा टेका था। यही नहीं वे कई बार सार्वजनिक स्थलों पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के पाव छूती नजर आती हैं। यही नहीं बीते दिनों उन्होंने यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि यह चुनाव सिंधिया को आगे रखकर लड़ा गया। बीजेपी और उसके नेताओं के निशाने पर सिंधिया थे, पार्टी ने वोट भी उनको मुख्यमंत्री बनाने के नाम पर मांगे थे। सिंधिया मुख्यमंत्री नहीं बने तो उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो लोकसभा चुनाव में कैसे वोट मांगने जाएंगे, मतदाता तो क्षेत्र में ही नहीं घुसने देंगे। महिला एवं बाल विकास मंत्री के ये बोल साफ दर्शाते हैं कि वे पूरी तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया के भरोसे राजनीति कर रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि वे इतने महत्वपूर्ण विभाग में महत्वपूर्ण निर्णय कैसे ले पाएंगी। गौरतलब है कि महिला एवं बाल विकास विभाग में महिलाओं और बच्चों के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की जाती हैं। इन योजनाओं के क्रियान्वयन से लेकर उनकी मॉनिटरिंग तक पर मंत्री को नजर रखनी होती है। लेकिन जिस तरह इमरती देवी महाराज के भरोसे दिख रही हैं उससे ऐसा लगता है कि कहीं वह विभाग में रबर स्टेम्प बनकर न रह जाएं। वैसे देखा जाए तो इमरती देवी कभी अपने बयान तो कभी अपनी कार्यप्रणाली के कारण चर्चा में बनी रहती हैं। इससे पहले वो अपने पालतू कुत्ते के लापता हो जाने पर सुर्खियों में आईं थी। उन्होंने कुत्ते की तलाश में पूरी पुलिस लगा दी थी। प्रेसवार्ता बुलाकर आम जनता से मदद की अपील भी की थी। -विशाल गर्ग
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